भारतीय टीम के लिए जिम्बाब्वे का दौरा यादगार रहा.
नई दिल्ली. भारत ने जिम्बाब्वे के साथ खेली गई वनडे सीरीज उम्मीद के मुताबिक आसानी से जीत ली. जिम्बाब्वे का तो सूपड़ा साफ हो गया. मेजबान टीम सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत सकी. टीम इंडिया ने इस सीरीज से ऐसा बहुत कुछ हासिल किया, जो उसे बरसों काम आने वाला है. तीसरा वनडे जीतने के साथ ही भारत ने जिम्बाब्वे पर सबसे अधिक जीत के रिकॉर्ड की बराबरी भी की. भारत ने जिम्बाब्वे को वनडे मैचों में 54 बार हराया है. सिर्फ पाकिस्तान ही जिम्बाब्वे को इतनी बार हरा सका है. आइए जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट के लिए भारत vs जिम्बाब्वे सीरीज (India vs Zimbabwe) क्यों फायदे का सौदा साबित हुई.
शुभमन गिल ने ओपनिंग के लिए ठोका दावा
अगर किसी खिलाड़ी ने इस सीरीज का सबसे ज्यादा फायदा उठाया तो वह शुभमन गिल (Shubman Gill) हैं. गिल वैसे तो आईपीएल 2022 से ही बेहतरीन फॉर्म में हैं. उन्होंने वेस्टइंडीज दौरे पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था. लेकिन यह पहला मौका है, जब उन्होंने शतकीय पारी खेली. गिल ने तीसरे मैच में 130 रन बनाए. यह हरारे में किसी भी भारतीय की सबसे बड़ी पारी है. शुभमन गिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 3 मैच में 122.50 की औसत से 245 रन बनाए. कोई शक नहीं कि शुभमन गिल को ही प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड दिया गया. गिल ने अपने इस प्रदर्शन से टीम इंडिया में ओपनर के तौर पर दावा भी ठोक दिया है.
संजू सैमसन ने फिनिश किया मैच
विकेटकीपर संजू सैमसन (Sanju Samson) भारत के उन खिलाड़ियों में हैं, जिनकी प्रतिभा का लोहा हर कोई मानता है. केरल के इस खिलाड़ी को मौके भी मिलते रहे हैं, हालांकि, उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है. जिम्बाब्वे के खिलाफ भी ऐसा देखने को मिला. उन्हें पहले मैच में बैटिंग का मौका नहीं मिला और तीसरे मैच में वे सिर्फ 15 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन दूसरा मैच उनके करियर के लिए यादगार रहा. उन्हें इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला. यह अवॉर्ड उन्हें वो भरोसा देगा, जो किसी भी खिलाड़ी को आगे बढ़ने के लिए चाहिए. सबसे बड़ी बात यह कि उन्होंने छठे नंबर पर बेहतरीन पारी खेली और मैच फिनिश किया. और क्रिकेट में फिनिशर की भूमिका क्या होती है, यह बताने की जरूरत नहीं है.
दीपक चाहर की दमदार वापसी
मीडियम पेसर दीपक चाहर (Deepak Chahar) करीब छह महीने बाद भारतीय टीम के लिए उतरे और आते ही छा गए. उन्होंने पहले मैच में अपने पहले ही स्पेल में 3 विकेट लेकर जिम्बाब्वे को मैच से बाहर किर दिया. दूसरे मैच में उन्हें रेस्ट दिया गया. तीसरे मैच में दीपक टीम में लौटे और दूसरे ही ओवर में विकेट ले लिया. चोट से वापसी कर रहे खिलाड़ी के लिए यह प्रदर्शन बेहद उत्साहजनक है. टीम इंडिया के लिए भी यह अच्छा संकेत है कि उसका गेंदबाज ना सिर्फ फिट हो चुका है और बल्कि लय में भी लौट आया है.
बॉलिंग यूनिट पर कर सकते हैं गर्व
जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज में भारतीय गेंदबाजों ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया. भारतीय गेंदबाजों का सीरीज में किस कदर जलवा रहा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिम्बाब्वे तीन में से दो मैच में 200 रन का आंकड़ा नहीं छू सका. तीसरे मैच में भी हमारे गेंदबाजों ने विरोधी टीम को लक्ष्य से दूर रखा. पहले मैच में दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा, अक्षर पटेल और दूसरे मैच में शार्दुल ठाकुर ने 3-3 विकेट झटके. भारतीय क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि मौजूदा समय में भारतीय पेस अटैक जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल, रवींद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या के इर्द-गिर्द घूमती है. इनके बिना भी अगर भारतीय टीम विरोधी टीम को 200 रन के भीतर ढेर करती है, तो यह इससे बेहतर संकेत कुछ और नहीं हो सकता.
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