होम /न्यूज /खेल /12वें प्लेयर को अचानक मिला डेब्यू का मौका, 'पंच' जड़ हिला दिए बैटर्स के सारे तार, पिता के कहने पर छोड़ा पहला प्यार

12वें प्लेयर को अचानक मिला डेब्यू का मौका, 'पंच' जड़ हिला दिए बैटर्स के सारे तार, पिता के कहने पर छोड़ा पहला प्यार

कर्नाटक के एम वेंकटेश नए बॉलिंग संसेशन बन गए हैं (PIC: PTI)

कर्नाटक के एम वेंकटेश नए बॉलिंग संसेशन बन गए हैं (PIC: PTI)

Ranji Trophy New Bowling Sensation M Venkatesh: कर्नाटक के 22 साल के बॉलर एम वेंकटेश को रणजी ट्रॉफी के क्वॉर्टर फाइनल म ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

एम वेंकटेश ने 14 ओवर में महज 36 रन देकर 5 विकेट झटके.
अपनी बॉलिंग के दौरान वेंकटेश ने तीन मेडन ओवर भी फेंके.

नई दिल्ली. एम वेंकटेश 12वें खिलाड़ी थे और मैदान पर अपने साथियों के लिए ड्रिंक ले जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अचानक सब कुछ बदल गया. वेंकटेश की कर्नाटक टीम के कप्तान मयंक अग्रवाल ने उनसे कहा कि वह गेंदबाजी करने जा रहे हैं, क्योंकि वासुकी कौशिक चोटिल हो गए हैं. 22 साल का यह खिलाड़ी खुश था, क्योंकि यह उसका पहला मैच था. लेकिन वह उतना ही नर्वस भी थे. उनके पास तैयारी या कुछ समझने के लिए ज्यादा समय नहीं था और उन्हें बॉलिंग करने के लिए मैदान पर उतरना था.

तेज गेंदबाज (राइट आर्म मीडियम) और एक बल्लेबाज वेंकटेश ने कप्तान द्वारा दिए गए इस मौके को जमकर भुनाया और मैच में जोरदार गेंदबाजी की. एम वेंकटेश ने14 ओवर में सिर्फ 36 रन देकर पांच विकेट लेकर उत्तराखंड के बल्लेबाजी लाइन अप को तहस-नहस कर दिया. अपने स्पैल में उन्होंने तीन मेडन ओवर भी फेंके. वह अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी मैच में पांच या अधिक विकेट लेने वाले कर्नाटक के 12वें गेंदबाज बन गए हैं.

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उत्तराखंड के गेंदबाजों पर कहर बनकर टूटे वेंकटेश
कर्नाटक रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में उत्तराखंड के खिलाफ खेल रहा है. एक शर्मीले लेकिन आत्मविश्वासी और ऊर्जावान वेंकटेश मैदान पर अपनी शानदार गेंदबाजी के जरिए एक के बाद एक बल्लेबाजों को ढेर कर रहे थे. अपने जीवन इस यादगार दिन के बाद मैसूर के खिलाड़ी ने कहा, “मैं बहुत खुश और नर्वस था. मेरे पास अपने परिवार को यह बताने का भी समय नहीं था कि मैं आज खेल रहा हूं.”

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संगीतकारों और कलाकारों के घराने से आते हैं वेंकटेश
मैच के 12वें ओवर में अपना पहला विकेट लेने के बाद उनकी नर्वसनेस कुछ कम हुई और वह निश्चिंत दिख रहे थे. अपने डेब्यू मैच में ही वेंकटेश ने अपनी छाप छोड़ दी है. उनके क्रिकेटिंग स्किल के बारे में तो लोगों को पता चल ही गया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वह एक प्रशिक्षित कर्नाटक संगीतकार भी हैं. वेंकटेश कर्नाटक संगीतकारों और कलाकारों के परिवार से हैं. उनकी दादी वी सरोजा एक प्रसिद्ध कर्नाटक गायिका हैं. उनकी मां दक्षिणायिनी मुरलीधर एक क्लासिकल डांसर हैं.

पिता के कहने पर संगीत छोड़ थामा बैट-बॉल
वेंकटेश के छोटे भाई योगेश्वर भी एक प्रशिक्षित कर्नाटक संगीतकार हैं और कन्नड़ टीवी चैनलों में नाम कमा रहे हैं. उनके पिता मुरलीधर ने उन्हें क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राजी किया और वेंकटेश ने मैदान पर बल्ले और गेंद के साथ अपना कमाल दिखाने के लिए संगीत छोड़ दिया.

बल्लेबाज के रूप में की थी करियर की शुरुआत
वेंकटेश ने एक बल्लेबाज के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने लीग मैचों में से एक में शतक बनाया. वे अब तक वीनू मांकड़ और कूचबिहार टूर्नामेंट में 50 विकेट ले चुके हैं. प्रमुख कन्नड़ दैनिक ‘प्रजावाणी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का सपना देखने वाले वेंकटेश का कहना है कि उनके कोच लियान खान ने उन्हें बल्लेबाज से गेंदबाज में बदल दिया.

Tags: Karnataka, Mayank agarwal, Ranji Trophy

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