मोदी सरकार के साथ खड़ी हुई धोनी और केएल राहुल की टीम, कहा-चीनी कंपनियों से नाता तोड़े आईपीएल

पंजाब और चेन्नई की टीम चीनी कंपनियों को आईपीएल से अलग करना चाहती हैं!
भारत सरकार ने चीन की 59 ऐप (Chinese Apps Ban) बैन कर दी हैं, अब आईपीएल में भी चीनी कंपनियों को बाहर करने की बात शुरू हो गई है
- भाषा
- Last Updated: June 30, 2020, 6:42 PM IST
नई दिल्ली. गलवान घाटी में चीन (China) की नापाक हरकत के बाद अब भारत में उसके खिलाफ माहौल गर्म हो चुका है. सोमवार को भारत सरकार ने चीन के 59 ऐप्स (Chinese App) को बैन कर दिया. अब मंगलवार को किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के मालिक नेस वाडिया ने भी चीनी कंपनियों के प्रायोजन को खत्म करने की मांग कर डाली है. किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में चीन की कंपनियों के प्रायोजन को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की. गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. चीन ने हालांकि अब तक अपने सैनिकों के मारे जाने की जानकारी साझा करने से इनकार किया है.
'देश की खातिर चीनी कंपनियों से तोड़ें नाता'
गलवान में हुई घटना के बाद बीसीसीआई को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी लेकिन यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है. सोमवार को भारत के चीन के 59 ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया. वाडिया ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, ‘‘हमें देश की खातिर आईपीएल (IPL) में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए. देश पहले है, पैसा बाद में आता है. और यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं. इसे उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए.' नेस वाडियो ने कहा, 'हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं. हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों को जो हमारे लिए अपना जीवन जोखिम में डालते हैं.'
चीनी कंपनी वीवो है आईपीएल प्रायोजक
चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल प्रायोजक है और 2022 तक चलने वाले करार के तहत वह प्रत्येक साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को 440 करोड़ रुपये देती है. आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है. सिर्फ आईपीएल नहीं बल्कि टीमों को भी चीन की कंपनियां प्रायोजित करती हैं. वाडिया ने अपना रुख साफ कर दिया है लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी. सीएसके के एक सूत्र ने कहा, 'शुरुआत में उनकी जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन अगर देश की खातिर ऐसा किया जाता है तो हमें ऐसा करना चाहिए.'
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एक अन्य टीम के मालिक ने कहा, 'सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे.' वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि 'इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.' उन्होंने कहा, 'अगर मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो मैं कहता कि आगामी सत्र के लिए मुझे भारतीय प्रायोजक चाहिए.' वाडिया ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चीन की ऐप को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया.
'देश की खातिर चीनी कंपनियों से तोड़ें नाता'
गलवान में हुई घटना के बाद बीसीसीआई को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी लेकिन यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है. सोमवार को भारत के चीन के 59 ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया. वाडिया ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, ‘‘हमें देश की खातिर आईपीएल (IPL) में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए. देश पहले है, पैसा बाद में आता है. और यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं. इसे उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए.' नेस वाडियो ने कहा, 'हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं. हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों को जो हमारे लिए अपना जीवन जोखिम में डालते हैं.'

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एक अन्य टीम के मालिक ने कहा, 'सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे.' वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि 'इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.' उन्होंने कहा, 'अगर मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो मैं कहता कि आगामी सत्र के लिए मुझे भारतीय प्रायोजक चाहिए.' वाडिया ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चीन की ऐप को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया.