जडेजा रन आउट मामले में विराट कोहली 'गलत' साबित, क्रिकेट का ये नियम नहीं जानते भारतीय कप्तान!

विराट कोहली जडेजा मामले में गलत साबित!
चेन्नई वनडे में रवींद्र जडेजा के रन आउट पर विवाद हो गया था, जिसके बाद विराट कोहली (Virat Kohli) काफी गुस्से में नजर आए थे
- News18Hindi
- Last Updated: December 17, 2019, 9:20 AM IST
चेन्नई वनडे के दौरान रवींद्र जडेजा के रन आउट (Ravindra Jadeja Run Out Controversy) पर खासा विवाद हो गया था. भारतीय पारी के 48वें ओवर की चौथी गेंद पर जडेजा के खिलाफ वेस्टइंडीज के रोस्टन चेज ने अपील की थी जिसे अंपायर शॉन जॉर्ज ने नकार दिया था. हालांकि इसके कुछ देर बाद अचानक से विंडीज कप्तान पोलार्ड अंपायर जॉर्ज के पास आए और उसके बाद उन्होंने फैसला थर्ड अंपायर को दिया, फिर जडेजा को रन आउट करार दिया गया. इस फैसले के बाद विराट कोहली काफी नाराज दिखे थे और उन्होंने मैच खत्म होने के बाद इसे इशारों-इशारों में नियम के खिलाफ बताया था. हालांकि अगर आईसीसी के नियम और ईएसपीएन क्रिकइंफो का दावा मानें तो जडेजा मामले में वेस्टइंडीज या अंपायर नहीं बल्कि भारतीय कप्तान विराट कोहली गलत हैं.

जडेजा मामले में वेस्टइंडीज नहीं विराट गलत!
चेन्नई वनडे में हार के बाद विराट (Virat Kohli) ने कहा था कि मैदान से बाहर बैठे लोग अपनी टीम की मदद नहीं कर सकते. दरअसल विराट का मानना था कि वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम से सिग्नल मिलने के बाद पोलार्ड ने अंपायर जॉर्ज से अपील की थी. हालांकि ईएसपीएन का दावा कुछ और है. इस वेबसाइट का दावा है कि जब अंपायर जॉर्ज ने रोस्टन चेज की अपील को नकारा तो उसके बाद खुद थर्ड अंपायर रॉड टकर ने मैदानी अंपायर से संपर्क साधा और उन्हें बताया कि ये मामला थोड़ा करीबी है और आप तीसरे अंपायर को फैसला देने के लिए इशारा कीजिए. रीप्ले में दिखाई दिया कि जडेजा आउट थे. इस बात से साफ है कि वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम से पोलार्ड को कोई इशारा नहीं किया गया था.
नियम भी वेस्टइंडीज के साथ
मैच के बाद विराट कोहली ने ये भी कहा था कि अगर एक बार अंपायर ने नॉट आउट कह दिया तो गेंद वहीं डेड (खत्म) हो जाती है, जबकि आईसीसी के नियमों को देखें तो ऐसा नहीं है. एमसीसी का क्रिकेट नियम (MCC Run-Out Law) कहता है कि अगली गेंद होने तक कोई भी टीम अपील कर सकती है. नियम 31.3 के मुताबिक अपील का टाइम तब तक मान्य है जब तक गेंदबाज अगली गेंद के लिए रनअप नहीं लेता. अगर गेंदबाज ने रनअप नहीं लिया है या दूसरी गेंद नहीं फेंकी गई है, तब तक टीम अपील कर सकती है और फैसले पर विचार किया जा सकता है.
जडेजा के रन आउट पर बोले विराट- मैदान पर ऐसा कभी नहीं देखा...

रवींद्र जडेजा को पहले अंपायर ने नॉट आउट दिया था
जडेजा मामले में वेस्टइंडीज नहीं विराट गलत!
चेन्नई वनडे में हार के बाद विराट (Virat Kohli) ने कहा था कि मैदान से बाहर बैठे लोग अपनी टीम की मदद नहीं कर सकते. दरअसल विराट का मानना था कि वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम से सिग्नल मिलने के बाद पोलार्ड ने अंपायर जॉर्ज से अपील की थी. हालांकि ईएसपीएन का दावा कुछ और है. इस वेबसाइट का दावा है कि जब अंपायर जॉर्ज ने रोस्टन चेज की अपील को नकारा तो उसके बाद खुद थर्ड अंपायर रॉड टकर ने मैदानी अंपायर से संपर्क साधा और उन्हें बताया कि ये मामला थोड़ा करीबी है और आप तीसरे अंपायर को फैसला देने के लिए इशारा कीजिए. रीप्ले में दिखाई दिया कि जडेजा आउट थे. इस बात से साफ है कि वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम से पोलार्ड को कोई इशारा नहीं किया गया था.

रवींद्र जडेजा को विवादित ढंग से रन आउट किया.
नियम भी वेस्टइंडीज के साथ
मैच के बाद विराट कोहली ने ये भी कहा था कि अगर एक बार अंपायर ने नॉट आउट कह दिया तो गेंद वहीं डेड (खत्म) हो जाती है, जबकि आईसीसी के नियमों को देखें तो ऐसा नहीं है. एमसीसी का क्रिकेट नियम (MCC Run-Out Law) कहता है कि अगली गेंद होने तक कोई भी टीम अपील कर सकती है. नियम 31.3 के मुताबिक अपील का टाइम तब तक मान्य है जब तक गेंदबाज अगली गेंद के लिए रनअप नहीं लेता. अगर गेंदबाज ने रनअप नहीं लिया है या दूसरी गेंद नहीं फेंकी गई है, तब तक टीम अपील कर सकती है और फैसले पर विचार किया जा सकता है.
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