'दमदार' पंड्या ने केपटाउन में एेेसे बचाई टीम इंडिया की लाज
Agency:News18Hindi
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जब केपटाउन टेस्ट के दूसरे दिन टीम इंडिया के 81 रन के स्कोर छह खिलाड़ी पवेलियन लौट गए तो हर कोई यही सोच रहा था कि क्या टीम 100 रन बना पाएगी?
हार्दिक पंड्या ने केपटाउन टेस्ट की पहली पारी में 93 रन बनाए. (Photo: AP) केपटाउन टेस्ट के दूसरे दिन टीम इंडिया के 81 रन के स्कोर छह खिलाड़ी पवेलियन लौट गए तो हर कोई यही सोच रहा था कि क्या टीम 100 रन बना पाएगी? यह सवाल वाजिब भी था क्योंकि उस वक्त रिद्धिमान साहा क्रीज़ पर थे तो नये बल्लेबाज़ के रूप में हार्दिक पंड्या ने कदम रखा था. इस मुश्किल स्थिति में हर किसी को पंड्या से कुछ उम्मीद तो थी लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा होगा कि जिस पिच पर विराट कोहली, मुरली विजय और हाशिम अमला जैसे बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके वहां पंड्या बिंदास अंदाज में 93 रन की पारी खेल डालेंगे.
पंड्या का सामना हुआ डेल स्टेन से. स्टेन की पहली बॉल पर दो रन लेकर अपना खाता खोलने वाले इस युवा बल्लेबाज़ ने उसी ओवर की तीसरी बॉल पर मिडविकेट क्षेत्र में चौका जड़कर अपने इरादे जता दिए. हालांकि 15 रन के स्कोर पर हार्दिक को स्टेन की बॉल पर गली में डील एल्गर के हाथों जीवनदान मिला, लेकिन इसके बाद इस युवा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब साहा बिना खाता खोले आउट हो गए तो लगा कि पंड्या पुछल्ले बल्लेबाज़ों के सहारे कब तक मोर्चा संभालेंगे, लेकिन मजबूत जीवटता वाले हार्दिक पंड्या ने शायद कुछ और ही सोच रखा था.
सबसे पहले उन्होंने भुवनेश्वर कुमार (25 रन) के साथ 8वें विकेट की साझेदारी में 99 रन जोड़कर ना सिर्फ टीम को 100 रन के फेर से उबारा बल्कि टीम को अच्छी पोजिशन में भी ले आए. हालांकि पंड्या की किस्मत अच्छी नहीं रहे और वे शतक से चूक गए. वह 95 बॉल पर 14 चौकों और एक छक्के की मदद से 93 रन बनाकर कागिसो रबाडा की बॉल पर विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक को कैच थमा बैठे. लेकिन जिस प्रकार भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम और फैन्स से उन्हें स्टेडिंग आवेशन मिला उससे उनकी इस पारी की अहमियम को बखूबी समझा जा सकता है.
दमदार पंड्या
सीमित ओवर क्रिकेट में इस युवा खिलाड़ी ने कुछ ऐसा शानदार प्रदर्शन किया है कि हर कोई उन्हें महान आॅलराउंडर कपिल देव का उत्तराधिकारी बताने लगा. इसी बीच इस युवा को टेस्ट क्रिकेट में शामिल करने की आवाज उठने लगी और फिर वो मौका पिछले साल जुलाई में आया जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ गॉल टेस्ट में टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला.
इस युवा ने पहली ही पारी में 50 रन की बेहतरीन पारी खेलकर कप्तान और कोच समेत हर किसी का भरोसा जीत लिया. इसी दौरे के तीसरे टेस्ट में जो कि कैंडी में खेला गया था उसमें पंड्या ने शतक (108) जड़ा. उन्होंने अपना शतक 86 बॉल पर सात चौके और इतने ही छक्कों की मदद से पूरा किया था. अपनी पहली ही सीरीज़ में करीब 60 के औसत से 178 रन और 23.04 के औसत से चार विकेट लेकर अच्छा प्रदर्शन था.
इस दमदार प्रदर्शन ने उनकी टेस्ट टीम में जगह सुनिश्चित कर दी तो सीरीज़ खत्म होते होते ना सिर्फ कप्तान और कोच बल्कि तमाम क्रिकेट पंडितों ने उन्हें टीम इंडिया का भविष्य करार दे डाला.
पंड्या ने अब तक 32 वनडे में 33.44 के औसत से 602 रन बनाने के अलावा 35.48 के औसत से 35 विकेट लिए हैं. जबकि 27 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम 154 रन (स्ट्राइक रेट.129.41) के साथ साथ 23 विकेट (औसत-23.07) दर्ज हैं.
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पंड्या का सामना हुआ डेल स्टेन से. स्टेन की पहली बॉल पर दो रन लेकर अपना खाता खोलने वाले इस युवा बल्लेबाज़ ने उसी ओवर की तीसरी बॉल पर मिडविकेट क्षेत्र में चौका जड़कर अपने इरादे जता दिए. हालांकि 15 रन के स्कोर पर हार्दिक को स्टेन की बॉल पर गली में डील एल्गर के हाथों जीवनदान मिला, लेकिन इसके बाद इस युवा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब साहा बिना खाता खोले आउट हो गए तो लगा कि पंड्या पुछल्ले बल्लेबाज़ों के सहारे कब तक मोर्चा संभालेंगे, लेकिन मजबूत जीवटता वाले हार्दिक पंड्या ने शायद कुछ और ही सोच रखा था.
सबसे पहले उन्होंने भुवनेश्वर कुमार (25 रन) के साथ 8वें विकेट की साझेदारी में 99 रन जोड़कर ना सिर्फ टीम को 100 रन के फेर से उबारा बल्कि टीम को अच्छी पोजिशन में भी ले आए. हालांकि पंड्या की किस्मत अच्छी नहीं रहे और वे शतक से चूक गए. वह 95 बॉल पर 14 चौकों और एक छक्के की मदद से 93 रन बनाकर कागिसो रबाडा की बॉल पर विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक को कैच थमा बैठे. लेकिन जिस प्रकार भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम और फैन्स से उन्हें स्टेडिंग आवेशन मिला उससे उनकी इस पारी की अहमियम को बखूबी समझा जा सकता है.
दमदार पंड्या
सीमित ओवर क्रिकेट में इस युवा खिलाड़ी ने कुछ ऐसा शानदार प्रदर्शन किया है कि हर कोई उन्हें महान आॅलराउंडर कपिल देव का उत्तराधिकारी बताने लगा. इसी बीच इस युवा को टेस्ट क्रिकेट में शामिल करने की आवाज उठने लगी और फिर वो मौका पिछले साल जुलाई में आया जब उन्हें श्रीलंका के खिलाफ गॉल टेस्ट में टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला.
इस युवा ने पहली ही पारी में 50 रन की बेहतरीन पारी खेलकर कप्तान और कोच समेत हर किसी का भरोसा जीत लिया. इसी दौरे के तीसरे टेस्ट में जो कि कैंडी में खेला गया था उसमें पंड्या ने शतक (108) जड़ा. उन्होंने अपना शतक 86 बॉल पर सात चौके और इतने ही छक्कों की मदद से पूरा किया था. अपनी पहली ही सीरीज़ में करीब 60 के औसत से 178 रन और 23.04 के औसत से चार विकेट लेकर अच्छा प्रदर्शन था.
इस दमदार प्रदर्शन ने उनकी टेस्ट टीम में जगह सुनिश्चित कर दी तो सीरीज़ खत्म होते होते ना सिर्फ कप्तान और कोच बल्कि तमाम क्रिकेट पंडितों ने उन्हें टीम इंडिया का भविष्य करार दे डाला.
पंड्या ने अब तक 32 वनडे में 33.44 के औसत से 602 रन बनाने के अलावा 35.48 के औसत से 35 विकेट लिए हैं. जबकि 27 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम 154 रन (स्ट्राइक रेट.129.41) के साथ साथ 23 विकेट (औसत-23.07) दर्ज हैं.
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