आईपीएल के 12वें सीजन का रोमांच जारी है. इस वक्त चेन्नई सुपर किंग्स सात मैचों में छह जीत के साथ 12 प्वाइंट लेकर टॉप पर काबिज है तो रॉयल चैलेंसर्ज बैंगलोर का छह मैच खेलने के बावजूद खाता नहीं खुला है. बैंगलोर आईपीएल में लगातार छह मैच गंवाने का रिकॉर्ड बनाने वाली सिर्फ दूसरी टीम है. इससे पहले 2013 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने लगातार छह मैच हारने का कारनामा किया था. जबकि आज यानि शनिवार को बैंगलोर अपना सातवां मैच किंग्स इलेवन पंजाब टीम से खेलेगी और यहां मिली हार उसके लिए सारे रास्ते बंद कर देगी.
वैसे विराट कोहली ने 2011 में बैंगलोर टीम की कप्तानी संभाली थी और अब तक वह 102 मैचों में से सिर्फ 44 बार जीत हासिल कर पाए हैं. इस दौरान उनकी टीम को 53 बार हार मिली है तो दो मैच टाई रहे हैं. वहीं तीन मैच का कोई रिजल्ट नहीं निकला है. आईपीएल में बतौर कप्तान उनका सफलता प्रतिशत 45.45 है, जो कि बहुत अच्छा नहीं है. चेन्नई सुपर किंग्स के धोनी (60.60) सबसे आगे हैं तो रोहित शर्मा, गौतम गंभीर आदि का रिकॉर्ड भी कोहली से बेहतर है.
बहरहाल, जब हम बतौर कप्तान कोहली के इंटरनेशनल क्रिकेट में आंकड़े देखते हैं तो खासी हैरानी होती है. उन्होंने अब तक 46 टेस्ट में टीम को लीड किया है और इस दौरान 26 मैचों में जीत मिली है. जबकि वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रिकॉर्ड से सिर्फ एक कदम पीछे हैं. धोनी ने सबसे अधिक 27 टेस्ट जीते हैं. हालांकि कोहली के जीत प्रतिशत (56.52) के सामने धोनी (45.00) फीके दिखाई देते हैं.
जबकि 68 वनडे मैचों में कप्तानी करते हुए उन्होंने अपनी टीम को 49 बार जीत दिलाई है. कोहली ने टीम को 73.88 फीसदी सफलता दिलाई है. वह 30 से अधिक मैचों में कप्तानी करने वाले क्रिकेटर्स में सबसे अधिक सफल हैं. इस लिस्ट में महेंद्र सिंह धोनी (200 मैच, जीत-110, सफलता प्रतिशत-59.52) दूसरे नंबर पर हैं.
यही नहीं, टी20 टीम की कमान कोहली ने 22 बार संभाली है और 12 बार टीम को जीत मिली है. इस दौरान उनका जीत प्रतिशत 57.14 रहा है. हालांकि 72 मैचों में कप्तानी करने वाले धोनी ने 59.28 फीसदी टीम को सफलता दिलाई है.
आईपीएल में क्यों फेल होते हैं विराट?
कोहली जब टीम इंडिया के लिए कप्तान की भूमिका में होते हैं तो उनका जुझारूपन अलग किस्म का दिखाई देता है. वह जीत के लिए किसी भी हद तक जाने का माद्दा रखते हैं तो साथी क्रिकेटर्स पर उनका भरोसा देखने लायक होता है. यकीनन उनकी इसी खासियत की दुनियाभर में चर्चा होती है. लेकिन यही बात आईपीएल में नजर नहीं आती है.
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आपको बता दें कि कोहली की आईपीएल टीम में उनके होम ग्राउंड (एम. चिन्नास्वामी) को ध्यान में रखकर खिलाड़ी नहीं चुने जाते हैं. जबकि किसी भी खिलाड़ी को एडजस्ट होने में कुछ मैचों का वक्त लगता है, लेकिन कोहली एक या फिर दो मैच में खराब प्रदर्शन के बाद ही प्लेयर को बदल देते हैं और इससे उस खिलाड़ा का मनोबल गिरना स्वभाविक है.
जबकि अपने मैदानों पर जबर्दस्त प्रदर्शन करने वाली टीमों ने ही आईपीएल में दम दिखाया है और इस मामले में बैंगलोर का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. इसके अलावा कोहली के पास एबी डीविलियर्स जैसा कोई अन्य खिलाड़ी नहीं है, जो टीम के माहौल को समझता हो या फिर मुश्किल वक्त में उनका सहारा बन सके. जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में कोहली के पास धोनी जैसा दिग्गज खिलाड़ी रहता है.
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Tags: BCCI, IPL, IPL 2019, M s dhoni, Rohit sharma, Saurav ganguly, Virat Kohli
FIRST PUBLISHED : April 12, 2019, 16:57 IST