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'विदेशी कोच यहां आते हैं, पैसा कमाते हैं और गायब हो जाते हैं', गंभीर के बयान पर फैन्स ने याद दिलाए गैरी कर्स्टन

गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के लिए भारतीय कोच की वकालत की है (PIC: AFP)

गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के लिए भारतीय कोच की वकालत की है (PIC: AFP)

Gautam Gambhir on Foreign coaches: भारत के विश्व कप विजेता क्रिकेटर गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के लिए भारतीय कोचों की भर् ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

मैदान से दूर होने के बाद भी सुर्खियों में बने रहते हैं गौतम गंभीर
गौतम गंभीर विदेशी कोच पर अपने बयान से सुर्खियां बटोर रहे हैं.
गंभीर के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.

नई दिल्ली. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर एक बार टीम इंडिया के साथ विदेशी कोचों को जोड़ने के बारे में अपनी टिप्पणी से सुर्खियां बटोर रहे हैं. बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने विदेशों से किसी को रखने पर पैसा खर्च करने के बजाय एक रिटायर भारतीय खिलाड़ी को टीम के कोच के रूप में लेने के विचार का समर्थन किया है. गंभीर ने अपने बयान में अनिल कुंबले, रवि शास्त्री और मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ की सेवाओं की सराहना की.

गौतम गंभीर ने कहा कि भारतीय टीम को कोचिंग देना टीम इंडिया के साथ अब तक की सबसे अच्छी चीज है, लेकिन विदेशी कोचों पर उनकी टिप्पणी से कुछ लोग नाराज हो गए. गंभीर ने कहा कि विदेशी कोच केवल यहां आते हैं और अच्छा पैसा कमाकर गायब हो जाते हैं, क्योंकि इसमें कोई भावना शामिल नहीं है.

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पूर्व क्रिकेटर ने अपने भाषण का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा किया, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”पिछले छह-सात वर्षों में भारतीय क्रिकेट में एक अच्छी बात यह हुई है कि भारतीयों ने भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देना शुरू कर दिया है. मैं इसमें बहुत दृढ़ विश्वासी हूं. भारतीयों को ही भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनना चाहिए. ये सभी विदेशी कोच, जिन्हें हम बहुत महत्व देते हैं. वे यहां आते हैं, पैसा कमाते हैं और गायब हो जाते हैं. खेल में भावनाएं शामिल होती हैं, और भारतीय क्रिकेट या भारतीय खेलों के बारे में केवल वही लोग भावुक हो सकते हैं, जिन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है.”

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गंभीर ने आगे कहा, ”इसलिए, चाहे वह अभी राहुल द्रविड़ हों, या उनसे पहले यह रवि शास्त्री और अनिल कुंबले थे, मुझे उम्मीद है कि यह चलन जारी रहेगा. अगर आप राहुल द्रविड़ से पूछेंगे तो शायद वह उन सभी लोगों से ज्यादा भावुक होंगे. काश मैं इनमें से किसी एक भारतीय कोच के अधीन खेला होता.”

हालांकि, गौतम गंभीर की टिप्पणी कई क्रिकेट प्रशंसकों को अच्छी नहीं लगी. जहां कुछ लोग उनकी राय से सहमत थे, वहीं अन्य ने भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज को गैरी कर्स्टन और जॉन राइट जैसे विदेशी कोचों की याद दिलाई. फैन्स ने गैरी कर्स्टन कोचिंग पीरियड में भारत की 2011 विश्व कप जीत को याद किया. इस वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा गंभीर भी थे.

भारत द्वारा जीता गया यह अंतिम वर्ल्ड कप है. इसके बाद से किसी भी भारतीय कोच की मेंटोरशिप में भारत ने कोई वर्ल्ड कप या आईसीसी चैंपियनशिप नहीं जीती है. गंभीर ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी. पूर्व बल्लेबाज ने अपने भाषण का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर साझा किया.

Tags: Gary Kirsten, Gautam gambhir, Rahul Dravid, Ravi shastri, Team india

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