IND vs ENG : स्टोक्स के कैच पर बवाल, टीवी अंपायर का निर्णय फिर विवादों में

कोहली ने इंग्लिश खिलाड़ियों के अंपायर के फैसले पर सवाल उठाने पर नाखुशी जाहिर की थी.
मोटेरा में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में टीवी अंपायर का निर्णय एक बार फिर विवादों में है. इसके पहले चेन्नई में हुए दूसरे टेस्ट भी टीवी अंपायर के निर्णय सटीक नहीं रहे थे.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 9:56 AM IST
नई दिल्ली. भारत और इंग्लैंड (India vs England) के बीच मोटेरा (Motera Test) में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में टीवी अंपायर का निर्णय विवादों में है. इसके पहले चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में भी टीवी अंपायर के कई निर्णय पर विवाद हुआ था. भारतीय पारी के दूसरे ओवर में फील्ड अंपायर अनिल चौधरी ने शुभमन गिल को सॉफ्ट सिग्नल के तहत आउट दिया , लेकिन टीवी अंपायर ने रिप्ले देखने के बाद फील्ड अंपायर के फैसले को पलट दिया. हालांकि टीवी अंपायर सी शम्सुद्दीन ने एक ही ओर के फ्रेम को देखकर अपना निर्णय दे लिया. लेकिन सॉफ्ट सिग्नल के नियम के अनुसार फील्ड अंपायर के निर्णय को पलटने के लिए ठोस सबूत होने चाहिए. टीवी अंपायर के फैसले के बाद इंग्लैंड टीम के कप्तान जो रूट सहित सभी खिलाड़ियों ने नाखुशी जाहिर की.
भारतीय पारी के दूसरे ओवर में ब्रॉड की चौथी गेंद पर गिल का कैच स्लिप में स्टोक्स ने पकड़ा. अंपायर ने इसे आउट दिया क्योंकि वे पूरी तरस से सुनिश्चित नहीं थे कि स्टोक्स ने गेंद को सही से पकड़ा है या नहीं। इसके बाद फील्ड अंपायर ने अंतिम निर्णय के लिए टीवी अंपायर का सहारा लिया. टीवी रिप्ले में साफ दिखा रहा था कि स्टोक्स ने जब गेंद पकड़ी थी जब उनके हाथ गेंद के नीचे नहीं थे. लेकिन नियम के अनुसार टीवी अंपायर को अलग-अलग एंगल से इसे देखना चाहिए था. इसके पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के माइकल स्लेटर ने भी राहुल द्रविड़ के कैच को लेकर टीवी अंपायर के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी.
गावस्कर ने कहा था- कैच नहीं पकड़ने के पर्याप्त सबूत थे
मैच के दाैरान कमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि उनके पास ठोस सबूत नहीं हैं कि उन्होंने कैच ठीक से पकड़ा है. अगर कोई बहस करना चाहता है तो वह बाद में आकर मुझसे मिल सकता है. हालांकि पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने टीवी अंपायर के जल्द फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि टीवी अंपायर ने निर्णय देने में तेजी दिखाई. हालांकि निर्णय सही था. लेकिन खिलाड़ियों की तरह डीआरएस के लिए समय की समय-सीमा होती है, अंपायर के लिए समय मायने नहीं रखता है. ऐसे में उन्हें समय लेना चाहिए था.
#England fans are crying that this was out "The ball touched the ground. Period. No arguments. If anyone has any,come see me later"~ Sunil Gavaskar on Ben Stokes catchHe comm has been brilliant since 2nd test. Seedhi baat no bakwaas#INDvENG #INDvEND#BenStokes #PinkBallTest pic.twitter.com/pZrWmlTpOW
— Shoronjeet Banerjee (@shoronjeet16) February 24, 2021
भारतीय पारी के दूसरे ओवर में ब्रॉड की चौथी गेंद पर गिल का कैच स्लिप में स्टोक्स ने पकड़ा. अंपायर ने इसे आउट दिया क्योंकि वे पूरी तरस से सुनिश्चित नहीं थे कि स्टोक्स ने गेंद को सही से पकड़ा है या नहीं। इसके बाद फील्ड अंपायर ने अंतिम निर्णय के लिए टीवी अंपायर का सहारा लिया. टीवी रिप्ले में साफ दिखा रहा था कि स्टोक्स ने जब गेंद पकड़ी थी जब उनके हाथ गेंद के नीचे नहीं थे. लेकिन नियम के अनुसार टीवी अंपायर को अलग-अलग एंगल से इसे देखना चाहिए था. इसके पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के माइकल स्लेटर ने भी राहुल द्रविड़ के कैच को लेकर टीवी अंपायर के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी.
