नई दिल्ली. स्पिन गेंदबाजी भारतीय क्रिकेट का हमेशा से ही मजबूत पहलू रहा है. भारतीय स्पिन गेंदबाजी को असल पहचान 50 के दशक से मिलनी शुरू हुई. यही वो दौर था, जब वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad), सुभाष गुप्ते (Subhash Gupte) और गुलाम अहमद (Ghulam Ahmed) के रूप में भारतीय क्रिकेट की पहली स्पिन तिकड़ी अस्तित्व में आई. इसी में से एक गेंदबाज गुलाम मोहम्मद का आज जन्मदिन है. वो 4 जुलाई 1922 को हैदराबाद में पैदा हुए थे. वो भारत के लिए 10 साल में सिर्फ 22 टेस्ट ही खेले. लेकिन एक स्पिन गेंदबाज के रूप में भारतीय क्रिकेट पर उनका काफी गहरा असर रहा.
गुलाम अहमद ने 31 दिसंबर 1948 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में शानदार टेस्ट डेब्यू किया था. अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने 6 विकेट झटककर अपनी काबिलियत साबित की थी. अगले तीन साल में वो भारत के लिए सिर्फ दो टेस्ट खेले और उनका प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा. 1952 उनके करियर का सबसे यादगार साल रहा. उन्होंने इस साल सबसे ज्यादा 10 टेस्ट खेले और कुल 37 विकेट झटके. इस दौरान उन्होंने दो बार पांच विकेट भी लिए.
भारत की पहली टेस्ट जीत में गुलाम अहमद का अहम रोल था
गुलाम अहमद के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी ये साल खास रहा था. क्योंकि इसी साल उसे चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट इतिहास की पहली जीत मिली थी. भारत ने अपना पहला टेस्ट 1932 में खेला था और उसे अपनी पहली जीत 27वें टेस्ट में मिली. टीम की इस जीत में वीनू मंकड, पॉली उमरीगर के साथ गुलाम अहमद का भी अहम रोल था. वो टेस्ट की पहली पारी में तो कोई विकेट नहीं ले पाए थे. लेकिन दूसरी पारी में 4 विकेट लेकर टीम की जीत तय की.
गुलाम अहमद ने टेस्ट में 4 बार पांच विकेट लिए
इस ऑफ स्पिनर ने 1952 के बाद अगले 6 साल में सिर्फ 9 टेस्ट खेले और 23 विकेट लिए. 1958 में इस गेंदबाज ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट खेला. डेब्यू की तरह इस बार भी विपक्षी टीम वेस्टइंडीज ही थी. लेकिन उनकी विदाई डेब्यू टेस्ट जैसी शानदार नहीं रही. वो इस मुकाबले में सिर्फ एक विकेट ही ले पाए. गुलाम अहमद ने टेस्ट में चार बार पांच विकेट लिए. लेकिन तीन बार टीम के हिस्से हार आई.
22 पारियों में 9 बार शून्य पर आउट हुए
वो ऑफ स्पिन गेंदबाजी के साथ निचले क्रम में आक्रामक बल्लेबाजी भी करते थे. लेकिन उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं था. 22 पारियों में वो 9 बार शून्य पर आउट हुए थे. टेस्ट करियर में उन्होने पाकिस्तान के खिलाफ एक अर्धशतक जड़ा था. उन्होंने 50 रन की ये पारी 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ठोकी थी. वो इस नंबर पर देश के लिए फिफ्टी जड़ने वाले पहले बल्लेबाज थे. इस दौरान उन्होंने आखिरी विकेट के लिए हेमू अधिकारी के साथ 109 रन की रिकॉर्ड पार्टरनशिप की थी. हालांकि, उनके बाद जहीर खान और मोहम्मद शमी भी ऐसा कर चुके हैं.
गुलाम अहमद ने भारत के लिए तीन टेस्ट में कप्तानी भी की. पहली बार 1955-56 में न्यूजीलैंड के खिलाफ और बाकी दो मौकों पर वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें टीम की कमान संभालने का मौका मिला. दो दशक लंबे चले फर्स्ट क्लास करियर में गुलाम अहमद ने 22.57 की औसत से कुल 407 विकेट झटके. उन्होंने 32 बार पांच और 9 बार मैच में 10 विकेट लिए. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वो 1975 से 1980 के बीच बीसीसीआई के सचिव भी रहे. 1998 में हैदराबाद में उनका निधन हो गया था.undefined
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FIRST PUBLISHED : July 04, 2021, 05:41 IST