1996 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 10 रन बनाकर नाबाद रहे थे विनोद कांबली-AFP
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली. हरमनप्रीत कौर ने शानदार फिफ्टी जमाई लेकिन दुभाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होने की वजह से वो टीम को जीत तक नहीं पहुंचा पाई. इस हार के साथ ही 1996 वनडे विश्व कप में भारतीय टीम को अपने घर पर मिली 4हार की याद ताजा हो गई. टीम इंडिया की इस एक हार ने विस्फोटक बैटर विनोद कांबली का करियर खत्म कर दिया था.
साल 1996 का वनडे विश्व कप भला कोई भी क्रिकेट फैन कैसे भुला सकता है. इस मैच के दौरान जो घटना हुई वो किसी भी मेजबान देश के लिए शर्म की बात है. भारत ने इस आईसीसी टूर्नामेंट को श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ मिलकर होस्ट किया था. कोलकाता के इडेन गार्डन्स मैदान पर श्रीलंका और भारत के बीच विश्व कप का पहला सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था. यह मुकाबला मैच देखने पहुंचे फैंस के उत्पात की वजह से पूरा नहीं हो पाया था. श्रीलंका की टीम को मैच रेफरी ने हालात देखने के बाद विजेता घोषित किया था.
मैच में दर्शकों ने मचाया था बवाल
श्रीलंका की टीम ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए अरविंदा डिसिल्वा के 66 और रोशन महानामा के 58 रन की बदौलत 8 विकेट पर 251 रन का स्कोर खड़ा किया था. भारत के लिए जीत आसान लग रही थी. पहला विकेट नवजोत सिंह सिद्धू के रूप में गिरा. इसके बाद सचिन तेंदुलकर 65 रन बनाकर आउट हुए. यहां से खेल बदला और देखते ही देखते भारत का स्कोर 98 रन पर 2 विकेट से 120 रन पर 8 विकेट हो गया. फैंस इस बात को हजम नहीं कर पाई और स्टेडियम में तोड़ फोड मचा दिया. कुछ फैंस ने तो आग भी लगा दी. मैच रेफरी ने मुकाबले को रोका और कुछ देर बाद इसे चालू किया गया लेकिन फैंस ने श्रीलंका के खिलाड़ियों पर बोलतें फेंकनी शुरू कर दी. मुकाबला इसके बाद नहीं खेला जा सका और भारत हार कर बाहर हो गया.
मैदान पर रोया बैटर, डूब गया चमकता सितारा
विनोद कांबली ने इस मैच में 10 रन बनाए थे और वो मैदान पर डटे हुए थे. जब दोबारा मुकाबला शुरू हुआ और फैंस ने श्रीलंका के खिलाड़ियों पर पानी की बोलतें फेंकी तो मैच रेफरी ने मुकाबला रोक दिया. कांबली को जब समझ आ गया कि अब वो टीम के लिए कुछ नहीं कर पाएंगे और विश्व कप से टीम बाहर हो चुकी है तो वो मैदान पर ही फूट-फूट कर रोने लगे. टीवी पर तमाम देशवासियों ने उनकी तकलीफ देखी थी.
हार से कभी उबर नहीं पाए कांबली
इडेन गार्डन्स के मैदान पर जो हुआ उससे विनोद कांबली को गहरा धक्का लगा. इस मैच के बाद वो भारत की तरफ से तकरीबन 35 वनडे मुकाबले में और खेलने उतरे लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. वो उस लगन से बल्लेबाजी नहीं कर पाए जिसके लिए इस बाएं हाथ के बैटर को जाना जाता था. आखिरकार अक्टूबर 2000 में वो श्रीलंका के खिलाफ ही करियर का अंतिम वनडे खेलकर बाहर हुए. इसके बाद टीम में उनकी कभी वापसी नहीं हो पाई.
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Tags: India Vs Sri lanka, Vinod Kambli
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