नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय द्वारा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद से हटाए गए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वह सोमवार को फीफा (फुटबॉल की वैश्विक निकाय) प्रमुख जियानी इन्फेंटिनो से बात करेंगे और देश पर प्रतिबंध नहीं लगाने के साथ चुनाव के लिए दो महीने का समय देने की मांग करेंगे. फीफा और एएफसी की एक संयुक्त टीम एआईएफएफ के रोजमर्रा का काम चलाने के लिए प्रशासकों की एक समिति (सीओए) के गठन के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ‘मौजूदा स्थिति को समझने’ के लिए भारत का दौरा करने के लिए तैयार है.
फीफा परिषद के सदस्य पटेल इन्फेंटिनो से आग्रह करने के अलावा विश्व फुटबॉल शासी निकाय के महासचिव फातमा समौरा से भी बात करेंगे. पटेल ने कहा कि जल्द से जल्द चुनाव कराना जरूरी है. बकौल पटेल, ‘मैं फीफा से बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि चाहे जो भी परिस्थिति हो, अगर दो महीने में चुनाव होते हैं तो कृपया भारत को थोड़ी छूट दें. हमारे खेल को इस तरह से नुकसान नहीं होगा. यह मेरा निजी प्रयास होगा. इसका कितना असर होगा इसे देखना होगा … क्योंकि फीफा परिषद में हर सदस्य व्यक्तिगत तौर पर सब कुछ तय नहीं कर सकता है.’
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बकौल प्रफुल्ल पटेल, ‘मैं कल बात करूंगा. मैं फीफा अध्यक्ष इन्फेंटिनो को फोन करूंगा और फातमा समौरा से भी बात करूंगा. मैं उनसे कहूंगा कि कृपया भारत को चुनाव कराने के लिए दो महीने का समय दें और इस दौरान हमें खेल जारी रखने दें.’ उन्होंने कहा कि वह सीओए को यह भी बताने की कोशिश करेंगे कि मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ‘कृपया जल्दी चुनाव कराने की कोशिश करें. ऐसे में उन पर जल्द से जल्द चुनाव कराने का दबाव होना चाहिए, नहीं तो भारतीय फुटबॉल को नुकसान होगा.’
पटेल ने बातचीत के दौरान, उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उन पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी जानबूझकर अध्यक्ष पद पर बने रहने का आरोप लगा था. पटेल ने कहा, ‘मैं दिसंबर 2020 में अगर इस पद से हट जाता तो कौन इसका प्रभार लेता. इसके साथ ही हमारे पुराने संविधान के अनुसार चुनाव कराना अदालत की अवमानना होती.’
उच्चतम न्यायालय ने 18 मई को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में एआईएफएफ के मामलों का प्रबंधन करने और राष्ट्रीय खेल संहिता और मानक दिशानिर्देशों के अनुरूप इसके संविधान को अपनाने के लिए तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) की नियुक्ति की. दवे के अलावा सीओए में डॉ एस .वाई. कुरैशी (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त) और भास्कर गांगुली (भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान) भी है.
पटेल ने कहा कि 2008 से एआईएफएफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद उन्हें जिस तरह से पद छोड़ना पड़ा, उसके लिए उन्हें खेद है. उन्होंने कहा, ‘हां, यह अफसोस की बात है. मुझे चुनाव और एक अच्छे बदलाव की उम्मीद थी. अफसोस है कि मैं चीजों को जारी रखने में सफल नहीं हुआ. अगर कल कोई बुरी स्थिति (फुटबॉल गतिविधि को रोकना) होती है तो मैं सहायता के लिए तैयार रहूंगा.’
उन्होंने चुनाव नहीं करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘चुनाव में देरी के लिए मैं कैसे जिम्मेदार हूं? कृपया मुझे बताएं. मैंने अभी-अभी न्यायालय के आदेश को पढ़ा. अगर मई 2022 में आदेश आया तो मैं क्या कर सकता हूं?’ उन्होंने कहा, ‘मैंने बहुत बड़ी चीजें देखी हैं. मैं फीफा परिषद की चार बैठकों में रहा हूं. मैं राज्यसभा का सदस्य हूं और मैं फिर से अपना नामांकन दाखिल करूंगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी तरह से एआईएफएफ चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
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