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पूर्व भारतीय स्पिनर ने बोली बड़ी बात- रिवर्स स्विंग के कारण बर्बाद हुआ लेग स्पिनर्स का करियर

युवराज सिंह ने पिछले साल रोहित शर्मा के साथ इंस्‍टाग्राम लाइव के दौरान युजवेंद्र चहल की बात आने पर जातिसूचक शब्‍द का इस्‍तेमाल किया था. इसके बाद युवराज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि औपचारिक गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्‍हें अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया. (PIC: AFP)

युवराज सिंह ने पिछले साल रोहित शर्मा के साथ इंस्‍टाग्राम लाइव के दौरान युजवेंद्र चहल की बात आने पर जातिसूचक शब्‍द का इस्‍तेमाल किया था. इसके बाद युवराज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि औपचारिक गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्‍हें अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया. (PIC: AFP)

भारत के 25 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले स्पिनर ने मौजूदा दौर में टेस्ट क्रिकेट में लेग स्पिन गेंदबाजों के घटते असर पर ब ...अधिक पढ़ें

    मुंबई. भारत के लिए 9 टेस्ट और 16 वनडे खेलने वाले लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) को मौजूदा दौर के लेग स्पिनर रास नहीं आ रहे हैं. उन्हें इस बात की निराशा है कि वर्तमान समय के लेग स्पिनर टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर महत्वाकांक्षी नहीं हैं और उन्होंने गेंद को रिवर्स स्विंग कराने पर अधिक जोर देने को इसके लिये कुछ हद तक जिम्मेदार ठहराया.

    पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) ने वर्चुअल बातचीत में कहा, ”मुझे बहुत अधिक लेग स्पिनरों में टेस्ट क्रिकेट खेलने की महत्वाकांक्षा नहीं दिखती. वे सीमित ओवरों की क्रिकेट खेलकर ही खुश हैं. इससे वास्तव में मुझे पीड़ा पहुंचती है. वे केवल सफेद गेंद की क्रिकेट में सफल होते हैं, जब बल्लेबाज आक्रमण पर ध्यान देते हैं और उन्हें विकेट मिलते हैं.”

    शिवरामकृष्णन ने कहा कि रिवर्स स्विंग पर बहुत अधिक जोर देने से कुछ स्पिन गेंदबाजों का करियर बर्बाद हुआ है. अब पुरानी गेंद का उपयोग रिवर्स स्विंग के लिये किया जाता है और इसका सबसे अधिक असर लेग स्पिनर पर पड़ा है. लेग स्पिनर पूर्व में टीम आक्रमण के केंद्र बिंदु हुआ करते थे. लेकिन शेन वॉर्न (Shane Warne) और अनिल कुंबले (Anil Kumble) जैसे दिग्गजों के संन्यास लेने के बाद लेग स्पिनरों का टेस्ट फॉर्मेट में कम प्रभाव देखने को मिला है.

    टेस्ट क्रिकेट में लेग स्पिनर की असल परीक्षा होती है: शिवरामकृष्णन

    पूर्व भारतीय गेंदबाज ने कहा, “एक लेग स्पिनर की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट में होती है. जबकि तीन करीबी क्षेत्ररक्षक लगे हों. वर्तमान समय की क्रिकेट में सभी लेग स्पिनर इसलिए सफल हो रहे हैं. क्योंकि बल्लेबाज बड़े शॉट खेलने के प्रयास में गलतियां करते हैं. मुझे याद नहीं कि भारत के लिये आखिरी बार लेग स्पिनर कब टेस्ट मैच खेला था.”

    ‘लेग स्पिनर टेस्ट के बजाए टी20 पर जोर दे रहे’
    भारत की बात करें तो अनिल कुंबले, भागवत चंद्रशेखर, सुभाष गुप्ते जैसे अच्छे लेग स्पिनर हुए. अनिल कुंबले तो भारत की तरफ से सबसे अधिक 619 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. कुंबले के संन्यास के बाद अमित मिश्रा (Amit Mishra) को भी 22 टेस्ट में आजमाया गया. लेकिन वे 36 की औसत से सिर्फ 76 विकेट ले सके. वे 2016 के बाद से टेस्ट टीम से बाहर हैं. हालांकि, उनका टी20 में प्रदर्शन टेस्ट के मुकाबले अच्छा है. वे टेस्ट में जहां 36 की औसत से विकेट लिए. वहीं टी20 में वे सिर्फ 23 की औसत से विकेट ले रहे हैं.

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    106 मैच खेलने चहल ने एक टेस्ट भी नहीं खेला
    इसके अलावा टीम इंडिया (Team India) के मौजूदा समय के सबसे बेस्ट लेग स्पिनर माने जाने वाले युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) 2016 से इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं. वे 56 वनडे और 50 टी20 यानी 106 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. लेकिन उन्हें अब तक टेस्ट में मौका नहीं मिला है. बाकी देशों का हाल भी कमोबेश ऐसा ही है. आस्ट्रेलिया के एडम जाम्पा और इंग्लैंड के आदिल राशिद सीमित ओवरों की क्रिकेट खेलने को प्राथमिकता देते हैं.

    (भाषा के इनपुट के साथ)

    Tags: Amit mishra, Anil Kumble, Cricket news, Laxman Sivaramakrishnan, Yuzvendra Chahal

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