माराडोना को श्रद्धांजलि देने के लिए मेस्सी ने उतारी जर्सी, लगा 720 डॉलर का जुर्माना

मेस्सी पर ओसासुना पर बार्सिलोना की 4-0 से जीत के बाद यह जुर्माना लगाया
डिएगो माराडोना को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी जर्सी उतारने वाले लियोनेल मेस्सी पर 600 यूरो (720 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है. स्पेनिश फुटबॉल महासंघ की प्रतिस्पर्धा समिति ने रविवार को स्पेनिश लीग में ओसासुना पर बार्सिलोना की 4-0 से जीत के बाद यह जुर्माना लगाया.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 9:56 PM IST
बार्सिलोना. डिएगो माराडोना को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी जर्सी उतारने वाले लियोनेल मेस्सी पर 600 यूरो (720 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है. स्पेनिश फुटबॉल महासंघ की प्रतिस्पर्धा समिति ने रविवार को स्पेनिश लीग में ओसासुना पर बार्सिलोना की 4-0 से जीत के बाद यह जुर्माना लगाया. अर्जेंटीना के स्टार मेस्सी ने गोल करने के बाद बार्सिलोना की जर्सी उतारकर माराडोना के पुराने क्लब नेवेल्स ओल्ड ब्वायज की जर्सी पहनी. इसके बाद दोनों हाथ आसमान में उठाकर चुंबन दिया.
महासंघ ने बार्सीलोना पर भी 180 यूरो का जुर्माना किया. मेस्सी 13 साल की उम्र में बार्सिलोना से जुड़ने से पहले नेवेल्स टीम का हिस्सा थे. माराडोना ने अपने शानदार करियर के अंतिम पड़ाव के दौरान 1994 में नेवेल्स की ओर से पांच मैच खेले थे. मेस्सी को इसके लिए पीला कार्ड भी देखना पड़ा. वह और क्लब इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.
बता दें कि अर्जेंटीना को फुटबॉल की दुनिया का विश्व चैंपियन बनाने वाले महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना (Diego Maradona Dead) ने बीते दिनों दुनिया को अलविदा कह दिया था. वे 60 साल के थे. माराडोना का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. माराडोना को घर पर ही दिल का दौरा पड़ा था. उनकी दो हफ्ते पहले दिमाग में क्लॉटिंग भी हुई थी, जिसके बाद उनकी सर्जरी करनी पड़ी.
माराडोना एक ओर जहां मैदान पर एक बेहतरीन फुटबॉलर रहे, वहीं दूसरी ओर मैदान के बाहर वो कई विवादों की वजह से बदनाम भी हुए. माराडोना को शराब और नशे की लत पड़ गई थी. माराडोना ने साल 1986 में अर्जेंटीना को फुटबॉल वर्ल्ड कप जिताया था. उनके एक विवादित गोल ने इंग्लैंड को जीत से महरूम कर दिया था. गोल माराडोना के हाथ से लगकर हुआ था लेकिन रेफरी यह देख नहीं सके और नतीजा अर्जेंटीना वर्ल्ड चैंपियन बना. माराडोना का यही गोल फुटबॉल इतिहास में 'हैंड ऑफ गॉड' के नाम से मशहूर है.
महासंघ ने बार्सीलोना पर भी 180 यूरो का जुर्माना किया. मेस्सी 13 साल की उम्र में बार्सिलोना से जुड़ने से पहले नेवेल्स टीम का हिस्सा थे. माराडोना ने अपने शानदार करियर के अंतिम पड़ाव के दौरान 1994 में नेवेल्स की ओर से पांच मैच खेले थे. मेस्सी को इसके लिए पीला कार्ड भी देखना पड़ा. वह और क्लब इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.
बता दें कि अर्जेंटीना को फुटबॉल की दुनिया का विश्व चैंपियन बनाने वाले महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना (Diego Maradona Dead) ने बीते दिनों दुनिया को अलविदा कह दिया था. वे 60 साल के थे. माराडोना का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. माराडोना को घर पर ही दिल का दौरा पड़ा था. उनकी दो हफ्ते पहले दिमाग में क्लॉटिंग भी हुई थी, जिसके बाद उनकी सर्जरी करनी पड़ी.
मैच के बाद मेस्सी ने अपनी इस तस्वीर के साथ माराडोना की तस्वीर पोस्ट करके लिखा, ''फेयरवेल , डिएगो.'' माराडोना का पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.🌟 A stunning goal.🙏 A touching tribute.A moment that will remain in the history books of #LaLigaSantander! 💫#LaLigaHistory pic.twitter.com/m5MMExynuh
— LaLiga English (@LaLigaEN) December 3, 2020
View this post on Instagram
माराडोना एक ओर जहां मैदान पर एक बेहतरीन फुटबॉलर रहे, वहीं दूसरी ओर मैदान के बाहर वो कई विवादों की वजह से बदनाम भी हुए. माराडोना को शराब और नशे की लत पड़ गई थी. माराडोना ने साल 1986 में अर्जेंटीना को फुटबॉल वर्ल्ड कप जिताया था. उनके एक विवादित गोल ने इंग्लैंड को जीत से महरूम कर दिया था. गोल माराडोना के हाथ से लगकर हुआ था लेकिन रेफरी यह देख नहीं सके और नतीजा अर्जेंटीना वर्ल्ड चैंपियन बना. माराडोना का यही गोल फुटबॉल इतिहास में 'हैंड ऑफ गॉड' के नाम से मशहूर है.