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VIDEO: दो लड़कों ने बचाई ऋषभ पंत की जान...खुद क्रिकेटर ने गूगल में डाली नाम की सही स्पेलिंग, मां को करवाया फोन

रजत और निशु नाम के दो लड़के ऋषभ पंत को एंबुलेंस में लेकर सक्षम अस्पताल पहुंचे थे. (NW18 Photo)

रजत और निशु नाम के दो लड़के ऋषभ पंत को एंबुलेंस में लेकर सक्षम अस्पताल पहुंचे थे. (NW18 Photo)

Rajat and Nishu Saved Rishabh Pant Life: रजत और निशु ने ऋषभ पंत का नाम सुना था, लेकिन चेहरा नहीं देखा था. जब पंत को लेक ...अधिक पढ़ें

रुड़की: टीम इंडिया के क्रिकेटर ऋषभ पंत का कल रुड़की में रोड एक्सीडेंट हो गया था. दिल्ली-देहरादून हाईवे पर उनकी कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें ऋषभ पंत को सिर, पीठ, कलाई और पैर में चोटें आईं. ​दो लड़के ऋषभ पंत को बचाने सबसे पहले आए थे. इन्हीं दोनों ने क्रिकेटर का सारा सामान और कैश जलती कार से निकाला था और पुलिस को इसकी सूचना दी थी. एक लड़के का नाम रजत और दूसरे का निशु है. इन दोनों ने News 18 इंडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में हादसे के बाद की पूरी कहानी बताई. दोनों लड़के उत्तम शुगर मिल में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि हम सुबह ड्यूटी जा रहे थे तभी ऋषभ पंत की कार डिवाइडर से टकराई.

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दोनों लड़कों ने बताया, ‘हमने ऋषभ पंत का नाम सुना था, लेकिन चेहरा नहीं देखा था. हमने सोचा कि इतना बड़ा क्रिकेटर सुबह-सुबह यहां कैसे हो सकता है. हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर ने एम्बुलेंस को कॉल किया था. जब पंत को लेकर हम एम्बुलेंस में निकले, तो रास्ते में उनके बारे में गूगल सर्च किया. ऋषभ पंत ने हमसे कहा था कि मेरे नाम की स्पेलिंग सही तरीके से डालो, तभी मेरी फोटो गूगल सर्च में आएगी. ऋषभ पंत ने खुद अपने नाम की सही स्पेलिंग लिखी थी हमारे फोन में. उन्होंने हमें थैंक्यू बोला और कहा कि हम दोनों उनके पास ही रहें. लेकिन बाद में पुलिस ने हम दोनों को बाहर निकाल दिया. एम्बुलेंस के अंदर से हमने उनकी मां के फोन नंबर पर कॉल किया, लेकिन उनका नंबर स्विच्ड ऑफ था.’

रजत और निशु ने News 18 इंडिया को बताया कि एम्बुलेंस ऋषभ पंत को लेकर सरकारी अस्पताल जा रही थी, लेकिन हमने कहा कि पास में सक्षम अस्पताल है, वहां जल्दी पहुंच सकते हैं, इनको तत्काल इलाज चाहिए, क्योंकि यह देश के क्रिकेटर हैं. राज्य सरकार की 108 एम्बुलेंस सेवा मरीज को लेकर अमूमन सरकारी अस्पतालों में ही जाती है. लेकिन लड़कों के कहने पर ड्राइवर पंत को लेकर हादसा स्थल के पास में स्थित सक्षम अस्पताल गया. यहां डॉक्टरों ने ऋषभ को प्राथमिक उपचार दिया. कुछ देर बाद रुड़की प्रशासन ने क्रिकेटर को देहरादून के मैक्स अस्पताल में एडमिट करवाया और उनके परिजनों को सूचित किया. रजत और निशु ने बताया कि हम जब जलती कार के पास पहुंचे तो, ऋषभ पंत खुद शीशा तोड़कर बाहर निकल चुके थे और सड़क पर ही लेटे थे. उन्होंने बहुत हिम्मत और बहादुरी दिखाई थी.

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रजत और निशु ने बताया कि हमने गाड़ी से ऋषभ पंत का सूटकेस निकाला, कुछ पैसे भी बिखरे थे…जिसे हमने इकट्ठा किया. उनके कपड़ों में भी आग लग गई थी, इसलिए उन्होंने निकाल दिया था. हमने उन्हें कंबल में लपेटा. हम जब उन्हें एम्बुलेंस में लकर जा रहे थे तो वह चोटिल जरूर थे, लेकिन घबरा बिल्कुल नहीं रहे थे, न ही डर रहे थे. हम भले ही इतना बड़ा हादसा देखकर सहम गए थे. सक्षम अस्पताल में उनको भर्ती कराने के बाद हम वहीं रुकना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें जाने के लिए कहा. गाड़ी से मिले सामान को लेकर पुलिस ने हमारा स्टेटमेंट दर्ज किया. उनके गले में एक सोने की चेन, हाथ में ब्रेसलेट, सूटकेस और नोट थे. हमने सबकुछ पुलिस को दे दिया था. कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने ही हमें उत्तम शुगर मिल छोड़ा था.

Tags: Rishabh Pant, Road Accidents, Roorkee news

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