टोक्यो ओलिंपिक टलने से दीपा करमाकर को 'फायदा', टिकट हासिल करने के लिए मिलेंगे 2 मौके
टोक्यो ओलिंपिक टलने से दीपा करमाकर को 'फायदा', टिकट हासिल करने के लिए मिलेंगे 2 मौके
दीपा करमाकर काफी समय से चोटों से जूझ रही थीं (फाइल फोटो)
आठ विश्व कप में से अब सिर्फ दो ही विश्व कप बचे हैं, जो पहले मार्च में होने थे, मगर कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण अब अगले साल ही इसके आयोजन की संभावना नजर आ रही है
नई दिल्ली. टोक्यो ओलिंपिक के स्थगित होने से चोटों से परेशान भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर (Dipa Karmakar) के लिए उम्मीद की किरण जगी है, जो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने के मौके का फायदा उठाने की तैयारी में जुटी हैं. दीपा घुटने की चोट के कारण कट में प्रवेश करने का मौका चूक गई थीं. 2016 रियो ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली दीपा ने 2017 में घुटने की सर्जरी कराई और 2018 में उनकी वापसी थोड़े समय तक ही रही, क्योंकि पिछले साल बाकू में कलात्मक जिम्नास्टिक्स विश्व कप में इस चोट ने उन्हें फिर परेशान करना शुरू कर दिया. उन्हें दोहा विश्व से भी हटना पड़ा और 2019 में अक्टूबर में हुई विश्व कलात्मक जिम्नास्टिक्स चैम्पियनशिप के लिये समय पर उबर नहीं सकीं.
दो विश्व की तैयारियों का मिलेगा मौका
दीपा ने पीटीआई से कहा कि आठ विश्व कप थे, लेकिन अब केवल दो ही बचे हैं, जिन्हें मार्च में कराया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब इन्हें जून तक स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए ये शायद अगले साल होंगे. इससे मुझे उबरने के लिए और इन दो टूर्नामेंट की तैयारी करने के लिए काफी समय मिल जाएगा. कोविड-19 के कारण पिछले हफ्ते टोक्यो ओलिंपिक खेलों को अगले साल तक स्थगित करना पड़ा था. दीपा ने कहा कि मैं फॉर्म में वापसी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी और उम्मीद है कि मैं अच्छा करके क्वालीफाई कर सकती हूं, लेकिन इस समय सबसे अहम है कि हम इस कोरोना वायरस (Coronavirus) को हरा दें, यही पहली प्राथमिकता है.
पिछले महीने से शुरू की ट्रेनिंग
दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने भी कहा कि ओलिंपिक स्थगित होने से उम्मीद की किरण जागी है. द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल कर चुके कोच ने कहा कि वह अब फिट है. वह चोट से पूरी तरह से उबर चुकी है लेकिन जिम्नास्टिक्स में आपको ट्रेनिंग की प्रक्रिया धीरे धीरे शुरू करनी होती है और दीपा ने पिछले महीने से अपना अभ्यास शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह तीन-चार महीने में वापसी कर लेगी. अभी दो टूर्नामेंट बचे हैं तो हम ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका हासिल कर सकते हैं. जिम्नास्टिक में काफी चोटें लगती हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह इसे चुनौती की तरह लेगी. कोच ने कहा कि उन्हें इन दो टूर्नामेंट में दो रजत या फिर एक स्वर्ण और एक रजत की जरूरत है. हम पूरी कोशिश करेंगे और मुझे उम्मीद है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ करेगी.
नई दिल्ली. टोक्यो ओलिंपिक के स्थगित होने से चोटों से परेशान भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर (Dipa Karmakar) के लिए उम्मीद की किरण जगी है, जो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने के मौके का फायदा उठाने की तैयारी में जुटी हैं. दीपा घुटने की चोट के कारण कट में प्रवेश करने का मौका चूक गई थीं. 2016 रियो ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली दीपा ने 2017 में घुटने की सर्जरी कराई और 2018 में उनकी वापसी थोड़े समय तक ही रही, क्योंकि पिछले साल बाकू में कलात्मक जिम्नास्टिक्स विश्व कप में इस चोट ने उन्हें फिर परेशान करना शुरू कर दिया. उन्हें दोहा विश्व से भी हटना पड़ा और 2019 में अक्टूबर में हुई विश्व कलात्मक जिम्नास्टिक्स चैम्पियनशिप के लिये समय पर उबर नहीं सकीं.
दो विश्व की तैयारियों का मिलेगा मौका
दीपा ने पीटीआई से कहा कि आठ विश्व कप थे, लेकिन अब केवल दो ही बचे हैं, जिन्हें मार्च में कराया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब इन्हें जून तक स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए ये शायद अगले साल होंगे. इससे मुझे उबरने के लिए और इन दो टूर्नामेंट की तैयारी करने के लिए काफी समय मिल जाएगा. कोविड-19 के कारण पिछले हफ्ते टोक्यो ओलिंपिक खेलों को अगले साल तक स्थगित करना पड़ा था. दीपा ने कहा कि मैं फॉर्म में वापसी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी और उम्मीद है कि मैं अच्छा करके क्वालीफाई कर सकती हूं, लेकिन इस समय सबसे अहम है कि हम इस कोरोना वायरस (Coronavirus) को हरा दें, यही पहली प्राथमिकता है.
पिछले महीने से शुरू की ट्रेनिंग
दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने भी कहा कि ओलिंपिक स्थगित होने से उम्मीद की किरण जागी है. द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल कर चुके कोच ने कहा कि वह अब फिट है. वह चोट से पूरी तरह से उबर चुकी है लेकिन जिम्नास्टिक्स में आपको ट्रेनिंग की प्रक्रिया धीरे धीरे शुरू करनी होती है और दीपा ने पिछले महीने से अपना अभ्यास शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह तीन-चार महीने में वापसी कर लेगी. अभी दो टूर्नामेंट बचे हैं तो हम ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका हासिल कर सकते हैं. जिम्नास्टिक में काफी चोटें लगती हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह इसे चुनौती की तरह लेगी. कोच ने कहा कि उन्हें इन दो टूर्नामेंट में दो रजत या फिर एक स्वर्ण और एक रजत की जरूरत है. हम पूरी कोशिश करेंगे और मुझे उम्मीद है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ करेगी.
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