बड़े-बड़े बल्लेबाजों की छक्के छुड़ाने वाली 'दूसरा' बॉल को कैसे मिला ये नाम? (Instagram)
नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक की गिनती ऑल टाइम ग्रेट ऑफ स्पिनर में होती है. सकलैन ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान बड़े-बड़े बल्लेबाजों की छुट्टी की थी. हरभजन सिंह के बाद रविचंद्रन अश्विन या बाकी ऑफ स्पिनर्स आज जिस ‘दूसरा बॉल’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी खोज सकलैन ने ही की थी. ये गेंद दिखती तो सामान्य ऑफ ब्रेक जैसी है. लेकिन, दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए लेग स्पिन की तरह बाहर की तरफ जाती है. सकलैन ने अपने करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को भी अपनी इस ‘दूसरा बॉल’ पर काफी परेशान किया. अब इस गेंद को दूसरा कैसे नाम मिला और सकलैन मुश्ताक ने कैसे इस गेंद का ईजाद किया. इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है.
सकलैन मुश्ताक ने हाल ही में पाकिस्तान के यू-ट्यूबर नादिर अली के शो पर अपनी ‘दूसरा’ को लेकर कई दिलचस्प खुलासे किए थे. सकलैन ने बातचीत के दौरान बताया था कि किसने उनकी इस स्पेशल गेंद को ‘दूसरा’ नाम दिया था.
‘दूसरा’ नाम का पूरा श्रेय मोईन खान को: सकलैन
सकलैन ने बताया, “इस गेंद का जो ‘दूसरा’ नाम मिला, इसरा पूरा श्रेय मैं मोईन खान को दूंगा. जब मैं बॉलिंग करता था, तो वो विकेटकीपर होते थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं जब तुमसे कहूंगा तब तुम्हें दूसरा गेंद फेंकनी है. उनकी ये बात स्टम्प माइक में रिकॉर्ड हो जाती थी, जो सीधे कॉमेंट्री बॉक्स में जाती थी. वहीं से कॉमेंटेटर के इस गेंद को या डिलीवरी को दूसरा कहना शुरू किया. बाद में बकायदा अंग्रेजी डिक्शनरी और क्रिकेट बुक में भी ‘दूसरा’ दर्ज हो गया.”
‘इमरान खान की तरह बनना चाहता था’
इसी इंटरव्यू के दौरान सकलैन मुश्ताक ने ये भी बताया कि कैसे उन्होंने घर की छत पर अपने भाइयों के साथ खेलने के दौरान सामान्य ऑफ ब्रेक से अलग ‘दूसरा’ को ईजाद किया था. मुश्ताक ने बताया, “मेरे घर के पास एक मैदान था, जहां इमरान खान और अब्दुल कादिर खेला करते थे. तब कादिर को स्पिन का जादूगर माना जाता था और इमरान का भी अपना रुतबा था. उसी समय मैंने सोच लिया था कि मुझे भी क्रिकेट में ऐसा ही नाम बनाना है. इसी सोच के साथ मैंने दूसरा इजाद किया.”
‘छत पर ‘दूसरा गेंद’ का इजाद किया’
मुश्ताक ने आगे बताया, “मैं छत पर टेबल टेनिस गेंद से खेलता था. हम उस पर टेप बांध देते थे और फिर अलग-अलग ग्रिप से पकड़कर गेंद फेंकते थे. इसी दौरान एक गेंद सामान्य ऑफ ब्रेक ना होकर लेग स्पिन हुई. बस, यहीं से इसकी शुरुआत हुई. उसी दौर में हम कैरम बॉल भी सीख गए थे. लेकिन, क्रिकेट की गेंद से हमने कभी इसकी कोशिश नहीं की. क्योंकि इससे उंगलियों के जोड़ में दर्द होना शुरू हो जाता है.” हालांकि, दूसरा गेंद भी करना आसान नहीं रहा. इसकी वजह भी सकलैन मुश्ताक की उंगलियां काफी लहूलुहान हुई.
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मुश्ताक ने पाकिस्तान के लिए 49 टेस्ट, 169 वनडे खेले. इसमें उन्होंने 208 और वनडे में 288 विकेट झटके थे.
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Tags: Harbhajan singh, India Vs Pakistan, R ashwin
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