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मैं अपनी उम्र के हिसाब से बहुत फिट हूं, देश के लिए चुना जाना अच्छा लगता है: उमेश यादव

उमेश यादव को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया है (PIC: PTI)

उमेश यादव को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया है (PIC: PTI)

उमेश यादव ने आखिरी बार फरवरी 2019 में एक टी20 इंटरनेशल मैच खेला था. उन्हें फिर से सबसे छोटे प्रारूप में भारत का प्रतिनि ...अधिक पढ़ें

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नई दिल्ली. अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए मोहम्मद शमी की जगह भारतीय टी20 इंटरनेशनल टीम में वापसी की है. 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले उमेश को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में ज्यादा मौके नहीं मिले हैं. उन्होंने अपने करियर में अबतक सिर्फ 7 टी20 मैच खेले हैं और 9 विकेट लिए हैं. हालांकि, 163 मैचों में 166 विकेट के साथ कुल मिलाकर टी20 रिकॉर्ड बनाने का उनका रिकॉर्ड अच्छा है.

अनुभवी पेसर के पास कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ एक यादगार आईपीएल 2022 था, जहां उन्होंने 12 मैचों में 7.06 की इकोनॉमी रेट से 16 विकेट लिए. उन्होंने नई गेंद से बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें टी20 टीम में वापस बुलाने में समय लिया. उमेश ने हमसे इंटरव्यू में क्रिकेट, अपनी फिटनेस, टी20 फॉर्मेट और अपनी बॉलिंग को लेकर बात की है.

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  • आप यहां पर मिडिलसेक्स टीम के साथ थे. आपने यहां उनके साथ टेस्ट मैच खेले. किस तरह से देख रहे हैं आप इस मौके को और अभी तक कैसा रहा आपका सफर?

    कह सकते हैं कि काफी लकी रहा, क्योंकि जिस तरह पहला मैच हुआ और सब देख रहे थे ये जानते हुए कि इस समय भारत में बारिश का समय है और यहां मैच होता नहीं है तो मैं बहुत लकी हूं कि मुझे मिडिलसेक्स से ऑफर आया. मैंने उनके साथ साइन किया क्योंकि मुझे पता है की घर जाकर प्रैक्टिस करना और मैच न खेलना अलग चीज है. आप प्रैक्टिस जितनी कर लें, लेकिन मैच प्रेक्टिस नहीं करेंगे तो आपको पता नहीं चलेगा की क्या हो रहा है. तो मेरे साथ भी वही था. कहते हैं न कि आपकी बॉडी को फील्ड के अंदर जो क्या चीजें चाहिए होती हैं, तभी आपको पता चलती हैं. वो जो मसल्स हैं वो इस्तेमाल होती है तो आपको अपनी फुर्ती का पता चलता है. आपको रिद्म समझ में आती है कि आपको कितना लंबा स्पैल डालना है तो मैं काफी खुश हूं और काफी एन्ज्वॉय भी कर रहा हूं.
  • मैंने आपको एजबेस्टन टेस्ट से पहले नेट्स में अभ्यास करते हुए काफी करीब से देखा है. हालांकि आपको प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली. ऐसे में आप खुद को कैसे मोटिवेटेड रखते हैं?
  • मुझे लगता है कि क्रिकेट मेरे लिए मेरा पैशन है. मेरा पहला प्यार है. जब से होश संभाला है, तब से मैं क्रिकेट खेल रहा हूं तो क्रिकेट खेलने के लिए मुझे मेरा माइंडसेट बनाना नहीं पड़ता है. वो अंदर से ही होता है. ऑटोमैटिकली कि भई मैच चालू हो गया है स्विच ऑन. तो ये चीज बचपन से ही है. और आपको मानसिक रूप से भी काफी सकारात्मक रहना पड़ता है क्योंकि आपको पता है कभी आप खेल सकते हो कभी आप नहीं खेल सकते हो. और वो सिचुएशन आएंगे लाइफ में तो आप कह नहीं सकते हो आप हर बार गेम में होंगे. बस पॉजिटिव रहो. सोचते रहो और अच्छा करते रहो क्योंकि गेम और लाइफ दोनों में ही यह बात है कि कभी चांस मिलेगा तो कभी नहीं. लाइफ में अप एंड डाउन तो आते रहेंगे तो इसके लिए मैं रेडी रहता हूं. मेरा पैशन मुझे पुश करता रहता है ताकि मैं एक फास्ट बॉलर के रूप में मैं खुद को फिट रखूं, मानसिक रूप से फिट रहूं. गेम को लेकर अवेयरनेस कैसी होनी चाहिए इसका मैं ध्यान रखता हूं. और सबसे ज्यादा जरूरी है पॉजिटिव रहना. आप अपना एक ही काम कर सकते हो अपना 100 पर्सेंट देना. एक बॉलर के रूप में सिर्फ यही सोचता हूं कि गेम मिले न मिले, लेकिन जो मेरी फिटनेस है, बॉलिंग है, उस पर ध्यान दूं क्योंकि वो सिर्फ मुझे क्रिकेट नहीं खिलाता मुझे फिट भी रखता है. एक अच्छा माइंडसेट भी देता है तो जब मैं अपने आपको शारीरिक रूप से फिट रखूंगा तो बाकी चीजें भी हो जाएंगी.

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  • उमेश को रेड बॉल क्रिकेट में हर कोई जानता है. जो भी आपको मौके मिले हैं, उसमें आपने अपने आप को साबित किया लेकिन एक सवाल हमेशा उठा कि उमेश व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छा नहीं करते. मगर 2022 में ये टर्न अराउंड जो आपने कोलकाता के लिए किया ये कैसे हुआ?
  • 2020 में आखिरी बार मैंने व्हाइट बॉल क्रिकेट खेली. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए. उसके बाद मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट खेला ही नहीं. मैं नेट्स में खेल रहा था. अच्छी बॉलिंग कर रहा था, लेकिन उसके बाद मुझे चांस मिला ही नहीं तो किसी को पता नहीं चला कि उमेश ने नेट्स में क्या-क्या किया. तो जब मैं यहां कोलकाता में आया और वो सब चीजें जिन पर मैंने मेहनत की थी तो वो सब लोगों को दिखीं, तब लोगों को पता चला कि उमेश दो साल से बैठकर सिर्फ रोटियां नहीं खा रहा था, काम कर रहा था बॉलिंग पर. उस टाइम मुझे मैच नहीं मिले, लेकिन मुझे पता था कि क्या करना है और मैंने खुद को और कॉम्पिटिटिव बनाया. जिस तरह की क्रिकेट चल रही है, यंग लड़के आ रहे हैं तो फाइट तो होगा ही और आपको उस लेवल पर आना पड़ेगा. मैंने बहुत मेहनत की और सारी मेहनत काम में आई, जब कोलकाता ने मुझे चांस दिया तो मुझे लगता है कि मेरी सारी मेहनत रंग लाई.

  • तो ये जो माइंडसेट आप में देखने को मिला. जो आप आईपीएल में कर रहे थे. विकेट के लिए जाना. रनों की परवाह किए बगैर विकेट लेना है. ये माइंडसेट क्या कोलकाता के कोच ब्रैंडन मैक्कुलम या किसी और के साथ बातचीत करके विकसित हुआ या आपको फ्रीडम मिली कि जाओ आप खुद को एक्सप्रेस करो?
  • हां, ब्रैंडन मैक्कुलम तो थे और दूसरे कोच थे- भरत अरुण, जो मुझे अच्छे से जानते हैं. उन्होंने मुझे फ्रीडम दी थी और कहा था कि उमेश तू 4 ओवर में 40 रन भी खा, पर हमें पावर प्ले में विकेट चाहिए. हमें तेरे दो ओवर से 10 रन या 7 रन नहीं चाहिए. हमें विकेट चाहिए. मैंने उन्हें बोला डॉन्ट वरी आपने मु पर भरोसा जताया है तो मैं जी जान से कोशिश करूंगा और वो चीज रंग लाई. उन्होंने मुझे एक तरह से जंगल में छोड़ दिया और कहा जो करना है वो करो और मैंने उस टाइम पर जो-जो सोचा वो हुआ. गेंद स्विंग भी कर रही थी और मैं बस विकेट के लिए जा रहा था. क्योंकि पॉवर प्ले में विकेट मिलेंगे तो सामने वाली टीम पर प्रेशर बनेगा. पहले वो उनकी थिंकिंग थी, लेकिन फिर बाद में मेरी भी वही सोच हो गई.

  • कहीं आपके अंदर ये सोच भी थी कि आईपीएल के प्रदर्शन को काफी अहम माना जाता है, किसी भी डॉमेस्टक मैचों के मुकाबले. तो आपको ये नहीं लगता था कि जो व्हाइट बॉल क्रिकेट में मैं कोलकाता के लिए कर सकता हूं वो मैं इंडिया के लिए भी कर सकता हूं. मुझे जो हमेशा सिरे से खारिज किया जाता था व्हाइट बॉल क्रिकेट में. मैं इसका जवाब अपने स्किल्स से दे सकता हूं. इस सोच पर आपकी क्या राय है?
  • जी जरूर. मेरे लिए भी खुद को प्रूफ करना बहुत जरूरी था, क्योंकि मैं भी वो कर सकता हूं जो बाकी लोग कर रहे हैं. मैं ऐसा नहीं कह रहा कि कोई किसी से कम है, मगर जिस हिसाब से लोग मुझे एक सीनियर बॉलर की तरह देखते हैं. जिस तरह कि मेरी उम्र है, उसके हिसाब से मैं काफी फिट हूं और मैं अपनी बॉलिंग से खुश हूं. अगर इंडिया के लिए सेलेक्ट होता हूं तो बहुत अच्छा लगता. चांस मिलेगा तो कोशिश करूंगा कि अच्छा करूं. मैं अभी अपने चांस का इंतजार कर रहा हूं और जब भी मौका मिलेगा मैं अपनी टीम इंडिया के लिए अच्छा करूंगा.

    Tags: IND vs AUS, India vs Australia, Mohammed Shami, Umesh yadav

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