भारत के लिए मिचेल स्टार्क वनडे सीरीज में सबसे बड़ा खतरा साबित हुए हैं. (AFP)
नई दिल्ली. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 वनडे की सीरीज 1-1 से बराबर है. निर्णायक मुकाबला चेन्नई में खेला जा रहा है. जो टीम इस मैच को जीतेगी, सीरीज उसी के नाम होगी. अबतक इस सीरीज में एक गेंदबाज पूरी टीम इंडिया पर भारी पड़ा. इस गेंदबाज ने अबतक खेले 2 मैच में 8 विकेट झटके हैं. दोनों ही मुकाबलों में स्टार्क ने भारतीय टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया था. बता दें कि स्टार्क उंगली की चोट की वजह से भारत के खिलाफ पहले 2 टेस्ट नहीं खेले थे. हालांकि, इसके बाद उन्होंने अच्छा कमबैक किया. शायद इसकी वजह भी उनकी चोट ही है. ये खुलासा खुद स्टार्क ने ही किया.
अब मिचेल स्टार्क की उंगली की चोट ही कैसे उनके करियर के लिए वरदान साबित हुई. कैसे वो पहले से ज्यादा धारदार हो गए. आइए इसकी वजह जानते हैं.
स्टार्क रिस्ट पोजीशन को लेकर संघर्ष कर रहे थे
मिचेल स्टार्क को भारत दौरे से पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मेलबर्न में खेले गए दूसरे टेस्ट में फील्डिंग के दौरान मिडिल फिंगर में चोट लग गई थी. इस चोट से पहले स्टार्क की गेंदबाजी में धार नजर नहीं आ रही थी. गेंद को रिलीज करते वक्त वो कलाई को स्थिर रखने में संघर्ष कर रहे थे. इसी वजह से वो दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए गेंद को लेट स्विंग नहीं करा पा रहे थे. इस दौरान स्टार्क को विकेट तो मिल रहे थे. लेकिन, वो इतने खतरनाक नजर नहीं आ रहे थे, जितना भारत के खिलाफ पहले 2 वनडे में साबित हुए.
दरअसल, बीच की उंगली में चोट से पहले मिचेल स्टार्क गेंद को रिलीज करते वक्त कलाई को झटके से घुमा नहीं पा रहे थे. इसी वजह से वो बॉल को लेग स्विंग नहीं करा पा रहे थे और बल्लेबाज उनकी गेंदों को आसानी से खेल ले रहे थे. स्टार्क ने इंदौर टेस्ट के दौरान ये बताया था कि फिंगर इंजरी से पहले गेंद मेरे हाथ से वैसी नहीं निकल रही थी, जैसी मैं चाहता था. तो ब्रेक के दौरान मैंने इस पर काफी काम किया.
फिंगर इंजरी का स्टार्क को हुआ फायदा
मिडिल फिंगर में चोट के कारण स्टार्क को ट्रेनिंग के दौरान मजबूरी में रिंग और इंडेक्स (तर्जनी) फिंगर का इस्तेमाल करना पड़ा था. इसका उन्हें अनजाने में ही सही. लेकिन, फायदा हुआ और पहले के मुकाबले उनकी गेंद की सीम पोजीशन ज्यादा बेहतर हो गई. इसका असर इंदौर टेस्ट में भी दिखा था, जब नई गेंद से स्टार्क ने पहले ही ओवर में रोहित शर्मा को परेशान कर दिया था. इस ओवर में दो बार रोहित शर्मा आउट होते-होते बचे थे.
‘चोट के बाद मेरी सीम पोजीशन बेहतर हुई’
हाई आर्म एक्शन ने भी स्टार्क की गेंद को रिलीज करने के दौरान बेहतर सीम पोजीशन रखने में काफी मदद की. इसे लेकर इस ऑस्ट्रेलियाई पेसर ने कहा था, “चोट के बाद मुझे लगता है कि मेरा एक्शन थोड़ा हाई आर्म हो गया है. इससे मुझे सीम पोजीशन को बेहतर रखने में मदद मिली. इसका मुझे पिछले कुछ मुकाबलों में काफी फायदा मिला है.”
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स्टार्क पावरप्ले के हैं घातक गेंदबाज
मिचेल स्टार्क भी पावरप्ले में विकेट झटकने वाले गेंदबाज हैं. 2019 के वर्ल्ड कप के बाद से केवल मोहम्मद सिराज (26) ने पावरप्ले में स्टार्क (25) से अधिक विकेट लिए हैं. इस अवधि में मोहम्मद सिराज (22 गेंद) की तुलना में स्टार्क हर 20 गेंद में विकेट झटक रहे. यानी चेन्नई में भी टीम इंडिया के लिए खतरा बड़ा है. छोटी सी चूक भी टीम इंडिया का खेल बिगाड़ सकती है.
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