ऑस्ट्रेलिया ने भारत में पिछली टेस्ट सीरीज 2004 में एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में जीती थी. (Adam Gilchrist instagram)
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया की टीम एक बार फिर फाइनल फ्रंटियर जीतने भारत आई है. पूरी दुनिया जीतने के बाद जब-जब ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां आई, उसका घमंड टूटा. 2001 में 16 टेस्ट का उसका विजय रथ भारत में ही रुका था. ऑस्ट्रेलिया पिछली बार 2004 में भारत में टेस्ट सीरीज जीता था. उस जीत को 19 बरस हो चुके हैं. एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की टीम 19 साल के सूखे को खत्म करने आई है. लेकिन सवाल यही है कि क्या कंगारू टीम 19 साल पहले के करिश्मे को दोहरा पाएगी?
2004 में ऑस्ट्रेलिया क्यों सफल हुआ था. उससे जुड़े कई किस्से मशहूर हैं. जो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने अपनी बायोग्राफी और अलग-अलग इंटरव्यू में शेयर किए हैं. 19 साल पहले ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी मैदान नागपुर में ही मारा था और इस बार टेस्ट सीरीज का आगाज वहीं से होना जा रहा. हालांकि, इस बार मुकाबला विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के नए बने जामथा स्टेडियम में होगा. जबकि 2004 में पुराने स्टेडियम में मेैच खेला गया था.
2004 के भारत दौरे की ऑस्ट्रेलिया ने धमाकेदार शुरुआत की थी. उसने बैंगलोर में हुआ पहला टेस्ट जीता था. चेन्नई में हुआ दूसरा टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ रहा था. तीसरा टेस्ट नागपुर में खेला जाना था. यहां अगर ऑस्ट्रेलिया जीतता तो सीरीज उसकी मुठ्ठी में होती. हालांकि, फाइनल फ्रंटियर फतह से पहले पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम डर गई थी.
हुआ यूं कि चेन्नई से ऑस्ट्रेलियाई टीम टेस्ट खेलने रात में नागपुर पहुंचीं थीं. सभी खिलाड़ी काफी थके थे. सो सभी होटल में पहुंचने के बाद खाने पर सबसे पहले टूटे. रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और माइकल कास्प्रोविच ने मटन रोगन जोश ऑर्डर किया. वहीं, मैथ्यू हेडन, डेमियन मार्टिन और जस्टिन लैंगर की तिकड़ी ने फ्राइड राइस से ही काम चलाने का फैसला लिया.
ऑस्ट्रेलिया टीम के खाने में निकला था कॉकरोच
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की थाली सज चुकी थी. अब एक निवाला भी लैंगर के हलक से नीचे नहीं उतरा था कि उन्हें पोटिंग और बाकी खिलाड़ियों के चिल्लाने की आवज सुनाई दी. दरअसल, पोंटिंग ने रोगन जोश में से एक कॉकरोच निकलते देख लिया था. खाने से कॉकरोच निकलते देखना शायद उनके डरने के लिए काफी नहीं था. क्योंकि इसके बाद उन्होंने जो देख, उससे आधे खिलाड़ियों के पेट में वैसे ही गुड़-गुड़ शुरू हो गई. दरअसल, वेटर ने रोगन जोश से निकले कॉकरोच को एक झटके में हलक से नीचे उतार लिया और ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी देखते रह गए.
इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना ऑर्डर कैंसिल किया और सब होटल के कमरे में सोने चले गए. लेकिन, इस डराने वाले लम्हे का ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के मैदान पर प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा. ऑस्ट्रेलिया ने 342 रन से टेस्ट जीता और सीरीज अपने नाम की. जस्टिन लैंगर ने अपनी डायरी ऑस्ट्रेलिया यू लिटिल ब्यूटी में इस किस्से का जिक्र किया था.
खैर ये तो हुई मजाक की बात. क्योंकि खाने का जीत से कोई सीधा कनेक्शन तो नहीं. इसका मतलब, ऑस्ट्रेलिया ने 2004 के दौरे पर कुछ तो खास किया होगा, जो उसने फाइनल फ्रंटियर पार किया था. तब क्यों कंगारू टीम सफल रही थी. आइए जानते हैं.
2004 में ऑस्ट्रेलिया कैसे जीता फाइनल फ्रंटियर?
ऑस्ट्रेलियाई ने 2004 के भारत दौरे की तैयारी 2001 के बाद ही शुरू कर दी थी. 2001 में उसे भारत ने अपने घर में बुरी तरह धोया था. तब कोच जॉन बुकानन ने थे. उन्होंने 2001 के दौरे से लौटने ही 2004 की सीरीज की रणनीति पर काम शुरू कर दिया था. क्रिकेट से ज्यादा जोर बाकी बातों पर था. टीम के लिए एक योगा टीचर रखा गया. शेफ को हर खिलाड़ी के हिसाब से खाना बनाने के साफ निर्देश दिए गए. नतीजा सबको पता है ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीतने में सफल रहा.
फ्लाइट में बन गया था ऑस्ट्रेलिया की सफलता का प्लान
अगर हम कहें कि 2004 के भारत दौरे में ऑस्ट्रेलिया की कामयाबी का प्लान सिडनी से बैंगलोर की फ्लाइट में बन गया था. तो शायद ही कोई यकीन करेगा. लेकिन हकीकत यही है और इसके शिल्पकार जेसन गिलेस्पी या ग्लेन मैक्ग्रा नहीं, बल्कि माइकल कास्प्रोविच थे. उन्होंने सीरीज जीत के बाद फॉक्स स्पोर्ट्स से हुई बातचीत में इसका खुलासा किया था.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने उस दौरे पर 2001 में मिली हार से सबक लेते हुए शॉर्ट गेंद के बजाए स्टम्प टू स्टम्प लाइन गेंदबाजी की थी. यानी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की प्लानिंग साफ थी कि भारतीय बल्लेबाजों को रन ना बनाने दें. उन्हें जकड़कर रखें और उन्हें गलती करने के लिए उकसाएं.
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पूरी सीरीज में फील्डिंग भी उसी हिसाब से सेट की गई. ऑस्ट्रेलिया का यह हथकंडा बैंगलोर में हुए सीरीज के पहले टेस्ट में काम कर गया. 11 भारतीय बल्लेबाज या तो बोल्ड या एलबीडब्ल्यू या विकेट के पीछे कैच आउट हुए. चेन्नई में हुआ दूसरा टेस्ट बारिश में धुल गया. नागपुर में ग्रीन टॉप विकेट मिला और 20 में से 16 विकेट ग्लेन मैक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी और माइकल कास्प्रोविच की तिकड़ी ने झटके तो 19 साल पहले ऐसे ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल फ्रंटियर फतह किया था. अब यही सवाल है कि क्या 19 साल पहले के इस करिश्मे को पैट कमिंस की ऑस्ट्रेलियाई टीम दोहरा पाएगी.
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