हर कोई टीम मैनेजमेंट के इस फैसले से बेहद गुस्से में है (फोटो-AP)
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आखिर क्यों धोनी को सातवें नंबर पर बैटिंग के लिए भेजा गया इस बात को लेकर पूरा देश नाराज़ है. फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर हर कोई टीम मैनेजमेंट के इस फैसले से बेहद गुस्से में है. सेमीफाइनल में हार के बाद पहली बार धोनी के बैटिंग ऑर्डर को लेकर कोच रवि शास्त्री ने सफाई दी है. उन्होंने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि अगर धोनी पहले आउट हो जाते तो टीम चेज़ करने में फंस जाती.
'ये टीम का फैसा था'
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए शास्त्री ने कहा, ''धोनी को सातवें नंबर पर बैटिंग के लिए भेजने का फैसला पूरी टीम का था. और ये एक आसान फैसला था. अगर धोनी पहले बैटिंग के लिए आते और वो जल्दी आउट हो जाते तो फिर सारा चेज़ ही बिगड़ जाता. हमें उनके अनुभव की बाद में जरूरत थी. वो दुनिया के सबसे बड़े फिनिशनर हैं और अगर हम उनका इस्तेमाल ऐसे नहीं करते तो फिर ये न्याय नहीं होता. टीम में हर कोई ये चाहता था कि वो बाद में बैटिंग करे''
बता दें कि न्यूजीलैंड के खिलाफ इस अहम मैच में टीम इंडिया ने 24 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद माना जा रहा था कि पूर्व कप्तान एमएस धोनी बल्लेबाजी के लिए आएंगे लेकिन हार्दिक पंड्या क्रीज पर आए. इसे देखकर लोग हैरान रह गए.
गावस्कर का गुस्सा
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 से टीम इंडिया बाहर हो चुकी है, लेकिन हार को लेकर पोस्टमॉर्टम लगातार जारी है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर सेमीफाइनल में धोनी की बैटिंग पोजिशन को लेकर खासे नाराज़ हैं. उन्होंने कहा है कि धोनी को सातवें नंबर पर भेजने का फैसला बेहद हैरान करने वाला था.
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