On This Day: आज ही के दिन ठीक 150 बरस पहले पहला ऑफिशियल फुटबॉल मैच खेला गया था. जानिए किन दो टीमों के बीच हुई थी टक्कर. (FIFA)
नई दिल्ली. 30 नवम्बर 1872, अगर आप फुटबॉल के प्रशंसक हैं, तो आपको इस तारीख के बारे में पता होना चाहिए! आज यानि 30 नवम्बर को ‘फुटबॉल मैच’ का ‘आफिशियल बर्थ डे’ है. 150 बरस पहले इसी दिन दुनिया में फुटबॉल का पहला अधिकारिक मैच खेला गया था. स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच हुए इस मैच को फीफा द्वारा अधिकारिक मैच के रूप में मान्यता दी गई थी. सुखद संयोग है कि 2022 का 22वां फीफा वर्ल्ड कप इस बार नवंबर में हो रहा है, उसी महीने में जिसमें फुटबॉल का पहला अधिकारिक मैच खेला गया. इस रोमांचक मैच का परिणाम 0-0 से बराबर रहा था.
फुटबॉल का मैच जितना रोमांचक और उतार-चढ़ाव से भरपूर होता है, उसी तरह इस ऑफिशियल मैच के आयोजन की कहानी भी दिलचस्पी से भरी हुई है. फुटबॉल मैच के इस पहले आयोजन में ही ‘फुटबॉल’ ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव और टेंशन देख लिए थे. इसके आयोजन में झगड़े थे, विवाद था, टेंशन थे, मान मनौव्वल थी और पैसा भी था. जी हां, इस मैच में एंट्री के लिए बाकायदा पैसे लिए गए थे, लेकिन इसे देखने आए दर्शक निराश नहीं हुए, उन्होंने फुटबॉल के इस पहले मैच में ही रोमांच का भरपूर आनंद लिया.
150 बरस पहले न तो प्रोपेगेंडा के, पब्लिसिटी के तीव्र संसाधन थे और न ही इवेंट मेनेजमेंट जैसी कोई चीज़. फिर भी इस मैच को देखने 4000 दर्शक मैदान में मौजूद थे. पहले मैच में ही फुटबॉल ने बता दिया था कि आने वाले समय में यह खेल सबसे मंहगा स्पोर्ट बनने जा रहा है. यानी पूत के पांव पालने में ही दिख गए थे.
पहला ऑफिशियल फुटबॉल मैच देरी से शुरू हुआ था
रोचक यह भी है कि क्रिकेट के मुकाबले सौ गुना मंहगे इस खेल का पहला अधिकारिक मैच क्रिकेट मैदान पर ही हुआ था. यह मैच ग्लासगो के पार्टिक में ‘स्कॉटलैंड क्रिकेट क्लब’ के मैदान के पश्चिम में हेमिल्टन क्रिसेंट में खेला गया था. दोपहर दो बजे शुरू होने वाला यह मैच निर्धारित समय से 20 मिनट की देरी से शुरू हुआ था.
द फुटबॉल एसोसिएशन (एफए) द्वारा आयोजित इस मैच के लिए एसोसिएशन के सचिव चार्ल्स एल्कॉक द्वारा ग्लासगो ओर एडिनबर्ग के अखबारों में बाकायदा ‘पब्लिक चैलेंज’ जारी किया गया था. अब ये तो आपको पता ही है कि इंग्लैंड क्रिकेट के लिए जाना जाता है. क्रिकेट आज भी सामान्यत: उन देशों में ही खेला जाता है, जहां कभी अंग्रेजों ने राज किया था. और क्रिकेट में तो टेस्ट सीरीज हुआ करती हैं, फटाफट क्रिकेट के चलते अब भले ही कम हो गई हों, पर उन दिनों तो टेस्ट सीरीज का ही दौर था.
इंग्लैंड-स्कॉटलैंड के बीच 5 मैच की सीरीज हुई थी
सो फुटबॉल का भी इकलौता मैच कैसे होता? इस अधिकारिक मैच के पहले इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम की पांच मैचों की सीरीज भी खेली गई. इस सीरीज का पहला मैच 05 मार्च 1870 को ओवल में खेला गया, जो 1-1 से ड्रॉ रहा. दूसरा 19 नवंबर 1870 को हुआ, जिसमें इंग्लैंड 1-0 से जीता. इसके बाद अगला मैच 25 फरवरी 1871 को आयोजित किया गया, जो 1-1 से ड्रॉ रहा. फिर 18 नवम्बर 1871 को इंग्लैंड 2-1 से विजयी हुआ. अंतिम मैच 24 फरवरी 1872 को खेला गया, जिसमें फिर इंग्लैंड की 1-0 से जीत हुई.
ऑफिशियल फुटबॉल मैच में हुआ था विवाद
इस हार को स्कॉटिश लोगों ने हल्के में नहीं लिया और इंग्लैंड पर पक्षपात के आरोप जड़ दिए. स्कॉटिश लोगों का कहना था कि स्कॉटलैंड टीम में इस मुल्क में रहने वाले खिलाडि़यों को प्रतिनिधित्व ही नहीं दिया गया. टीम में स्कॉटिश क्लब से संबंधित एकमात्र खिलाड़ी क्वींस पार्क, ग्लासगो के राबर्ट स्मिथ थे, जो नवंबर 1870 और 1871 के दौनों मैचों में खेले थे.
बाद में एफए के सचिव ने इस बारे में अखबार में स्प्ष्टीकरण जारी किया, तब जाकर मामला सुलटा और 1872 में हुए अधिकारिक मैच में खेलने वाले सभी 11 खिलाड़ी स्कॉटिश के प्रमुख क्लब ‘क्वींस पार्क’ के सदस्य थे. स्कॉटलैंड के खिलाड़ियों की यूनिफॉर्म नीली थी और इंग्लिश खिलाड़ियों ने सफेद शर्ट पहनी थी. क्रिकेट यहां भी मौजूद था, उन दिनों क्रिकेट की जर्सी सफेद हुआ करती थी, आज की तरह रंगीन नहीं थी.
स्कॉटिश खिलाड़ियों ने इंग्लैंड को दी कड़ी टक्कर
पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के चलते मैदान भारी हो गया था. इसके बावजूद भी अपेक्षाकृत छोटे और हल्के स्कॉटिश खिलाडि़यों ने भारी-भरकम शरीर वाले अंग्रेजों को अच्छी-खासी टक्क्र दी. पहले हॉफ में तो उन्होंने इंग्लैंड के गोलकीपर को चकमा देकर बॉल गोल में पहुंचा भी दी थी. लेकिन अम्पायर ने तकनीकी कारणों के चलते इस गोल को अमान्य करार दे दिया. लेकिन स्कॉटिश खिलाड़ियों ने बेहतर खेल का मुजाहिरा करना जारी रखा. अंग्रेज तो फुटबॉल के माहिर खिलाड़ी थे ही, उन्होंने भी बेहतर प्रदर्शन किया.
स्कॉटिश योजनाकारों ने 2-2-6 की रणनीति अपनाई, जबकि अंगेजों ने 1-1-8 प्रणाली से मैदान संभाला. 2-2-6 यानि दो फुल बैक, दो हॉफ बैक और 6 फॉरवर्ड जबकि 1-1-8 यानि एक फुल बैक, एक हॉफ बैक और आठ फॉरवर्ड. इस तरह अंगेजों ने जहां आक्रमक रणनीति से खेला. वहीं, स्कॉटलैंड ने सुरक्षात्मक नीति अपनाई. बावजूद इसके स्कॉटलैंड के खाते में एक अमान्य गोल तो था ही. हॉकी की देसी भाषा में कहें तो डंडे तो बजा ही दिए थे.
बहरहाल, मैच अंतत: गोलरहित समाप्त हुआ, लेकिन मैच था रोमांच से भरपूर, दर्शकों को आनंद से लबरेज करने वाला. फुल पैसा वसूल मैच था यह फुटबॉल का पहला अधिकारिक मैच. सो, हैप्पी बर्थ डे फुटबॉल.
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