जन्म से सुन नहीं सकता 17 साल का यह निशानेबाज, एशियन चैंपियनशिप में लगाई खिताब की हैट्रिक, परिवारवालों को ऐसे बताई खुशखबरी
News18Hindi Updated: November 13, 2019, 6:25 PM IST

धनुष श्रीकांत बचपन से ही सुन नहीं पाते, लेकिन इसे उन्होंने खुद की कमजोरी नहीं बनने दी
धुनष श्रीकांत (Dhanush Srikanth) ने व्यक्तिगत के साथ-साथ टीम और मिक्स टीम इवेंट का भी खिताब अपने नाम किया
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- Last Updated: November 13, 2019, 6:25 PM IST
नई दिल्ली. भारत के युवा निशानेबाज धनुष श्रीकांत (Dhanush Srikanth) ने दोहा में चल रही एशियन शूटिंग चैंपियनशिप ( Asian Shooting Championship ) में तीन खिताब जीतकर कमाल कर दिया. 17 साल के धनुष ने मेंस 10मीटर एयर राइफल जूनियर में व्यक्तिगत और टीम इवेंट का गोल्ड मेडल जीता. इससे पहले सोमवार को उन्होंने मिक्स टीम इवेंट का गोल्ड मेडल जीता था. लेकिन क्या आप जानते हैं जब वह फाइनल में संघर्ष कर रहे थे थे तो पीछे से उनका उत्साह बढ़ा रही आवाज वें सुन तक नहीं पा रहे थे. खिताब जीतने के बाद जब पूरी दुनिया उनकी तारीफ कर रही थी तो वे उन तारीफों को सिर्फ सामने वाले के हावभाव से ही समझ पाए. रेंज में तालियों की गड़गड़ाहट को भी उन्होंने सिर्फ हाथों को देखकर ही महसूस किया. यहीं नहीं जब अपने परिवार को मेडल की खबर दी तो उनकी खुशियों को भी चेहरे पर आई मुस्कुराहट से ही महसूस किया.
वीडियो कॉल पर परिवार को दी खुशखबरी
जन्म से ही सुनने की क्षमता न रखने वाले धनुष ने अपने परिवार से इस खुशी को वीडियो कॉल पर इंग्लिश और साइन भाषा का इस्तेमाल करके शेयर किया. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए धनुष के पिता ने बताया कि उनके बेटे के पास बचपन से ही सुनने की क्षमता नहीं थी, लेकिन इसे कभी भी ऐसी कमजाेरी नहीं बनने दिया, जो उनके बेटे की काबिलियत में बाधा पहुंचाए. इस युवा निशानेबाज ने पिता ने बताया कि धनुष को एक साल की उम्र में कॉकलीयर इम्प्लांट मिल गया था, लेकिन नौ साल की उम्र में खराबी के कारण इसे बदल दिया गया. वे और उनकी पत्नी चाहते थे कि धनुष इस बात पर विश्वास करे कि वह दुनिया में सब कुछ हासिल कर सकता है.
मिक्स टीम का खिताब किया था अपने नाम
इससे पहले सोमवार को धनुष ने श्रेया अग्रवाल के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल में जूनियर मिक्स टीम का खिताब जीता था. उन्होंने चीन पर 16-14 से जीत हासिल की थी. इसके एक दिन बाद ही दो और खिताब धुनष ने अपने नाम कर लिए. फाइनल में इस निशानेबाज ने 248.2 का स्कोर करके चीन के निशानेबाज को 2.5 अंक से हराया. भारतीय जूनियर टीम के हाइ परफॉर्मेंस निदेशक सूमा श्रीरुर ने कहा कि हर हालात को सही से संभालने की काबिलियत ही धनुष की सबसे बड़ी ताकत है. फाइनल में धुनष को जल्दी लोड करने के कारण येलो कार्ड मिला था, लेकिन उन्होंने वापसी कर ली थी.
एशियन चैंपियनशिप ( Asian Shooting Championship ) से पहले धनुष ने जून में जूनियर इवेंट के नेशनल ट्रायल्स में 252.5 का स्कोर किया था. जो 251.2 के वर्ल्ड रिकॉर्ड की तुलना में बेहतर था. इसके बाद सितंबर में नेशनल ट्रायल्स में सीनियर मेंस फाइनल में 252.1 का स्कोर करके गोल्ड मेडल जीता था. इस साल धनुष ने खेलो इंडिया गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.Hong Kong Open: सायना नेहवाल का खराब प्रदर्शन जारी, पहले राउंड से बाहर
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वीडियो कॉल पर परिवार को दी खुशखबरी
जन्म से ही सुनने की क्षमता न रखने वाले धनुष ने अपने परिवार से इस खुशी को वीडियो कॉल पर इंग्लिश और साइन भाषा का इस्तेमाल करके शेयर किया. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए धनुष के पिता ने बताया कि उनके बेटे के पास बचपन से ही सुनने की क्षमता नहीं थी, लेकिन इसे कभी भी ऐसी कमजाेरी नहीं बनने दिया, जो उनके बेटे की काबिलियत में बाधा पहुंचाए. इस युवा निशानेबाज ने पिता ने बताया कि धनुष को एक साल की उम्र में कॉकलीयर इम्प्लांट मिल गया था, लेकिन नौ साल की उम्र में खराबी के कारण इसे बदल दिया गया. वे और उनकी पत्नी चाहते थे कि धनुष इस बात पर विश्वास करे कि वह दुनिया में सब कुछ हासिल कर सकता है.

फाइनल में धनुष को येलो कार्ड मिल गया था
इससे पहले सोमवार को धनुष ने श्रेया अग्रवाल के साथ मिलकर 10 मीटर एयर राइफल में जूनियर मिक्स टीम का खिताब जीता था. उन्होंने चीन पर 16-14 से जीत हासिल की थी. इसके एक दिन बाद ही दो और खिताब धुनष ने अपने नाम कर लिए. फाइनल में इस निशानेबाज ने 248.2 का स्कोर करके चीन के निशानेबाज को 2.5 अंक से हराया. भारतीय जूनियर टीम के हाइ परफॉर्मेंस निदेशक सूमा श्रीरुर ने कहा कि हर हालात को सही से संभालने की काबिलियत ही धनुष की सबसे बड़ी ताकत है. फाइनल में धुनष को जल्दी लोड करने के कारण येलो कार्ड मिला था, लेकिन उन्होंने वापसी कर ली थी.
एशियन चैंपियनशिप ( Asian Shooting Championship ) से पहले धनुष ने जून में जूनियर इवेंट के नेशनल ट्रायल्स में 252.5 का स्कोर किया था. जो 251.2 के वर्ल्ड रिकॉर्ड की तुलना में बेहतर था. इसके बाद सितंबर में नेशनल ट्रायल्स में सीनियर मेंस फाइनल में 252.1 का स्कोर करके गोल्ड मेडल जीता था. इस साल धनुष ने खेलो इंडिया गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
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First published: November 13, 2019, 6:25 PM IST
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