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BCCI के पूर्व स्कोरर ने अध्यक्ष गांगुली से लगाई गुहार, रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने के साथ रखी ये मांग

BCCI फिलहाल घरेलू मैच में  
स्कोरर को हर दिन के 10 हजार रुपए देता है.
(Sourav ganguly twitter)

BCCI फिलहाल घरेलू मैच में स्कोरर को हर दिन के 10 हजार रुपए देता है. (Sourav ganguly twitter)

BCCI से मान्यता प्राप्त स्कोरर दशकों तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने के बावजूद तंगहाली में जीने को मजबूर हैं. इनमें से 1 ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के हजारों रन का रिकॉर्ड रखने के साथ ही कपिल देव और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज गेंदबाजों के विकेट का हिसाब रखने वाले स्कोरर मुश्किल में हैं. इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त 17 सेवानिवृत्त स्कोरर ने अध्यक्ष सौरव गांगुली से मदद की गुहार लगाई है. स्कोरर ने बीसीसीआई से रिटायरमेंट से जुड़े फायदे दिए जाने की अपील की है. इसे लेकर ही उन्होंने गांगुली को ई-मेल किया है.

    यह पहल मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के स्कोरर विवेक गुप्ते ने की है. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि मैंने 17 स्कोरर के प्रतिनिधि के तौर पर बोर्ड अध्यक्ष गांगुली को ई-मेल किया है. इसमें हमने स्कोरर की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की मांग की है. फिलहाल, स्कोरर की रिटायरमेंट उम्र 55 साल है. गुप्ते ने इसके लिए अंपायरों के रिटायरमेंट उम्र में हुए इजाफे का हवाला दिया है. हाल ही में बीसीसीआई ने अंपायरों के रिटायरमेंट की उम्र 55 से बढ़ाकर 60 साल की है.

    बीसीसीआई से सकारात्मक पहल की उम्मीद
    उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को स्कोरर के लिए रिटायरमेंट पॉलिसी लानी चाहिए और उसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए. ताकि जो स्कोरर रिटायर हो चुके हैं उन्हें रिटायरमेंट से जुड़े फायदे मिल सकें. फिर चाहें उनके हर महीने तय पेंशन दी जाए या फिर बोर्ड की तरफ से एकमुश्त रकम. इसके अलावा इनके स्वास्थ्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाना चाहिए. गुप्ते को उम्मीद है कि बीसीसीआई अध्यक्ष उनकी इस मांग पर जरूर अमल करेंगे.

    कोरोना काल में स्कोरर की आय घटी
    BCCI से मान्यता प्राप्त स्कोरर को फिलहाल, मैच होने पर हर दिन के 10 हजार रुपए मिलते हैं. लेकिन कोरोना के दौर में स्कोरर की कमाई काफी घटी है. क्योंकि महामारी के कारण बीसीसीआई पिछले साल घरेलू क्रिकेट में टेस्ट मैच नहीं करा पाया. युवा स्कोरर की स्थिति तो फिर भी ठीक है. लेकिन जो स्कोरर काफी पहले रिटायर हो चुके हैं. उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. उनके पास आय का कोई दूसरा जरिया नहीं है.

    'बोर्ड को स्कोरर के त्याग का सम्मान करना चाहिए'
    गुप्ते ने गांगुली को लिखे ई-मेल में कहा है कि हम हमने स्कोरिंग शुरू की थी, तब हर दिन का 50 रुपए से भी कम मिलता था. वरिष्ठ स्कोररों ने बिना किसी उम्मीद के अपनी पूरी जिंदगी ऐसे काम में खपा दी, जिसकी बहुत चर्चा नहीं होती है. ऐसे में बोर्ड को रिटायरमेंट के बाद इनका ध्यान रखना चाहिए. कम से कम उन्होंने जो इस खेल के लिए त्याग किया है, उसका तो सम्मान करना चाहिए.

    बोर्ड अध्यक्ष तक ई-मेल के जरिए अपनी बात पहुंचाने वाले 17 स्कोररों में से, एमएस रहमान (झारखंड) का कुछ समय पहले ही निधन हो गया और बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के सुनील लांडगे को पिछले साल दिसंबर में इस लिस्ट में जोड़ा गया है. 17 स्कोरर में से तीन मुंबई क्रिकेट एसोसिएसन से जुड़े हैं.

    Tags: BCCI, Cricket news, Mumbai Cricket Association, Sourav Ganguly

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