ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट में अश्विन ने बेहतरीन गेंदबाजी की. (AP)
नई दिल्ली. सईद अजमल (Saeed Ajmal) तो याद हैं ना. सकलैन मुश्ताक (Saqlain Mushtaq) के बाद ‘दूसरा’ में महारत रखने वाले पाकिस्तान के ऑफ स्पिनर. साल 2014 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब आईसीसी (ICC) ने उसके टॉप बॉलर सईद अजमल पर बैन लगा दिया. वजह थी, उनका ‘दूसरा’ फेंकने का एक्शन. अजमल उस वक्त वनडे के नंबर वन बॉलर थे. टेस्ट और टी20 की रैंकिंग में भी वह टॉप 10 में शामिल थे.
सईद अजमल को उम्मीद थी कि वह जल्द मैदान में वापसी कर लेंगे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने भी अजमल की पैरवी का बीड़ा उठाया और अपनी बॉलिंग एक्शन कमेटी को जांच के लिए बैठाया. पीसीबी का दांव उल्टा पड़ गया. उसके एक्सपर्ट ने बताया, सईद अजमल का सिर्फ दूसरा ही नहीं, बल्कि पूरा बॉलिंग एक्शन ही अवैध है. पीसीबी और आईसीसी के बीच मामला लंबा खिंचा, पर सईद अजमल को राहत नहीं मिली.
मुरलीधरन के साथ खुद को जोड़ खेला इमोशनल कॉर्ड
बैन लगने के करीब 6 साल बाद सईद अजमल ने आईसीसी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, साल 2009 और 2014 का टेस्ट सेम था. फर्क बस इतना था कि आईसीसी ने 2009 में जिन मेडिकल कंडीशन पर विचार किया था, 2014 में उसे हटा दिया गया. सईद अजमल ने कहा, जब मुरलीधरन ने क्रिकेट छोड़ दिया तो आईसीसी ने सोचा कि यह लड़का पाकिस्तान से है और वो हमारे फैसले के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते.
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‘आईसीसी ने अश्विन को बचाया’
सईद अजमल ने 2021 में एक बार फिर मोर्चा खोला. इस बार उनके निशाने पर आईसीसी के साथ रविचंद्रन अश्विन भी थे. सईद अजमल ने कहा, जब मुझ पर बैन लगा तो अश्विन छह महीने के लिए क्रिकेट से बाहर हो गए. ऐसा इसलिए हुआ ताकि वह अपने बॉलिंग एक्शन को क्लियर कर सकें. आईसीसी ने बीसीसीआई की मदद की. सईद अजमल का कहना था, आईसीसी सिर्फ पैसों की चिंता करती है. बिना किसी से पूछे सारे नियम कायदों को बदल दिया गया. मैं पिछले 8 सालों से क्रिकेट खेल रहा था. वो सभी नियम क्या मेरे लिए थे? सईद अजमल ने 35 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 178 विकेट लिए. ऑफ स्पिनर ने 112 वनडे में 184 और 64 टी20 में 85 विकेट अपने नाम किए.
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