नई दिल्ली. क्रिकेट में मांकडिंग (Mankading) अब रन आउट माना जाएगा. एक दिन पहले क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (Marylebone Cricket Club) ने खेल से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए थे. इसमें से एक मांकडिंग भी था. अब ‘मांकडिंग’ के जरिए बल्लेबाज को आउट करना खेल भावना के विपरीत नहीं माना जाएगा. दरअसल, यह रन-आउट का एक तरीका है, जिसे क्रिकेट की दुनिया में खेल-भावना के विपरीत देखा जाता था. पूर्व भारतीय गेंदबाज वीनू मांकड़ के नाम पर इस तरीके को ‘मांकडिंग’ नाम दिया गया. साल 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान वीनू ने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरीके से पहली बार किसी खिलाड़ी को आउट किया था. हालांकि, एमसीसी के नियमों में बदलाव के बाद अब मांकडिंग अनफेयर प्ले की श्रेणी से बाहर हो गया है. इस पर वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad) के बेटे राहुल ने अपनी बात रखी.
राहुल मांकड़ ने मांकडिंग को अनफेयर प्ले की श्रेणी से बाहर करने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने क्रिकबज से बातचीत में कहा, “यह फैसला लेने का उचित समय था.” राहुल, लंबे वक्त से अपने पिता की इज्जत के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. उसमें उन्हें आखिरकार जीत मिल गई. हालांकि, वो इस जीत का जश्न नहीं मना पाएंगे. क्योंकि उनकी हार्ट सर्जरी होनी है.
उन्होंने आगे कहा, “समस्या यह है कि आउट होने के इस तरीके को खेल भावना से जोड़ दिया गया. बीते कुछ सालों में क्रिकेट काफी बदल गया है. ऐसे में साफ कहूं तो नैतिकता की बहुत ज्यादा जगह नहीं है. नॉन स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाज के रन-आउट होने पर ही क्यों खेल भावना की बात उठती है? कई बार ऐसा होता है कि बल्लेबाज को पता होता है कि गेंद उसके बल्ले का किनारा लेकर गई है. लेकिन वो मैदान नहीं छोड़ता है. वहीं, फील्डर भी यह दावा करते हैं कि उन्होंने कैच सफाई से पकड़ा है. जबकि गेंद उनके आगे गिरी होती है. इतना ही नहीं, गेंद से छेड़छाड़ भी होती है. ऐसे में खेल भावना जैसी चीज रह कहां गई है?”
वीनू मांकड़ के बेटे ने एमसीसी से शिकायत की थी
वीनू मांकड़ के बेटे राहुल लंबे वक्त से ‘मांकडिंग’ को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे. इसे लेकर राहुल कई बार अपनी शिकायत दर्ज करा चुके थे. उन्होंने आईसीसी और क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी से लॉ में बदलाव की मांग भी की थी.
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इतना ही नहीं, उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भी चिठ्ठी लिखकर इस शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा था. अब जाकर एमसीसी ने उनकी बात मानी और मांकडिंग को अनफेयर प्ले की श्रेणी से बाहर कर दिया. वीनू मांकड़ की गिनती भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में होती है. उन्होंने 44 टेस्ट में 2 हजार से अधिक रन बनाने के साथ 150 से अधिक विकेट लिए थे.
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