महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेटर का सफर संघर्षों भरा रहा. (bcci women twitter)
नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका में महिला टी20 वर्ल्ड कप खेला जा रहा है. इससे पहले, यहां अंडर-19 विश्व कप खेला गया था. फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता था. इस टूर्नामेंट में कप्तान शेफाली वर्मा की तरह एक और भारतीय बैटर ने अपनी पावर हिटिंग से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था. इस बैटर का नाम श्वेता सेहरावत था. श्वेता विश्व कप की टॉप स्कोरर रहीं थीं. उन्होंने टूर्नामेंट में 99 की औसत और 140 के स्ट्राइक रेट से 297 रन ठोके थे. श्वेता की पावर हिटिंग देखकर हर किसी को उनमें वीरेंद्र सहवाग की झलक दिखाई थी. जिस तरह शेफाली को उनकी पावर हिटिंग के कारण लेडी सहवाग कहा जाता है. ठीक वैसा ही सोच श्वेता को लेकर भी है.
श्वेता सेहरावत को आज भले भी भारतीय महिला क्रिकेट का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है. लेकिन शुरुआत में उन्हें भी काफी संघर्ष करना पड़ा. कभी क्रिकेट खेलने के लिए उन्हें और पिता संजय को ताने सुनने पड़े थे. लेकिन आज वही तारीफों के पुल बांधते हैं. श्वेता के लिए अच्छी बात ये रही कि परिवार कभी उनके क्रिकेट में रोड़ा नहीं बना. उल्टे पिता ने हमेशा उन्हें आगे ही बढ़ाया. श्वेता से पहले उनकी बड़ी बहन क्रिकेट खेलती थीं. लेकिन पढ़ाई पर फोकस करने के लिए उन्होंने क्रिकेट छोड़ दिया.
बड़ी बहन को देख क्रिकेट खेलना शुरू किया
पिता संजय ही श्वेता सेहरावत को उस क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए थे. जहां उसकी बड़ी बहन तेज गेंदबाजी के गुर सीखती थी. श्वेता ने 8 साल की उम्र में ही अपना टैलेंट दिखा दिया था. वो तब लड़कों के साथ टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलती थीं. एकेडमी के कोच श्वेता के खेल से इतने प्रभावित हुए कि उसी उम्र में लेदर बॉल से ट्रेनिंग कराने का फैसला कर लिया था.
हरमनप्रीत कौर की एक पारी ने श्वेता को प्रभावित किया
श्वेता सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि वॉलीबॉल, स्केटिंग और बैडमिंटन की भी अच्छी खिलाड़ी हैं. पिता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि श्वेता के क्रिकेट प्रेम की शुरुआत 2016 में हुई थी, जब उन्होंने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान (अब अरुण जेटली स्टेडियम) में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए महिला टी20 वर्ल्ड का मुकाबला देखा था. इसके बाद उन्होंने 2017 में हरमनप्रीत कौर की विश्व कप के सेमीफाइनल में खेली गई 171 रन की पारी देखी. इसके बाद श्वेता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर और विराट कोहली को फॉलो करना शुरू कर दिया.
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जल्द भारत की तरफ से खेलती नजर आ सकती
इसके बाद से श्वेता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पिछले साल नवंबर में हुई अंडर-19 टी20 चैलेंजर ट्रॉफी में उन्होंने चार पारियों में 111.64 की स्ट्राइक रेट से 163 रन ठोके थे. U-19 विश्व कप से पहले श्वेता को पांच 5 की सीरीज के दौरान न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत का कप्तान बनाया गया था. हालांकि, विश्व कप में शेफाली को ये जिम्मेदारी सौंपी गई और श्वेता उनकी डिप्टी बनीं. लेकिन इतने कम वक्त में श्वेता ने बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. अब उनके लिए टीम इंडिया का टिकट और आईपीएल ऑक्शन में बड़ी लॉटरी लगना दूर नहीं.
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