क्या धोनी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में जानबूझकर समय बर्बाद किया था. (CSK Instagram)
नई दिल्ली. चेन्नई सुपर किंग्स ने बीते मंगलवार को डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस को क्वालिफायर-1 में हराकर आईपीएल 2023 के फाइनल का टिकट कटाया था. लेकिन, इस मैच में धोनी ने ऐसा कुछ किया था, जिसके बाद से उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं और उनपर फाइनल से भी बाहर होने का खतरा भी मंडरा रहा था. आखिर धोनी ने गुजरात के खिलाफ क्वालिफायर में ऐसा क्या किया, जिस पर विवाद हो रहा है. इसे लेकर आईपीएल की प्लेइंग कंडीशंन क्या कहती है. आइए जानते हैं.
महेंद्र सिंह धोनी को लेकर जो विवाद है, उसका केंद्र में टीम के तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना. गुजरात के खिलाफ क्वालिफायर-1 में मथीशा चोट की वजह से मैदान से 8 मिनट से अधिक बाहर रहे थे. वो जब लौटे तो फौरन धोनी ने उन्हें दूसरा ओवर कराने के लिए गेंद थमा दी. ये वाकया गुजरात की पारी के 16वें ओवर में घटा था. पथिराना अपने स्पैल का दूसरा ओवर फेंकने आए थे. बस, इसी बात से विवाद की शुरुआत हुई. इस दौरान कई मिनट तक धोनी और अंपायर के बीच बहस होती रही और मैच रुका रहा. आखिर में पथिराना ने ही 16वां ओवर फेंका. धोनी की चाल भले ही कामयाब रही. लेकिन, कई पूर्व दिग्गजों ने धोनी के साथ-साथ अंपायरों की भूमिका पर भी सवाल उठाए.
क्या कहती है आईपीएल की प्लेइंग कंडीशन?
आईपीएल की प्लेइंग कंडीशन के मुताबिक, एक खिलाड़ी जो आंतरिक चोट के इलाज के लिए मैदान छोड़ता है- या किसी अन्य कारण से – 8 मिनट से अधिक के लिए मैदान से बाहर जाता है तो वापसी पर गेंदबाजी की अनुमति मिलने से पहले उसे उतना ही समय मैदान पर बिताना होगा. बता दें कि मथीशा पथिराना गुजरात की पारी का 12वां ओवर फेंकने के बाद इलाज के लिए मैदान से बाहर गए थे. जब वो लौटे तो धोनी ने उनसे 16 ओवर फेंकने के लिए कहा. तब गुजरात ने 6 विकेट के नुकसान पर 102 रन बना लिए थे और गुजरात को 71 रन की जरूरत थी.
अंपायर ने पथिराना को गेंदबाजी से रोका था
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, महेंद्र सिंह धोनी फील्ड सेट कर रहे थे. तभी उन्होंने देखा कि अंपायर अनिल चौधरी मथीशा पथिराना से बात कर रहे हैं. इसके बाद धोनी स्क्वेयर लेग पर खड़े अंपायर क्रिस गैफनी के पास गए और ये जानकारी ली कि अंपायर उनके गेंदबाज से क्या बात कर रहे हैं. इसी दौरान कॉमेंटेटर्स ने बताया कि पथिराना करीब 9 मिनट मैदान से बाहर रहे थे तो चर्चा इस बात को लेकर हो रीह थी कि क्या पथिराना गेंदबाजी कर सकते हैं या नहीं.
धोनी ने जानबूझकर समय किया बर्बाद?
रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी को मैच ऑफिशियल्स और अंपायर ने ये जानकारी दी कि नियमों के तहत पथिराना को गेंदबाजी करने से पहले कुछ वक्त इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि, धोनी ने इस बात को लेकर बहस की कि उनके पास पथिराना से गेंदबाजी कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. क्योंकि दीपक चाहर, रवींद्र जडेजा और महीश तीक्ष्णा अपने कोटे के 4 ओवर फेंक चुके हैं. बातचीत के दौरान मैच रुका रहा और 4-5 मिनट का समय बीत गया. इसके बाद पथिराना को बॉलिंग की अनुमति दी गई और धोनी का काम हो गया. उन्होंने दूसरे ओर में 13 रन दिए और फिर अगले ओवर में विजय शंकर को आउट कर दिया.
अंपायर की भूमिका पर सवाल
यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या अंपायर ने अनुचित खेल कानून, 41.9 के तहत सीएसके को सजा देने के बारे में सोचा, जो फील्डिंग के दौरान समय बर्बाद करने से जुड़ा है. इस नियम के मुताबिक, ऐसा करने पर अंपायर को फील्डिंग टीम को पहली और फाइनल चेतावनी जारी करनी होती है और अगर उन्हें लगता है कि ओवर के दौरान जानबूझकर समय बर्बाद किया जा रहा है, तो दोबारा ऐसा करने पर फील्डिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगा दी जाती है और तो और गेंदबाज को भी सस्पेंड किया जा सकता है. हालांकि, नियम का उल्लंघन हुआ है या नहीं, ये अंपायर तय करते हैं.
हॉग ने भी उठाए धोनी पर सवाल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रैड हॉग ने धोनी और अंपायरों पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है. हॉग ने लिखा, ‘धोनी ने अपनी मौजूदगी का पूरा फायदा उठाया और 4 मिनट तक अंपायर को अपनी बातों में उलझाए रखा. ताकि वो पथिराना से 16वां ओवर करा सकें. अंपायर को स्थिति अफने हाथ में रखनी चाहिए थी. लेकिन, वो हंस रहे थे, जो सही नहीं.
इसके बाद से ये बात हो रही है कि धोनी ने जानबूझकर वक्त बर्बाद किया और उनपर जुर्माना लगाया जा सकता है या और सख्त कड़ी कार्रवाई करते हुए फाइनल मैच के लिए बैन किया जा सकता है.
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