India vs England 4th Test: अंतिम दिन इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए 291 रन और बनाने हैं. (AFP)
ओवल. भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जा रहा चौथा टेस्ट (IND vs ENG) अभी रोमांचक स्थिति में है. आज अंतिम दिन इंग्लैंड को जीतने के लिए 291 रन और बनाने हैं और सभी 10 विकेट बचे हुए हैं. टीम इंडिया ने पहली पारी में 191 जबकि दूसरी पारी में 466 रन बनाए. वहीं इंग्लैंड ने पहली पारी में 290 रन का स्कोर खड़ा किया. टीम ने दूसरी पारी में बिना विकेट के 77 रन बना लिए हैं. इंग्लैंड में पिछली कुछ सीरीज से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलनी कम हुई है. इस कारण टीम इंडिया संघर्ष कर रही है. पांच मैचों की सीरीज अभी 1-1 से बराबर है. यह मैच जीतने वाली टीम सीरीज में 2-1 की बढ़त बना लेगी और उस पर से सीरीज हारने का खतरा भी टल जाएगा.
भारत और इंग्लैंड के बीच मौजूदा टेस्ट सीरीज की बात करें तो तेज गेंदबाजों ने अब तक 27 की औसत से 114 विकेट लिए हैं. 4 बार 5 विकेट झटके हैं. इकोनॉमी 3 से कम की है और स्ट्राइक रेट लगभग 56 का है. वहीं स्पिन गेंदबाजों की बात करें तो वे 54 की औसत से सिर्फ 11 विकेट ले सके हैं. उन्हें अब तक पारी में 5 विकेट नहीं मिले हैं. 36 रन देकर 2 विकेट बेस्ट प्रदर्शन रहा है. इकोनॉमी 3 से कम है, लेकिन स्ट्राइक रेट 115 का है. यानी स्पिन गेंदबाजों को हर 20वें ओवर में एक विकेट मिल रहा है. दोनों में विकेट का अंतर लगभग 103 विकेट का है.
न्यूजीलैंड सीरीज में भी स्पिन गेंदबाज फ्लॉप रहे थे
भारत के खिलाफ सीरीज से पहले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 2 मैचों की सीरीज खेली गई थी. इस सीरीज में भी स्पिनर्स कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके थे. तेज गेंदबाजों को जहां 54 विकेट मिले थे, वहीं स्पिन गेंदबाज सिर्फ 6 विकेट ही ले सके थे. यानी विकेट में लगभग 48 विकेट का अंतर था. हालांकि इंग्लैंड को 2 मैचों की सीरीज में 0-1 से शिकस्त मिली थी. इस आंकड़े में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को नहीं लिया गया है.
सिर्फ चौथी बार 10 विकेट के आंकड़े तक नहीं पहुंच सके
भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में खेली जा रही यह 19वीं द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज है. सिर्फ 4 बार भारतीय स्पिन गेंदबाज एक सीरीज में 10 विकेट के आंकड़े तक नही पहुंच सके हैं. 1932 में एक मैच की सीरीज में स्पिनर्स को 3 विकेट मिले थे. वहीं 1936 में 3 मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनर्स को 6 विकेट मिले थे. 1996 में खेली गई 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में भी स्पिनर्स सिर्फ 6 विकेट ले सके थे. मौजूदा सीरीज की बात की जाए तो स्पिन गेंदबाज अब तक सिर्फ 4 विकेट ले सके हैं. हालांकि उनके पास अभी मौका है. भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 1971 में किया था, तब 3 मैचों की सीरीज में 37 विकेट लिए थे. तब टीम इंडिया ने तीन मैचों की सीरीज पर 1-0 से कब्जा किया था.
भारतीय पिचों पर इतना बड़ा अंतर नहीं
भारत में खेली गई अंतिम टेस्ट सीरीज की बात करें तो इंग्लैंड की टीम ने 4 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी. 4 मैचों की सीरीज में स्पिन गेंदबाजों ने 22 की औसत से 104 विकेट लिए थे. 8 बार 5 विकेट झटके थे. स्ट्राइक रेट 43 का रहा. 38 रन देकर 6 विकेट बेस्ट प्रदर्शन रहा था. दूसरी ओर तेज गेंदबाजों ने 27 की औसत से 34 विकेट लिए. 89 रन देकर 4 विकेट बेस्ट प्रदर्शन रहा. स्ट्राइक रेट 58 का है. भारतीय पिचें स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल मानी जाती हैं, फिर भी विकेटों का अंतर 70 का रहा था, जो इंग्लैंड के 103 के मुकाबले काफी कम है.
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