होम /न्यूज /खेल /Wimbledon 2021: जोकोविच को नाकों चने चबवाकर भी कोर्ट से रोते हुए निकले शापावलोव

Wimbledon 2021: जोकोविच को नाकों चने चबवाकर भी कोर्ट से रोते हुए निकले शापावलोव

Wimbledon 2021: डेनिस शापावलोव हार के बाद रुंआसे नजर आए. (AP)

Wimbledon 2021: डेनिस शापावलोव हार के बाद रुंआसे नजर आए. (AP)

Wimbledon 2021: डेनिस शापावलोव ने नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) के खिलाफ इतनी आसानी से प्वाइंट बनाए कि भरोसा करना मुश् ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. डेनिस शापावलोव. विंबलडन के सेमीफाइनल में नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) को नाकों चबवाने वाले खिलाड़ी का यही नाम है. वही जोकोविच जिन्होंने चंद दिन पहले लाल बजरी के किंग राफेल नडाल को हराया, सितसिपास से फाइनल में दो सेट से पिछड़कर भी फ्रेंच ओपन जीता. जोकोविच जो 20वां ग्रैंडस्लैम जीतने के बेहद करीब हैं, डेनिस शापावलोव (Denis Shapovalov) ने उनके खिलाफ शुक्रवार को इतनी आसानी से प्वाइंट बनाए कि भरोसा करना मुश्किल हो गया. हालांकि, कनाडा का यह खिलाड़ी विंबलडन (Wimbledon) के इस मैच को मनचाहे अंजाम तक नहीं ले जा सका.

नोवाक जोकोविच को फॉलो करने वाले खेलप्रेमी जानते हैं कि सर्बिया का यह खिलाड़ी करियर की उस ऊंचाई पर है, जो किसी भी खिलाड़ी का सपना हो सकता है. नोवाक ने पिछले 4-5 साल में हर खिलाड़ी को हराया है और बड़ी आसानी से. विंबलडन  (Wimbledon 2021) सेमीफाइनल में शुक्रवार को उनके सामने शापावलोव थे. वही शापावलोव, जो जोकोविच से अपने पिछले सभी 6 मैच हार चुके थे. सारे रिकॉर्ड और एनालिसिस इस सेमीफाइनल को एकतरफा मानकर चल रहे थे, जैसे जोकोविच के लिए यह मैच हलवा साबित होने जा रहा हो. लेकिन जिसने भी यह मैच देखा, वह बेहिचक यह मान सकता है कि यह जोकोविच के करियर के सबसे कठिन मैचों में से एक था.

शापावलोव की सर्विस पर नोवाक असहाय 
नोवाक आज नंबर-1 हैं और लंबे समय से टॉप पर हैं तो यह कहने की जरूरत नहीं कि उनमें वह हर खूबी है जो बेहतरीन खिलाड़ी में होनी चाहिए. फिर भी अगर आज वे रोजर फेडरर और राफेल नडाल को पीछे छोड़ने की हालत में हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह उनका मजूबत बैकहैंड और रिटर्न की काबिलियत हैं. उन्हें इस सदी का सबसे बेहतरीन रिटर्नर माना जाता है. विंबलडन सेमीफाइनल (Wimbledon Semifinal 2021) में उनकी इस काबिलियत की शापावलोव ने कड़ी परीक्षा ली. बाएं हाथ के इस खिलाड़ी की सर्विस पर नोवाक असहाय से नजर आए.

वनहैंडेड बैकहैंड से परेशान हुए जोकोविच
22 साल के शापावलोव ने जोकोविच के खिलाफ तीन सेट में जितनी आसानी से प्वाइंट जीते, उतने पहले शायद ही किसी ने जीते हों. कनाडाई खिलाड़ी के फोरहैंड और वनहैंडेड बैकहैंड ने भी 19 ग्रैंडस्लैम विजेता को खूब परेशान किया. तो आखिर क्या वजह रही कि शापावलोव मैच के बाद रोते हुए कोर्ट से बाहर निकले? चाहें तो इसका सरल जवाब ढूंढ़ सकते हैं और वह है उनकी हार. लेकिन हर सवाल के जवाब इतने आसान नहीं हुआ करते.

नोवाक की आंखों में हार का डर
दरअसल, पिछले करीब दो महीने में यह पहला मौका था जब नोवाक की आंखों में हार का डर दिख रहा था. शापावलोव से हार का डर. इस मैच में नोवाक हर प्वाइंट के लिए जितना फोकस दिखे, उतना शायद पिछले 50 दिन में एक भी बार नहीं. उन्हें ना सिर्फ शापावलोव के सर्विस रिटर्न करने में दिक्कत आ रही थी, बल्कि रिटर्न के बावजूद वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं होते थे कि दूसरी ओर से शानदार विनर नहीं आएगा. सेंटर कोर्ट में जोकोविच पर ऐसा दबदबा शायद ही किसी खिलाड़ी ने कभी भी बनाया था. हर कोई मान रहा था कि शापावलोव अपने करियर का सबसे बड़ा मैच जीतने के बेहद करीब हैं. लेकिन उनका जोश नाजुक मौकों पर नोवाक के अनुभव से हार गया.

यह भी पढ़ें: क्रिकेटर एश्ले बार्टी ने पहली बार जीता विंबलडन, करियर का दूसरा ग्रैंडस्लैम टाइटल

यह भी पढ़ें: चेस फेडरेशन की कलह फिर आई सामने, लाहिड़ी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

11 से 1 ब्रेक प्वाइंट कन्वर्ट कर पाए शापावलोव
विंबलडन के इस बेहद कड़े सेमीफाइनल में नोवाक ने 10 बार ब्रेक प्वाइंट बनाया और इनमें से तीन को विनिंग प्वाइंट में कन्वर्ट भी किया. शापावलोव ने नोवाक से ज्यादा ब्रेक प्वाइंट बनाए. पूरे ग्यारह ब्रेक प्वाइंट. लेकिन वे 11 से सिर्फ एक ब्रेक प्वाइंट को कन्वर्ट कर पाए. नाजुक पलों में ऐसी कुछ गलतियों ने शापावलोव को हारने के लिए मजबूर कर दिया. उनकी हार कुछ ऐसी थी, जैसे जीत जेब से फिसल गई हो, जैसे हाथ तो आया पर मुंह नहीं लगा. मैच अंतत: 7-6(3), 7-5, 7-5 से नोवाक के नाम रहा.

‘एक दिन ग्रैंडस्लैम जीतेंगे शापावलोव’
नोवाक अपने अपार अनुभव का फायदा उठाकर शापावलोव को हराने में कामयाब रहे. अपने विरोधियों के बेहतर खेल का दिल से सम्मान करने वाले सर्बियाई खिलाड़ी को यह एहसास था कि उन्होंने लगभग डूबी कश्ती को निकाला है. यही कारण था कि उन्होंने शापावलोव की दिल से तारीफ की और कहा, ‘आप स्कोर लाइन पर मत जाइए. स्कोर लाइन से कभी भी इस मैच के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. यह बहुत मुश्किल मैच था. शापावलोव ने जबरदस्त खेल दिखाया. हार के बाद वे भावुक हो गए. वे महान खिलाड़ी हैं और एक दिन यकीनन ग्रैंडस्लैम भी जीतेंगे.’ शापावलोव को भी यह बखूबी एहसास है कि उन्होंने अपने करियर का एक बेहतरीन मौका गंवा दिया है. यही कारण था कि जब वे कोर्ट से बाहर निकले तो उनकी आंखें नम थीं.

Tags: Denis Shapovalov, Novak Djokovic, Sports news, Wimbledon, Wimbledon 2021

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें