मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बेशक क्रिकेट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन आज भी उनकी कई पारियां दर्शकों जेहन में तरोताजा हैं. आज से करीब 21 साल पहले शारजाह में उन्होंने ऐसा तूफान मचाया था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम तबाह हो गयी थी. जबकि उस वक्त वर्ल्ड क्रिकेट में कंगारू टीम तूती बोलती थी.
बहरहाल, सचिन ने अकेले दम पर स्टीव वॉ की रौबदार टीम को भी पानी पिला दिया था और ऐसा एक नहीं बल्कि दो बार हुआ था. जी हां, 1998 में शारजाह में हुए कोका कोला कप में सचिन की बैक टू बैक दो धाकड़ पारियों ने लोगों को दीवाना बना लिया था.
जब शारजाह में आया स्टॉर्म
1998 में शारजाह में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच कोका कोला कप खेला जा रहा था. इस टूर्नामेंट में हालात कुछ ऐसे बने कि भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी लीग मैच जीतना जरूरी हो चला था. 22 अप्रैल 1998 को खेल गए आखिरी लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया ने माइकल बेवन के शतक (101) के सहारे भारतीय टीम के सामने 285 रन की चुनौती रखी. जबकि न्यूजीलैंड को रन रेट के आधार पर पीछे छोड़ते हुए फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को 46 ओवर में 276 रन बनाने थे, जो कि एक वक्त नामुमकिन सा लग रहा था.
इस मुश्किल चुनौती के सामने भारतीय पारी को सौरव गांगुली और सचिन ने शुरू किया, लेकिन 39 के स्कोर तक यह जोड़ी टूट गई. डेमियन फ्लेमिंग ने गांगुली (23) को टॉम मूडी के हाथों कैच कराया. लेकिन सचिन का धमाल जारी रहा. इस दौरान उन्हें नयन मोंगिया (35) और कप्तान अजहरुद्दीन (14) का भी सहयोग मिला. जबकि रेत के तूफान से आधे घंटे तक मैच नहीं होने दिया. इस 'करो या मरो' वाले मैच में सचिन ने 131 गेंदों पर 143 रन की तूफानी पारी खेलकर एक किस्म का स्टॉर्म ला दिया. इस दौरान उनके बल्ले से 9 चौके और 5 छक्के निकले थे. हालांकि उनकी इस पारी के बावजूद भारत ये मैच हार गया था, लेकिन बेहतर नेट रन रेट के दम पर फाइनल में जगह मिल गई. इस तूफानी पारी ने यकायक सचिन को दुनियाभर में मशहूर कर दिया.
बैक टू बैक जड़े दो शतक
इसके बाद 24 अप्रैल 1998 को कोका कोला कप का फाइनल खेला गया, जिसमें सचिन के बल्ले के तूफान से एक बार फिर कंगारू टीम की तबाही का मंजर हर किसी ने देखा. अपने 25वें जन्मदिन पर उन्होंने 131 गेंदोंपर 12 चौके और तीन छक्के की मदद से 134 रन बनाते हुए भारत की जीत का बिगुल फूंक डाला था. यही वजह रही कि 273 रन का लक्ष्य भारतीय टीम ने 48.3 ओवर में हासिल कर लिया था.
सच कहा जाए तो बैक टू बैक जड़े इन दो दमदार शतकों के सहारे सचिन ने इस वनडे सीरीज में 435 रन ( पांच मैच) बनाए और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था. शारजाह में खेली सचिन की इन दो ताबड़तोड़ पारियों को डेजर्ट स्ट्रॉर्म भी कहा जाता है. हालांकि 1998 में सचिन के बल्ले की धमक से हर टीम खौफ खाती नजर आई. आखिर उन्होंने इस दौरान वनडे में 9 शतक जड़ने का रिकॉर्ड कायम किया था, जो कि उनके वनडे करियर का एक साल में सर्वोच्च प्रदर्शन है.
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Tags: Adam gilchrist, Mohammad azharuddin, Sachin tendulkar, Saurav ganguly, Steve Waugh
FIRST PUBLISHED : April 22, 2019, 11:35 IST