मान कौर ने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था. (फोटो साभार- Man Kaur/ Twitter)
नई दिल्ली. 105 वर्षीय एथलीट मान कौर (Man Kaur) का शनिवार दोपहर एक बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. यह जानकारी उनके बेटे गुरदेव सिंह (Gurdev Singh) ने दी. मान कौर पिछले 3 महीने से कैंसर से जूझ रही थीं. मान कौर ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कई गोल्ड मेडल जीते हैं. वहीं 2017 में 101 साल की उम्र में वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में कौर ने खिताब भी जीता था. मान कौर का जन्म एक मार्च 1916 को हुआ था और उन्हें ‘चंडीगढ़ की चमत्कारिक मां’ (Miracle Mom Mann Kaur) के रूप में जाना जाता था.
कौर ने 93 साल की उम्र में 2007 में चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में अपना पहला पदक जीता था. वह 2017 में ऑकलैंड में विश्व मास्टर्स खेलों में 100 मीटर की दौड़ जीतकर सुर्खियों में आईं थीं. उनके नाम पर कई रिकार्ड दर्ज हैं. कौर ने पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में ट्रैक एवं फील्ड में 4 स्वर्ण पदक जीते थे. महिला सशक्तिकरण में योगदान के लिए मान कौर को 2019 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
मान कौर दौड़ के अलावा भाला फेंक में भी अपना लोहा मनवा चुकी हैं. उन्होंने साल 2018 में स्पेन के मलागा में हुई विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 200 मीटर रेस के अलावा भाला फेंक इवेंट में भी गोल्ड मेडल जीता था.
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बेटे को गुरु बनाकर मान कौर ने जीते खिताब
मान कौर के तीन बच्चों में सबसे बड़े गुरदेव खुद एक एथलीट हैं और विभिन्न स्पर्धाओं में पदक जीत चुके हैं. पिछले साल उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के दौरान देखते थे कि विदेशों में महिलाएं अधिक उम्र में भी फिट रहती हैं. उन्होंने देखा कि 90 की उम्र पार करने के बावजूद उनकी मां भी बहुत फिट थीं इसलिए उन्होंने उन्हें दौड़ने के लिए प्रेरित किया. पुत्र की बात मानकर उन्होंने 93 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस शुरू की. चलने से शुरुआत कर उन्होंने धीरे धीरे रफ्तार बढ़ाना शुरू किया और विभिन्न इवेंट्स में अपनी आयु वर्ग में भाग लेने लगीं.
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मान कौर ने वास्तव में यह साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है. उन्होंने बताया कि व्यक्ति का हौसला अगर बुलंद हो तो 100 साल की उम्र में न सिर्फ दौड़ सकते हैं बल्कि दुनिया में अपनी जीत का परचम भी लहराना मुमकिन है.
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