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Harbhajan Singh Birthday: हरभजन सिंह बनना चाहते थे ट्रक ड्राइवर, बहनों की वजह से बदल गई किस्मत

भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह दूसरी बार पिता बने हैं (PC-हरभजन सिंह इंस्टाग्राम)

भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह दूसरी बार पिता बने हैं (PC-हरभजन सिंह इंस्टाग्राम)

भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh Birthday) का आज 41वां जन्मदिन है. टर्बोनेटर के नाम से मशहूर भज्जी ने अपने ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. वो गेंदबाज जिसकी फिरकी ने ऑस्ट्रेलिया की बेहद मजबूत टीम को खौफ में भर दिया था. वो स्पिनर जिसने महान बल्लेबाज रिकी पॉन्टिंग को नाको चने चबवा दिये. वो गेंदबाज जिसने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पहली हैट्रिक झटकने का कारनामा किया. बात हो रही है हरभजन सिंह (Harbhajan Singh Birthday) की, जिनका आज 41वां जन्मदिन है. 3 जुलाई, 1980 को जालंधर में जन्मे हरभजन सिंह ने भारत के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 मैच खेले. हरभजन सिंह के नाम 417 टेस्ट विकेट हैं, वो वनडे में 269 शिकार कर चुके हैं और टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 25 विकेट अपने नाम किये. हरभजन सिंह के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि वो 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वर्ल्ड कप जीत चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एक वक्त ऐसा था जब हरभजन सिंह ने क्रिकेट छोड़कर ट्रक ड्राइवर बनने का फैसला कर लिया था.

    साल 1998 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले हरभजन सिंह को डेढ़ साल के बाद ही बाहर कर दिया गया था. उस वक्त कुंबले टीम इंडिया के स्टार स्पिनर थे और उनकी गैरमौजूदगी में ही दूसरे स्पिनर्स को मौका मिल रहा था. मौका ना मिलने की वजह से हरभजन सिंह निराश हो गए थे और इसी दौरान उन्होंने अपने पिता को खो दिया. साल 2000 में हरभजन सिंह के पिता का निधन हो गया और इसके बाद परिवार चलाने की जिम्मेदारी 21 साल के इस खिलाड़ी पर आ गई. हरभजन सिंह को अपनी मां और पांच बहनों को पालना था और ना तो उनके पास कोई नौकरी थी और ना ही टीम इंडिया में उन्हें जगह मिल रही थी.

    ट्रक ड्राइवर बनने का फैसला किया
    हरभजन सिंह ने परिवार चलाने के लिए क्रिकेट छोड़ ट्रक ड्राइवर बनने का फैसला किया. वो कनाडा जाकर ट्रक चलाना चाहते थे. हालांकि हरभजन सिंह को ऐसा करने से उनकी बहनों ने रोक दिया. उन्हें परिवार ने क्रिकेट पर और मेहनत करने की सलाह दी जिसके बाद हुआ चमत्कार. हरभजन सिंह ने साल 2000 रणजी ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन करते हुए 5 मैचों में महज 13.96 की औसत से 28 विकेट हासिल किये. इस प्रदर्शन के बाद हरभजन सिंह ने साल 2001 में टीम इंडिया में वापसी की और फिर इस स्पिनर ने इतिहास रचा.

    ऑस्ट्रेलिया पर बरसा हरभजन सिंह का कहर
    साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई और टेस्ट सीरीज में हरभजन सिंह ने कोहराम मचा दिया. कुंबले के चोटिल होने के बाद हरभजन सिंह को टीम इंडिया में जगह मिली. भारतीय टीम पहला ही टेस्ट मैच हार गई जिसमें उन्होंने चार विकेट हासिल किये. अगले दो टेस्ट मैचों में हरभजन सिंह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटे. हरभजन ने दूसरे टेस्ट में 13 और तीसरे टेस्ट में 15 विकेट चटकाए. हरभजन सिंह ने सीरीज में 32 विकेट लिए और वो टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर भी बने. इसी सीरीज से उन्हें टर्बोनेटर नाम मिला.

    हरभजन के करियर की चौंकाने वाली बातें
    हरभजन सिंह पहले बल्लेबाज बनना चाहते थे और करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने बतौर बल्लेबाज ही प्रैक्टिस की लेकिन कोच दविंदर अरोड़ा के कहने पर उन्होंने स्पिन पर ध्यान दिया.

    हरभजन सिंह ने साल 1998 में वनडे डेब्यू किया था और उसी साल उनके एक्शन की जांच भी शुरू हो गई. उनका एक्शन संदिग्ध पाया गया और उसकी वैधता ही जांच भी हुई. हरभजन सिंह को क्लीन चिट मिली और इसके बाद उन्होंने साल 2001 में टीम इंडिया में वापसी की.

    हरभजन सिंह को साल 2002 में पंजाब पुलिस का डीएसपी बनने का न्योता मिला था लेकिन उन्होंने क्रिकेट की वजह से इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

    हरभजन सिंह के लिए साल 2008 बेहद खराब रहा था. हरभजन सिंह पर साल 2008 में ही एंड्रयू सायमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी के आरोप लगे और उसके बाद उन्होंने आईपीएल के दौरान एस श्रीसंत को मैदान पर थप्पड़ मार दिया.

    Tags: Cricket news, Harbhajan singh, India National Cricket Team, Sports news

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