रोजर बिन्नी ने 1983 विश्व कप के दिनों को किया याद. (AFP)
नई दिल्ली. 67 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी (Roger Binny) बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं. प्रतिष्ठित पद पर काबिज होने से पहले हिंदुस्तान टाइम्स ने उनका खास साक्षात्कार लिया है. इस दौरान उन्होंने कई प्रमुख चीजों पर खास बातचीत की. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि कपिल देव को उनके संतरे के जूस कितने पसंद थे. यही नहीं उन्होंने याद करते हुए बताया कि श्रीकांत की हिंदी पर कैसी पकड़ थी और वह कैसे हिंदी के गाने गाते थे.
उन्होंने 1983 विश्व कप जीत के ऐतिहासिक दिन पर बात करते हुए कहा, उस अप्रत्याशित जीत ने भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया. भारतीय जीत में बिन्नी का प्रत्येक मुकाबलों में अहम योगदान रहा. उन्होंने कप्तान की मांग पर अहम मौकों पर विकेट चटकाए. इसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबले में विपक्षी कप्तान क्लाइव लॉयड का विकेट सबसे महत्वपूर्ण विकेटों में रहा.
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1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव ने एक बार कहा था, ‘पूरे विश्व कप में मेरी सबसे बड़ी ताकत रोजर बिन्नी थे. मुझे बस उसे बताना था रोजर गेंद को कहां डालो.’
रुद्रनील सेनगुप्ता ने बताया मैंने रिजेक्शन की उम्मीद से उन्हें कॉल किया था, ‘श्री बिन्नी, आप मुझे नहीं जानते, लेकिन मैं 1983 पर एक लेख लिख रहा हूं और मैं उम्मीद कर रहा था कि आप मुझे अपना कुछ महत्वपूर्ण समय दे सकते हैं.’
बिन्नी ने जवाब देते हुए कहा, ‘मुझे रोजर बुलाओ.’ फिर उन्होंने करीब एक घंटे तक विश्व कप की ज्वलंत कहानियों के साथ मुझे जोड़े रखा. उन्होंने बताया, ‘आपने देखा विश्व कप में हमारे पास केवल एक वास्तविक तेज गेंदबाज था, और वह हमारे पागल कप्तान कपिल देव थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें पागल कहता हूं क्योंकि वह कभी हार मानने की अवधारणा को नहीं जानते थे. वैसे भी, मदन (लाल), (बलविंदर सिंह) संधू और मैं सीम और स्विंग वाले गेंदबाज थे. लेकिन यह इंग्लैंड था. यहां हर समय बादल रहते थे. जो हमारे लिए अनुकूल था.’
बिन्नी ने कप्तान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘हमारे पास बात करने का कोई जरिया नहीं था. कपिल की अंग्रेजी मेरी हिंदी से बेहतर थी. लेकिन तब (कृष्णामाचारी) श्रीकांत थे जो इस धारणा के अधीन थे कि वह बेहतर हिंदी बोलते हैं, और एक अच्छे गायक हैं. वह गाने के दौरान गलत बोलों का इस्तमाल करते हुए काफी गंभीरता के साथ हास्यास्पद तरीके से गाते थे. जिससे हर किसी को हंसी छुट जाती थी.
बिन्नी ने बताया कि जब मैंने श्रीकांत को उनके गायन के बारे में बताया, तो उन्होंने कहा कि वह अपनी खराब हिंदी और खराब गायन से पूरी तरह वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि वह अब भी सोचते हैं कि उनकी हिंदी में कोई गलती नही है और उनके गाने की शैली बहुत अच्छी है.’
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