राहुल द्रविड़ की वजह से पृथ्वी शॉ ने की दमदार वापसी, जानिए कैसे
News18Hindi Updated: November 18, 2019, 2:34 PM IST

8 महीने के बैन के बाद वापसी करते हुए पृथ्वी शॉ ने मुंबई के लिए असम के खिलाफ बेहतरीन 63 रन बनाए. (TWITTER)
डोपिंग बैन के बाद सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) में अर्धशतक के साथ वापसी करने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) से मिले मार्गदर्शन का भी जिक्र किया.
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- Last Updated: November 18, 2019, 2:34 PM IST
नई दिल्ली. पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) का भविष्य माना जा रहा है, हालांकि पिछले कुछ महीने उनके लिए बेहद खराब रहे, जब उन्हें प्रतिबंधित पदार्थ लेने के चलते आठ महीने के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. डोपिंग के चलते लगे प्रतिबंध के बाद पृथ्वी शॉ ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) के जरिये क्रिकेट के मैदान पर बेहतरीन वापसी की है. पृथ्वी शॉ ने मुंबई की ओर से खेलते हुए असम के खिलाफ महज 39 गेंदों पर 63 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया.
पृथ्वी शॉ की दमदार वापसी के पीछे द्रविड़
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की सफल वापसी में टीम इंडिया (Team India) के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और मौजूदा समय में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (National Cricket Academy) के प्रमुख राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का भी अहम योगदान रहा है. बैन के दौरान पृथ्वी शॉ पर बीसीसीआई (BCCI) से जुड़ी हुई क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी. असम के खिलाफ मैच के बाद पृथ्वी शॉ ने बताया कि बैन के दौरान एनसीए प्रमुख राहुल द्रविड़ ने मेरी काफी मदद की. उन्होंने बैन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा. मैं इससे बेहद निराश था.
द्रविड़ ने शॉ की फिटनेस पर किया काम
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने कहा, 'मुझ पर प्रतिबंध लगने के 20-25 दिन बाद तक मैं ये नहीं समझ पाया कि आखिर ये कैसे हो गया. कुछ वक्त निकला तो मैं रिलेक्स करने के लिए लंदन चला गया क्योंकि 15 सितंबर तक मुझे अभ्यास की अनुमति नहीं दी गई थी. मेरे दिमाग में कुछ नहीं था. मैं बैन को लेकर कुछ नहीं कर सकता था. जब मैं लंदन से लौटा तो राहुल (Rahul Dravid) सर का मेरे पास फोन आया और उन्होंने मुझे ट्रेनिंग के लिए नेशनल क्रिकेट एकेडमी बुलाया. उसके बाद मैं वहां गया और यो-यो टेस्ट समेत फिटनेस टेस्ट किए.'
द्रविड़-शॉ ने साथ में जीता वर्ल्ड कप
अपने क्रिकेट करियर में कभी वर्ल्ड कप नहीं जीतने वाले राहुल द्रविड़ को बतौर कोच पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल हुआ था. हम बात कर रहे हैं साल 2018 में हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप की जिसमें पृथ्वी शॉ की अगुवाई में ही टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीती थी. भारत ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया था.

मुश्किल वक्त में पिता ने दिया शॉ का साथ
मुंबई के इस युवा खिलाड़ी के करियर को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता का अहम योगदान है. इस बारे में पृथ्वी शॉ ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में जब कोई नहीं था तब भी मेरे पिता मजबूती से मेरे साथ खड़े रहे. इन बीते तीन महीनों में तो उन्होंने इस तरह मेरा साथ दिया जैसे कि अंडर—14 और अंडर—16 क्रिकेट के दिनों में देते रहे थे. उन्हें इस बात का अहसास था कि उन्हें मेरे साथ रहने की जरूरत है.
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पृथ्वी शॉ की दमदार वापसी के पीछे द्रविड़
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की सफल वापसी में टीम इंडिया (Team India) के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और मौजूदा समय में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (National Cricket Academy) के प्रमुख राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का भी अहम योगदान रहा है. बैन के दौरान पृथ्वी शॉ पर बीसीसीआई (BCCI) से जुड़ी हुई क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी. असम के खिलाफ मैच के बाद पृथ्वी शॉ ने बताया कि बैन के दौरान एनसीए प्रमुख राहुल द्रविड़ ने मेरी काफी मदद की. उन्होंने बैन को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा. मैं इससे बेहद निराश था.

पृथ्वी शॉ ने कहा है कि बैन लगने के बाद इस मुश्किल वक्त में उनके पिता ने उनका साथ दिया. (FILE PHOTO)
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने कहा, 'मुझ पर प्रतिबंध लगने के 20-25 दिन बाद तक मैं ये नहीं समझ पाया कि आखिर ये कैसे हो गया. कुछ वक्त निकला तो मैं रिलेक्स करने के लिए लंदन चला गया क्योंकि 15 सितंबर तक मुझे अभ्यास की अनुमति नहीं दी गई थी. मेरे दिमाग में कुछ नहीं था. मैं बैन को लेकर कुछ नहीं कर सकता था. जब मैं लंदन से लौटा तो राहुल (Rahul Dravid) सर का मेरे पास फोन आया और उन्होंने मुझे ट्रेनिंग के लिए नेशनल क्रिकेट एकेडमी बुलाया. उसके बाद मैं वहां गया और यो-यो टेस्ट समेत फिटनेस टेस्ट किए.'

2018 में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के कप्तान थे पृथ्वी शॉ
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अपने क्रिकेट करियर में कभी वर्ल्ड कप नहीं जीतने वाले राहुल द्रविड़ को बतौर कोच पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल हुआ था. हम बात कर रहे हैं साल 2018 में हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप की जिसमें पृथ्वी शॉ की अगुवाई में ही टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीती थी. भारत ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया था.

पृथ्वी शॉ ने वापसी करते ही ठोका अर्धशतक
मुश्किल वक्त में पिता ने दिया शॉ का साथ
मुंबई के इस युवा खिलाड़ी के करियर को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता का अहम योगदान है. इस बारे में पृथ्वी शॉ ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में जब कोई नहीं था तब भी मेरे पिता मजबूती से मेरे साथ खड़े रहे. इन बीते तीन महीनों में तो उन्होंने इस तरह मेरा साथ दिया जैसे कि अंडर—14 और अंडर—16 क्रिकेट के दिनों में देते रहे थे. उन्हें इस बात का अहसास था कि उन्हें मेरे साथ रहने की जरूरत है.
क्रिकेट मैच के दौरान बड़ी 'अनहोनी', अर्धशतक ठोकने के बाद बल्लेबाज की मौत!
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First published: November 18, 2019, 11:31 AM IST
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