Advertisement

क्रिकेट खेलने के लिए घर से 'भाग' गईं थीं पूनम यादव, अब वर्ल्ड कप में कर दिया करिश्मा

Last Updated:

टी20 वर्ल्ड कप के पहले मैच का पासा पूनम यादव (Poonam Yadav) ने अपनी शानदार गेंदबाजी से पलट दिया. हालांकि वह इस मैच में इतिहास रचने से चूक गई.

क्रिकेट खेलने के लिए घर से 'भाग' गईं थीं पूनम यादव, अब वर्ल्ड कप में किया कमालपूनम यादव ने ईंटों को बनाया डंबल
सिडनी. टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) का आगाज  हो चुका है और भारत ने उद्घाटन मुकाबले में  मेजबान ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से मात दे दी. हालांकि भारत ने पहले बल्‍लेबाजी करते हुए चार बार की चैंपियन के खिलाफ सिर्फ 132 रन ही बनाए थे, जिसके बाद टीम मुश्किलों में घिर गई थी. मगर 28 साल की पूनम यादव  (Poonam Yadav)  ने पूरे मैच का ही पासा पलट के रख दिया. एक समय मैच मेजबान के खाते में जाता दिख रहा था, मगर जैसे ही 10वें ओवर में पूनम ने 51 रन पर एलिसा हीली का कैच अपनी ही गेंद पर लपका, भारत की वापसी हो गई. इस विकेट के बाद तो पूनम ने मैदान पर कोहराम मचा दिया. इसके बाद उन्हाेंने 12वें ओवर की तीसरी गेंद पर रिचल हेंस को आउट किया  और इसके अगली ही गेंद पर उन्होंने एलिस पेरी को गोल्डन डक कर दिया. हालांकि उनके पास यहां हैट्रिक लेने का मौका था, मगर पांचवी गेंद पर विकेटकीपर तानिया भाटिया ने पूनम की गेंद पर जेस जोनासन का कैच छोड़ दिया और पूनम इतिहास रचने से चूक गई.  हालांकि 14वें ओवर में पूनम ने जोनासन को अपना शिकार बना ही लिया. पहले मैच में पूनम ने 19 रन देकर चार विकेट लिए.

इसीलिए पहनती हैं 24 नंबर की जर्सी
पहले ही मैच में कोहराम मचाने वाली पूनम का जन्म 24 अगस्त 1991 को आगरा में हुआ था और इसी वजह से वह 24 नंबर की जर्सी भी पहनती हैं. पूनम के पिता रघुवीर सिंह रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर हैं. आज भी टॉम बॉय की तरह रहने वाली पूनम बचपन में भी लड़कों की तरह रहती थी. उन्हीं की तरह कपड़े पहना और लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेलती थीं.

पिता ने कर दिया था मना
पूनम यादव  (Poonam Yadav)  ने आठ साल की उम्र में स्टेडियम जाना शुरू किया. मगर समाज के अधिक दबाव के कारण उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने से मना कर दिया. लेकिन क्रिकेट तो पूनम की हर सांस में बसता था. इसीलिए एक दिन वो पिता को बिना बताए ही स्टेडियम के लिए घर से चली गई और कोच हेमलता काला के साथ घर लौटीं. जिससे कोच उनके पिता को मना सके और वो इसमें सफल भी हो गई थीं. इसके बाद पूनम ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्हें भेदभाव का भी काफी सामना करना पड़ा था. अक्सर उनके आस पास के लोग यही कहते थे कि कैसे एक लड़की क्रिकेट खेल सकती है और कैसे एक लड़की देर रात घर आ सकती है. मगर पूनम ने इस फालतू की बकवास पर ध्यान नहीं दिया और अपने सपने को पूरा करने के लिए डटी रहीं.

रेलवे से भारतीय टीम तक का सफर
जल्द ही पूनम   (Poonam Yadav) का चयन सेंट्रल जोन टीम में हो गया. उसके बाद वह उत्तर प्रदेश की टीम का भी हिस्सा बन गई. वह अब वह घरेलू स्तर पर रेलवे का प्रतिनिधित्व करती हैं. रेलवे से जुड़ने के बाद पूनम की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया और उनका खेल भी काफी सुधरा. पूनम ने 2013 में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 क्रिकेट में डेब्यू किया था और सात दिन बाद वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया. उन्होंने 2014 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक मात्र टेस्ट मैच खेला ‌था.

T20 World Cup में भारत को बड़ा झटका, ओपनर स्मृति मंधाना को लगी गंभीर चोट

पंत को खिलाने पर भड़के हर्षा, कहा-अब तो श्रेया घोषाल के बाहर होने का इंतजार
homesports
क्रिकेट खेलने के लिए घर से 'भाग' गईं थीं पूनम यादव, अब वर्ल्ड कप में किया कमाल
और पढ़ें