Happy Birthday: मां ने किश्तों में चुकाए थे चेतेश्वर पुजारा के बैट के पैसे, अपने हाथों से सिले थे बैटिंग पैड!

Happy Birthday Cheteshwar Pujara: 31 साल के हुए चेतेश्वर पुजारा (साभार-एपी)
टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara Birthday) 31 साल के हो गए हैं. उनके जन्मदिन पर जानिए उनकी निजी जीवन की कुछ ऐसी बातें जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 25, 2021, 5:41 AM IST
नई दिल्ली. टीम इंडिया की नई 'दीवार' कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara Birthday) का आज 31वां जन्मदिन है. 25 जनवरी 1988 को राजकोट में जन्मे पुजारा आज भारतीय टेस्ट टीम की रीड की हड्डी माने जाते हैं. चेतेश्वर पुजारा का करियर बताता है कि वो कितने बड़े खिलाड़ी हैं. चेतेश्वर पुजारा 81 टेस्ट में 6111 रन बना चुके हैं और उनका औसत 47.74 है. पुजारा ने 18 शतक और 28 अर्धशतक जड़े हैं.
हाल ही में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में मिली ऐतिहासिक जीत में पुजारा का अहम योगदान रहा. पुजारा इस सीरीज में एक भी शतक नहीं लगा सके लेकिन उन्होंने 928 गेंदों का सामना कर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थका दिया. पुजारा ने सीरीज में 3 अर्धशतकों की मदद से 271 रन बनाए और टीम इंडिया की 2-1 से जीत हुई. चेतेश्वर पुजारा का कद इसलिए इतना बड़ा हुआ है क्योंकि उन्होंने बचपन से ही बहुत मेहनत की है. सिर्फ पुजारा ही नहीं उनकी कामयाबी में उनकी मां का भी बड़ा हाथ रहा है. आइए आपको बताते हैं कि चेतेश्वर पुजारा की मां रीना ने उनके लिए क्या-क्या बलिदान दिया? कैसे उन्होंने अपने बेटे को इतना बड़ा क्रिकेटर बनाया.
मां ने बनाया चेतेश्वर पुजारा को महान क्रिकेटर
चेतेश्वर पुजारा जब बेहद छोटे थे तो उनकी मां रीना ने सपना देखा था कि उनका बेटा एक दिन भारत के लिए क्रिकेट खेलेगा. चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा ने भी बेहद छोटी उम्र में अपने बेटे का टैलेंट पहचान लिया था. अरविंद पुजारा खुद रणजी ट्रॉफी खेले हैं. चेतेश्वर पुजारा को पहला लेदर बॉल बैट उनकी मां ने गिफ्ट के तौर पर दिया था. पुजारा की मां ने उस समय 1500 रुपये का बैट खरीदकर अपने बेटे को दिया था. उस बैट के पैसे पुजारा की मां ने किश्तों में चुकाए थे. यही नहीं पुजारा जब 8 साल के थे तो उन्हें दूसरे बैटिंग पैड्स फिट नहीं होते थे क्योंकि उनका कद छोटा था. इसके बाद मां ने पुजारा के लिए अपने हाथों से बेटे के लिए पैड्स सिले.IND vs AUS: ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने जमकर बरसाए बाउंसर, दर्द में भी 'दीवार' बने रहे पुजारा
अगर आप चेतेश्वर पुजारा की स्लो बैटिंग से परेशान हैं तो राहुल द्रविड़ का स्ट्राइक रेट देख लीजिए
चेतेश्वर पुजारा अपनी मेहनत के दम पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मशहूर हुए लेकिन उनकी मां अपने बेटे को भारत के लिए खेलता नहीं देख सकी. चेतेश्वर पुजारा के डेब्यू से पहले उनकी मां का कैंसर की वजह से निधन हो गया. चेतेश्वर पुजारा ने अपनी मां को खो दिया लेकिन उन्होंने उनका सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पुजारा ने 9 अक्टूबर 2010 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. पुजारा आज दुनिया के बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटर्स में से एक हैं.
हाल ही में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में मिली ऐतिहासिक जीत में पुजारा का अहम योगदान रहा. पुजारा इस सीरीज में एक भी शतक नहीं लगा सके लेकिन उन्होंने 928 गेंदों का सामना कर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थका दिया. पुजारा ने सीरीज में 3 अर्धशतकों की मदद से 271 रन बनाए और टीम इंडिया की 2-1 से जीत हुई. चेतेश्वर पुजारा का कद इसलिए इतना बड़ा हुआ है क्योंकि उन्होंने बचपन से ही बहुत मेहनत की है. सिर्फ पुजारा ही नहीं उनकी कामयाबी में उनकी मां का भी बड़ा हाथ रहा है. आइए आपको बताते हैं कि चेतेश्वर पुजारा की मां रीना ने उनके लिए क्या-क्या बलिदान दिया? कैसे उन्होंने अपने बेटे को इतना बड़ा क्रिकेटर बनाया.
मां ने बनाया चेतेश्वर पुजारा को महान क्रिकेटर
चेतेश्वर पुजारा जब बेहद छोटे थे तो उनकी मां रीना ने सपना देखा था कि उनका बेटा एक दिन भारत के लिए क्रिकेट खेलेगा. चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा ने भी बेहद छोटी उम्र में अपने बेटे का टैलेंट पहचान लिया था. अरविंद पुजारा खुद रणजी ट्रॉफी खेले हैं. चेतेश्वर पुजारा को पहला लेदर बॉल बैट उनकी मां ने गिफ्ट के तौर पर दिया था. पुजारा की मां ने उस समय 1500 रुपये का बैट खरीदकर अपने बेटे को दिया था. उस बैट के पैसे पुजारा की मां ने किश्तों में चुकाए थे. यही नहीं पुजारा जब 8 साल के थे तो उन्हें दूसरे बैटिंग पैड्स फिट नहीं होते थे क्योंकि उनका कद छोटा था. इसके बाद मां ने पुजारा के लिए अपने हाथों से बेटे के लिए पैड्स सिले.IND vs AUS: ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने जमकर बरसाए बाउंसर, दर्द में भी 'दीवार' बने रहे पुजारा
अगर आप चेतेश्वर पुजारा की स्लो बैटिंग से परेशान हैं तो राहुल द्रविड़ का स्ट्राइक रेट देख लीजिए
चेतेश्वर पुजारा अपनी मेहनत के दम पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मशहूर हुए लेकिन उनकी मां अपने बेटे को भारत के लिए खेलता नहीं देख सकी. चेतेश्वर पुजारा के डेब्यू से पहले उनकी मां का कैंसर की वजह से निधन हो गया. चेतेश्वर पुजारा ने अपनी मां को खो दिया लेकिन उन्होंने उनका सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पुजारा ने 9 अक्टूबर 2010 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. पुजारा आज दुनिया के बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटर्स में से एक हैं.