नई दिल्ली। इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी उस वक्त छोड़ी है, जब उन्हें लगा कि अब बहुत हो चुका। धोनी ने इंडियन टीम की ODI और T-20 टीम की कप्तानी इसलिए भी छोड़ी, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि गिरती फॉर्म और जाती साख के बीच उनसे कभी भी कप्तानी छीन ली जाती और पूर्ववर्ती कप्तानों की तरह उन्हें रुसवा होकर जाना पड़ता। पर अपनी चालाकी से हर किसी को मात दे देने वाले धोनी यहां कैसे मात खाते, उन्होंने खुद ही बड़ा दांव चलते हुए आराम से कप्तानी छोड़ दी और खुद को महान खिलाड़ियों में शामिल कर लिया।
महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखें हैं। यही वजह है कि वो हमेशा सही समय पर सही कदम उठाने में कामयाब हो जाते हैं। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को मुसीबत में डाल रखा है तो धोनी के करीबी भी बीसीसीआई से विदा हो चुके हैं। ऐसे में उन्हें आज नहीं तो कल, कप्तानी से हटा ही दिया जाता। पर हमेशा छक्के के साथ मैच जीतने के आदी रहे धोनी ने फिर से हेलीकॉप्टर शॉट मारा और बिना किसी औपचारिकता के कप्तानी छोड़ दी। उन्होंने न तो बीसीसीआई से फेयरवेल सीरीज मांगीं और न ही फेयरवेल मैच।
माही यूं हीं दिलों पर राज नहीं करते। उन्होंने टेस्ट कप्तानी भी सीरीज के बीच ही ऑस्ट्रेलिया में छोड़ दी थी, साथ ही टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। ये धोनी का अंडाज है। यही अंदाज़ उन्हें माही बनाता है। ये माही ही है, जो टी-20 विश्वकप में टीम को जीत दिलाने के बाद ट्रॉफी साथियों को सौंप देता है और फोटो भी नहीं खिंचाता, जबकि बड़े से बड़ा खिलाड़ी भी विश्वकप ट्रॉफी को सीने से लगाए घूमता है। ये माही का अंदाज़ है कि वो अपने सबसे प्यारे बालों की आहुति सिर्फ इसलिए दे देता है, क्योंकि उसने मंदिर में विश्वकप जीत के बाद सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी के लिए वचन दे रखा होता है।
ये हमारा माही ही है, जो 2011 का विश्वकप जीतकर गायब हो जाता है। फिर सामने आता है गंजा होकर। फिर से अपना वादा निभाते हुए। माही को दुनिया को चौंकाने की आदत रही है, तभी तो वो शादी कर लेते हैं, और किसी को खबर तक नहीं होती।
बहरहाल, धोनी दुनिया के सफलतम कप्तान रहे हैं। टेस्ट को नम्बर1 टीम बनाया। टी20 में विश्वकप दिलाया। एकदिवसीय विश्वकप के बाद चैम्पियन्स ट्रॉफी भी जीती। फिर 2 आईपीएल, 2 चैंपियन लीग ट्रॉफी जीतकर अपना लोहा मनवाया। और जब लगा कि ये उसका आखिरी समय है, तो सभी टीमों की कप्तानी भी छोड़ दी। यही तो माही का अंदाज़ है। यही माही को ख़ास बनाता है। माही को पता चल गया था कि अब उसपर बहुत दबाव होगा, उसने वो दबाव खुद से हटा लिया। खिलाड़ी के तौर पर खेलता रहेगा। ठंडे दिमाग के साथ सुझाव देता रहेगा, पर खुद गालियां नहीं खाएगा। शुक्रिया माही, हमें खुश होने के इतने सारे मौके देने के लिए...undefined
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Tags: Mahendra Singh Dhoni, Ms dhoni
FIRST PUBLISHED : January 06, 2017, 11:04 IST