Team India Coach Salary: रवि शास्त्री टी20 वर्ल्ड कप के बाद कोच का पद छोड़ देंगे. (Ravi Shastri Instagram)
नई दिल्ली. टीम इंडिया (Team India) में इन दिनों सबसे अधिक चर्चा कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) की हो रही है. टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) के बाद वे अपना पद छोड़ रहे हैं. उनकी जगह पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को नया कोच बनाए जाने की चर्चा की है. उन्हें हर साल 10 करोड़ रुपए की सैलरी मिल सकती है. आज से 25 साल पहले की बात करें तो बतौर कोच मदन लाल (Madan Lal) को हर महीने सिर्फ 5 लाख रुपए मिलते थे. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के तहत कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को अभी 7 करोड़ रुपए मिलते हैं. यानी कोच की सैलरी कप्तान से भी अधिक है. द्रविड़ को अभी 2 साल का करार दिए जाने की बात सामने आ रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बतौर कोच रवि शास्त्री को भी 9.5 से 10 करोड़ रुपए के आस-पास सैलरी मिलती है. यह दुनिया में किसी भी क्रिकेट कोच को मिलने वाली सबसे अधिक सैलरी है. शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने विदेशों में जीत के झंडे गाड़े. टीम ने ऑस्ट्रेलिया में 2 बार टेस्ट सीरीज जीती. इससे पहले कभी भी टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी थी. पिछले दिनों टीम ने इंग्लैंड में भी सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई. टीम पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में भी पहुंची थी. हालांकि शास्त्री के कार्यकाल में टीम एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी. इस कारण उन पर सवाल उठते रहे.
1996-97 में मदन लाल थे कोच
1996-97 में 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम में शामिल रहे मदन लाल टीम इंडिया के कोच रहे. उन्हें हर महीने 5 लाख रुपए दिए जाते थे. इसके बाद 1999-2000 में पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) भी टीम इंडिया के कोच बने. उन्हें हर मैच के 4 लाख और अतिरिक्त बोनस दिया जाता था. रवि शास्त्री को जब 2017 में करार दिया गया था, तब उन्हें सालाना 8 करोड़ मिलते थे. 2019 में इसमें 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी.
पूर्व कप्तान कुंबले को मिलते थे 6 करोड़
2016-17 के दौरान पूर्व कप्तान अनिल कुंबले (Anil Kumble) टीम इंडिया के कोच रहे. उन्हें सालाना 6 करोड़ रुपए मिलते थे. 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में मिली हार के बाद और कोहली से विवाद के बाद वे हट गए थे. विदेशी कोच की बात करें तो न्यूजीलैंड के जॉन राइट 2000 से 2005 तक टीम इंडिया के कोच रहे. उन्हें सालाना लगभग 1 करोड़ रुपए मिलते थे. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्रेग चैपल 2005 से 2007 तक कोच रहे. उन्हें सालाना 1.25 करोड़ रुपए दिए जाते थे. वहीं साउथ अफ्रीका के गैरी कस्टर्न 2008 से 2011 तक टीम के कोच रहे. उन्हें लगभग 2.5 करोड़ रुपए सालाना दिए जाते थे. इसके अलावा जिम्बाब्वे के डंकन फ्लेचर भी 2011 से 2015 तक टीम के कोच रहे. उन्हें सालाना 4.2 करोड़ रुपए मिलते थे.
विवाद के कारण विदेशी कोच से तौबा
ग्रेग चैपल के कार्यकाल के दौरान टीम के बड़े खिलाड़ियों जैसे सौरव गांगुली के साथ कोच के रिश्ते अच्छे नहीं रहे थे. गांगुली को टीम तक से बाहर कर दिय गया था. टीम 2007 वनडे वर्ल्ड कप के पहले ही राउंड में बाहर हो गई थी. इसे देखते हुए बोर्ड अब विदेशी कोच नहीं रखना चाहता है. गांगुली अभी बीसीसीआई के अध्यक्ष भी हैं. द्रविड़ की जगह की किसी पूर्व खिलाड़ी को ही एनसीए की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
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