इफ्तिखार अली खान पटौदी ने भारत की तीन टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी. (News 18)
नई दिल्ली. भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर इफ्तिखार अली खान पटौदी (Iftikhar Ali Khan Pataudi) की आज यानी 16 मार्च को जयंती है. उन्हें नवाब ऑफ पटौदी भी कहा जाता था. वह भारत के इकलौते क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड और भारत की सीनियर टीमों का प्रतिनिधित्व किया. उनका जन्म आज से 112 साल पहले 16 मार्च 1910 को पंजाब के पटौदी में एक राजसी परिवार में हुआ. यही वजह है कि उन्हें नवाब ऑफ पटौदी (Nawab of Pataudi) भी कहा जाता था. वह मशहूर क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी (टाइगर पटौदी) के पिता थे. 5 जनवरी 1952 को दिल्ली में पोलो खेलते हुए उनकी मृत्यु हुई. उस समय वह 42 साल के थे.
बॉडीलाइन सीरीज में किया था डेब्यू
साल 1932-33 में डॉगलस जार्डिन की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया दौर पर एशेज सीरीज खेलने गई. यह वही टेस्ट सीरीज थी जिसमें जार्डिन ने अपने गेंदबाजों हेराल्ड लारवुड, बिल बोवेस, बिल वोस और गबी एलन को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के शरीर पर बॉलिंग करने को कहा था. जिसके चलते इस विवादास्पद सीरीज को बॉडीलाइन सीरीज नाम दिया गया. बॉडीलाइन पर गेंद करने की वजह उन दिनों सर डॉन ब्रैडमैन प्रचंड फॉर्म में थे. 2 दिसंबर 1932 को सिडनी में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इफ्तिखार अली खान पटौदी ने डेब्यू किया.
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डेब्यू टेस्ट में जड़ा शतक
यह मैच इफ्तिखार अली खान के लिए यादगार रहा और उन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ा. इस दौरान नवाब पटौदी ने मैराथन पारी खेलते हुए 380 गेंदों पर 102 रन बनाए जिसमें 6 चौके शामिल थे. दूसरी पारी में उन्हें बैटिंग करने का मौका नहीं मिला. इस टेस्ट मैच को इंग्लैंड ने 10 विकेट से जीता था. इसके बाद उन्हें मेलबर्न में खेले गए सीरीज के दूसरे मैच में भी मौका मिला जहां फ्लॉप रहे. इस मुकाबले में नवाब पटौदी ने पहली पारी में 15 और दूसरी इनिंग्स में 5 रन बना पाए. इस खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिय गया.
एक साल बाद हुई टीम में वापसी
साल 1934 में ऑस्ट्रेलिया की टीम एशेज सीरीज खेलने इंग्लैंड गई. 8 जून 1934 को नॉटिंघम में खेले गए मैच में इफ्तिखार अली खान पटौदी प्लेइंग इंग्लिश टीम की इलेवन का हिस्सा थे. एक साल बाद टीम में वापसी कर रहे पटौदी मैच में कुछ खास करिश्मा नहीं कर पाए. इस दौरान पहली पारी में 12 और दूसरी इनिंग्स में 10 रन ही बना सके. यह इंग्लैंड की तरफ से खेला जाने वाला उनका आखिरी मैच साबित हुआ. कुल मिलाकर उन्होंने इंग्लैंड के लिए 3 टेस्ट मैच खेले थे.
भारत के तीसरे टेस्ट कप्तान
इसके बाद इफ्तिखार अली खान पटौदी भारत आ गए. उन्हें 1936 में भारत की कप्तानी करने का मौका मिला लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले हट गए. वहीं, 10 साल बाद साल 1946 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की कप्तानी की तब उनकी उम्र 36 साल की थी. सीके नायडू, महाराज ऑफ विजयनगरम के बाद वह भारत के तीसरे टेस्ट कप्तान बने. करीब एक साल टेस्ट टीम के कप्तान रहे पटौदी ने 3 मैचों में भारत की कप्तानी की. उनके कप्तानी के आंकड़ों पर गौर करें तो उन्होंने तीन में से दो टेस्ट हारे और एक ड्रॉ रहा. नवाब पटौदी ने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले जिनमें वह टीम के कप्तान थे.
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