सौरव गांगुली ने 2004 के पाकिस्तान दौरे पर ऐसा कुछ किया था, जिससे तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ परेशान हो गए थे.(AFP)
नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 5 फरवरी, 2023 को दुबई में निधन हो गया था. वो लंबे वक्त तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रहे. मुशर्रफ का क्रिकेट प्रेम किसी से छिपा नहीं. 2003-04 में भारतीय टीम जब पाकिस्तान दौरे पर गई थी. तब परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और उस समय उन्होंने हेयस्टाइल को लेकर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की जमकर तारीफ की थी. लेकिन, उसी दौरे का एक किस्सा और भी मशहूर है, जब उन्होंने सौरव गांगुली को सुबह-सुबह ही फोन घनघना दिया था.
सौरव गांगुली ने इस किस्से का जिक्र अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘ए सेंचुरी इज़ नॉट इनफ’ में भी किया था. 2003-04 में गांगुली की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी. पहले दोनों टीमों के बीच 5 वनडे खेले थे. गांगुली आखिरी मैच में कैच लेने की कोशिश में चोटिल हो गए थे. तब डॉक्टर ने उन्हें 3 हफ्ते आराम करने को कहा था. उनकी गैरहाजिरी में टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने कप्तानी की थी. लेकिन तब गांगुली ने ऐसा काम किया था कि पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी परेशान हो गए थे.
गांगुली बिना सुरक्षा के स्ट्रीट फूड खाने पहुंच गए थे
गांगुली ने अपनी किताब ‘ए सेंचुरी इज़ नॉट इनफ़’ में इसका विस्तार से ज़िक्र किया है. गांगुली ने बताया, “जब हम 2004 में पाकिस्तान गए थे तो हमारे लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. लाहौर के जिस होटल में हम ठहरे थे, उसे किले में तब्दील कर दिया गया था. मैं अपनी चोट से उबर रहा था. उस वक्त मेरे कुछ दोस्त कोलकाता से मैच देखने आए थे. आधी रात को मुझे पता चला कि मेरे दोस्तों ने गोलमंडी की मशहूर फूड स्ट्रीट पर कबाब और तंदूरी डिश का मजा उठाने का पूरा प्लान बनाया है. लेकिन मैं कड़े सुरक्षा घेरे में था. मैं उससे निकलना चाहता था. मैंने अपने सुरक्षा अधिकारी को नहीं बताया. लेकिन, टीम मैनेजर रत्नाकर शेट्टी को जानकारी दे दी कि मैं दोस्तों के साथ बाहर जा रहा हूं. यह कहकर मैं पिछले दरवाजे से निकल गया. कैंप टोपी से अपना चेहरा छुपा लिया था.”
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गांगुली इस किताब में आगे लिखते हैं, “मैं वहां पहुंच तो गया. लेकिन, इसी दौरान एक शख्स ने मेरे पास आकर कहा, अरे आप गांगुली हो ना? मैने फौरन मना कर दिया. लेकिन वो व्यक्ति अड़ा रहा कि लेकिन आप गांगुली की तरह दिखते हैं. हालांकि, हम अपना खाना खत्म कर ही रहे थे कि तभी एक भारतीय पत्रकार की मुझपर नजर पड़ गई और उन्होंने आवाज लगा दी. उसके बाद मैं फौरन होटल की तरफ निकल आया.”
मुशर्रफ ने अगले दिन सुबह फोन किया था
गांगुली कहते हैं कि अगले दिन सुबह-सुबह मेरे कमरे में फ़ोन कि घंटी बजी और दूसरी तरफ़ से कहा गया कि राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ आपसे बात करना चाहते हैं. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि इतनी सुबह पाकिस्तान के राष्ट्रपति को मुझसे बात करने की क्यों जरुरत महसूस हुई. राष्ट्रपति मुशर्रफ ने मुझसे कहा कि अगली बार अगर आपको बाहर जाना हो तो प्लीज सिक्योरिटी को जरूर बता देना. हम आपको सुरक्षा मुहैया करा देंगे. लेकिन, अकेले मत जाइएगा. मैं शर्मिंदा हो गया. उस वक्त मुझे लगा कि राष्ट्रपति का सामना करने की तुलना में वसीम अकरम की गेंद का सामना करना ज्यादा आसान था.
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