रांची. पूरी दुनिया में आज झारखंड की तीरंदाजी (Archery in Jharkhand) का डंका बज रहा है. सूबे की बेटियों की मेहनत और कोच के कौशल ने दुनिया के हर लक्ष्य को भेद कर रख दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि व्यक्तिगत प्रदर्शन की तारीफ की भीड़ में झारखंड सरकार का तीरंदाजी को लेकर बुनियादी ढांचा कितना मजबूत है. इसे जानना बेहद जरूरी है. पेरिस विश्व कप में झारखंड की बेटियों के गोल्डन प्रदर्शन के बाद दूसरे तीरंदाजों का हौसला बढ़ता नजर आ रहा है.
कैडेट यूथ विश्व चैंपियनशिप के लिए झारखंड से करीब 10 तीरंदाज 7 से 12 जुलाई तक सोनीपत में होने वाले ट्रायल में शामिल होंगे. इसके लिए जूनियर और सब जूनियर तीरंदाज खेलगांव में तपती गर्मी में भी पसीना बहा रहे हैं. लेकिन इन होनहार तीरंदाजों को राज्य सरकार की ओर से स्थापित बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा.
इसे भी पढ़ें, विश्व कप में तीन गोल्ड मेडल जीतकर विश्व रैंकिंग में फिर नंबर एक बनी दीपिका कुमारी
अंडर-17 के लिए ट्रायल में सोनीपत जाने वाली बिल्सी कुमारी की मानें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए जिन सुविधाओं और संसाधनों की जरूरत होनी चाहिए, वह फिलहाल राज्य सरकार के तीरंदाजी केंद्रों में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में खिलाड़ी राज्य सरकारी केंद्रों को छोड़कर दूसरे निजी सेंटर्स का रुख करने को मजबूर होते हैं.
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की अंतरराष्ट्रीय कोच डी. साईश्वरी बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय मानकों पर जिस तरह खिलाड़ियों को प्रदर्शन कर करना होता है उसके अनुसार सुविधा और संसाधन की यहां बेहद कमी है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस वह प्रशिक्षण केंद्र है जहां राज्य के चुनिंदा खिलाड़ियों को चुनकर यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जाती है.
इसे भी देखें, तीरंदाजी वर्ल्ड कप में भारत ने जीते 4 गोल्ड, दीपिका कुमारी ने लगाई गोल्डन हैट्रिक
सरकारी तीरंदाजी सेंटर्स का हाल
प्रदेश में राज्य सरकार के करीब 9 तीरंदाजी सेंटर्स, आवासीय सेंटर्स हैं. राज्य भर में अंतरराष्ट्रीय कोच और क्वालिफाइड कोच की संख्या महज 12 के करीब है जबकि हर 12 तीरंदाज पर एक कोच की जरूरत है. तीरंदाजी सीखने के लिए बनाए गए सेंटर पर आधुनिक इक्विपमेंट की कमी है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए बजट बढ़ाने की जरूरत है. फिजिकल ट्रेनर, मसाज ट्रेनर समेत कई सुविधाओं का अभाव है. निजी सेंटर्स में टाटा आर्चरी, सेल, बिरसा मुंडा तीरंदाजी केंद्र, इलेक्ट्रो स्टील शामिल हैं.
खेल को लेकर राज्य सरकार का ताजा वित्तीय वर्ष में बजट 123 करोड़ का है. जिसमें रांची के होटवार में मौजूद सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए सालाना बजट 56 लाख 48 हजार का है. इसमें 25 बालक और 25 चुनिंदा बालिका तीरंदाज के रहने और खानपान समेत एक कोच समेत चार लोगों की सैलरी की व्यवस्था है.undefined
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Archery Tournament, Deepika kumari, Indian Archer, Ranchi news, Sports news
FIRST PUBLISHED : July 01, 2021, 17:17 IST