TOKYO OLYMPIC: गेम्स की शुरुआत 23 जुलाई से हो रही है. (AFP)
नई दिल्ली. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की शुरुआत 23 जुलाई से होनी है. पहली बार ओलंपिक खेलों का आयोजन का 125 साल पहले हुआ था. साल 1896 में रोमन सम्राट थियोडोसियस द्वारा 1500 साल पहले प्रतिबंधित किए जाने के बाद एथेंस में प्राचीन यूनान की खोई हुई परंपरा ओलंपिक खेलों को दोबारा जीवित किया गया. अतीत की प्रतियोगिताओं की तरह एथेंस खेलों (Athens Olympics 1896) में भी सिर्फ पुरुष प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह आधुनिक ओलंपिक में एकमात्र खेल थे जिसका हिस्सा महिला प्रतिभागी नहीं थी. छह से 15 अप्रैल तक हुए इन खेलों में 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने अपना जौहर दिखाया. खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), साइकिलिंग, तैराकी, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, कुश्ती, तलवारबाजी, निशानेबाज और टेनिस की 43 स्पर्धाओं में भाग लिया था.
पहली बार विजेताओं को नहीं मिला था स्वर्ण पदक
पहली बार विजेताओं को पदक सौंपे गए. हालांकि इनमें से कोई स्वर्ण पदक नहीं था. पहले स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को रजत पदक, जैतून की शाखा और डिप्लोमा दिया गया. दूसरे स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को कांसे/तांबे का पदक, कल्पवृक्ष की शाखा और डिप्लोमा दिया गया. तीसरे नंबर पर आने वाले खिलाड़ियों को खाली हाथ लौटना पड़ता था. पदक के एक तरफ ग्रीक देवता जीउस और दूसरे तरफ प्राचीन ग्रीक शहर एक्रोपोलिस का चित्र बना हुआ था. अमेरिका के ट्रैक एवं फील्ड एथलीट जेम्स कोनोली छह अप्रैल 1896 को त्रिकूद स्पर्धा जीतकर 1500 साल से भी अधिक समय में पहले ओलंपिक चैंपियन बने.
मैराथन में थकान के कारण आधे प्रतिभागी हटे
खेलों के दौरान पहली बार संगठित मैराथन का आयोजन किया गया लेकिन लगभग आधे प्रतिभागी थकान के कारण स्पर्धा के बीच से हट गए. यूनान के स्पाईरिडन लुई ने यह स्पर्धा जीती. तैराकी स्पर्धाएं जिया खाड़ी में हुईं. प्रतिभागियों को लकड़ी के लट्ठों से बनी नांव से ले जाया गया और फिर वे वहां से तट की ओर गए. इस दौरान रास्ता बताने के लिए बीच में से खाली किए गए सीताफल रस्सी से बांधे गए थे जो पानी में तैर रहे थे. जर्मनी के कार्ल शुमान आधुनिक युग के पहले ओलंपिक के सबसे सफल खिलाड़ी रहे. उन्होंने जिम्नास्टिक और कुश्ती की चार स्पर्धाओं में शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने भारोत्तोलन में भी हिस्सा लिया.
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10 साल के जिम्नास्ट लोंड्रास सबसे युवा ओलंपियन बने
यूनान के जिम्नास्ट दिमित्रोस लोंड्रास दस्तावेजों के अनुसार सबसे युवा ओलंपियन बने. उन्होंने 10 साल और 218 दिन की उम्र में टीम समानांतर बार स्पर्धा में हिस्सा लिया और तीसरे स्थान पर रहे. पेनाथेनिक स्टेडियम में हुए कुश्ती प्रतियोगिता के लिए कोई वजन वर्ग तय नहीं था. इसका मतलब यह था सभी प्रतिभागियों के बीच सिर्फ एक विजेता था. आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती के नियम इसमें लागू थे लेकिन समय की कोई सीमा नहीं थी.
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