कप्तान कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 'रिकॉर्ड' जीत का श्रेय इन चार खिलाड़ियों को दिया

विराट कोहली
पृथ्वी को डेब्यू टेस्ट में 134 रन की शानदार शतकीय पारी की बदौलत ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया.
- News18Hindi
- Last Updated: October 6, 2018, 6:41 PM IST
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार जीत के बाद मुंबई के युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ की तारीफ करते हुए कहा कि उसकी अद्भुत क्षमता को देखते हुए ही उसे टेस्ट टीम में शामिल किया गया था.
पृथ्वी को डेब्यू टेस्ट में 134 रन की शानदार शतकीय पारी की बदौलत ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया जो डेब्यू टेस्ट में भारत के सबसे युवा और दुनिया के चौथे बल्लेबाज बने.
कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘पृथ्वी और जड्डू (रवींद्र जडेजा) के लिये बहुत खुश हूं. अपने पहले मैच में खेलते हुए उसे इस तरह का दबदबा बनाते हुए देखना शानदार था, उसने (पृथ्वी) ने दिखा दिया कि वह अद्भुत प्रतिभा का धनी है. इसलिये ही उसे टेस्ट टीम में शामिल किया गया. कप्तान के लिये यह देखना शानदार है.’
उन्होंने कहा, ‘जड्डू के लिये भी - वह पहले भी हमारे लिये रन बना चुका है और हम उसे शतक तक पहुंचते हुए देखना चाहते थे. हमारा मानना है कि वह हमारे लिये मैचों का रूख बदल सकता है.’
प्रतिद्वंद्वी टीम को दबाव में लाने के लिये कोहली ने मोहम्मद शमी और उमेश यादव की तेज गेंदबाजी जोड़ी को भी श्रेय दिया. उन्होंने कहा, ‘अगर आप पहली पारी देखोगे तो जिस तरह से उमेश और शमी ने गेंदबाजी की, वह अच्छा था. नयी गेंद से कुछ विकेट निकालकर आप विपक्षी टीम को दबाव में डाल सकत हो. शमी ने ऐसी पिच पर विकेट झटके जिस पर कोई मदद नहीं मिल रही थी.’
ओवरगति के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा कि इसके लिये खिलाड़ी से ज्यादा अंपायर जिम्मेदार रहे. उन्होंने कहा, ‘इसमें थोड़ा योगदान अंपायरों का भी रहा. पानी पीने के ब्रेक के नये नियम के अनुसार खिलाड़ी थोड़े परेशान रहे, खिलाड़ियों के लिये बिना पानी के 45 मिनट तक बल्लेबाजी करना मुश्किल था. मुझे भरोसा है कि वे इन नियमों को देखेंगे और परिस्थितियों के हिसाब से इसमें तालमेल बिठायेंगे.’
राजकोट और इंग्लैंड की परिस्थितियों के बारे में कोहली ने कहा कि दोनों की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी चुनौती थी. हम अपनी काबिलियत को अच्छी तरह जानते हैं, हम इस तरह के हालात में दबदबा बना सकते हैं. हम शानदार रहे.’
वेस्टइंडीज के कप्तान क्रेग ब्रेथवेट ने कहा कि भागीदारी की कमी से उन्होंने मैच गंवा दिया. उन्होंने कहा, ‘भारत अच्छा खेला और उसने हमें दिखाया कि कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए. बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम कोई बड़ी साझेदारी नहीं बना सके जिसका हमें खामियाजा भुगतना पड़ा.’
पृथ्वी को डेब्यू टेस्ट में 134 रन की शानदार शतकीय पारी की बदौलत ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया जो डेब्यू टेस्ट में भारत के सबसे युवा और दुनिया के चौथे बल्लेबाज बने.
कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘पृथ्वी और जड्डू (रवींद्र जडेजा) के लिये बहुत खुश हूं. अपने पहले मैच में खेलते हुए उसे इस तरह का दबदबा बनाते हुए देखना शानदार था, उसने (पृथ्वी) ने दिखा दिया कि वह अद्भुत प्रतिभा का धनी है. इसलिये ही उसे टेस्ट टीम में शामिल किया गया. कप्तान के लिये यह देखना शानदार है.’
उन्होंने कहा, ‘जड्डू के लिये भी - वह पहले भी हमारे लिये रन बना चुका है और हम उसे शतक तक पहुंचते हुए देखना चाहते थे. हमारा मानना है कि वह हमारे लिये मैचों का रूख बदल सकता है.’

प्रतिद्वंद्वी टीम को दबाव में लाने के लिये कोहली ने मोहम्मद शमी और उमेश यादव की तेज गेंदबाजी जोड़ी को भी श्रेय दिया. उन्होंने कहा, ‘अगर आप पहली पारी देखोगे तो जिस तरह से उमेश और शमी ने गेंदबाजी की, वह अच्छा था. नयी गेंद से कुछ विकेट निकालकर आप विपक्षी टीम को दबाव में डाल सकत हो. शमी ने ऐसी पिच पर विकेट झटके जिस पर कोई मदद नहीं मिल रही थी.’
ओवरगति के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा कि इसके लिये खिलाड़ी से ज्यादा अंपायर जिम्मेदार रहे. उन्होंने कहा, ‘इसमें थोड़ा योगदान अंपायरों का भी रहा. पानी पीने के ब्रेक के नये नियम के अनुसार खिलाड़ी थोड़े परेशान रहे, खिलाड़ियों के लिये बिना पानी के 45 मिनट तक बल्लेबाजी करना मुश्किल था. मुझे भरोसा है कि वे इन नियमों को देखेंगे और परिस्थितियों के हिसाब से इसमें तालमेल बिठायेंगे.’
राजकोट और इंग्लैंड की परिस्थितियों के बारे में कोहली ने कहा कि दोनों की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी चुनौती थी. हम अपनी काबिलियत को अच्छी तरह जानते हैं, हम इस तरह के हालात में दबदबा बना सकते हैं. हम शानदार रहे.’
वेस्टइंडीज के कप्तान क्रेग ब्रेथवेट ने कहा कि भागीदारी की कमी से उन्होंने मैच गंवा दिया. उन्होंने कहा, ‘भारत अच्छा खेला और उसने हमें दिखाया कि कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए. बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम कोई बड़ी साझेदारी नहीं बना सके जिसका हमें खामियाजा भुगतना पड़ा.’