वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को नहीं मिला मेडल, लेकिन प्रदर्शन में हुआ सुधार
News18Hindi Updated: October 6, 2019, 4:49 PM IST

अनु रानी जैवलिन थ्रो के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी
भारत (India) की 27 सदस्यीय टीम से वर्ल्ड चैंपियनशिप (IAAF World Championship) मेडल की उम्मीद नहीं थी लेकिन भारतीय एथलीट ने प्रदर्शन में सुधार किया है
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- Last Updated: October 6, 2019, 4:49 PM IST
दोहा. एशियन चैंपियन (Asian Champion) गोपी थोनाकल (Gopi Thonakal) रविवार को पुरुष मैराथन में 21वें स्थान पर रहे जबकि भारत ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (IAAF World Athletics Championship) में अपने अभियान का अंत मिश्रित सफलता के साथ किया.
भारत की 27 सदस्यीय टीम से किसी मेडल की उम्मीद नहीं थी लेकिन इस विश्व चैंपियनशिप में टीम ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया और मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले, पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज और महिला जैवलिन के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही.
अविनाश साबले को मिला ओलिंपिक का टिकट
लॉन्ग जंप में 2003 में अंजू बाबी जार्ज (Anju Baby George) का ब्रॉन्ज मेडल विश्व चैंपियनशिप में अब तक भारत का एकमात्र मेडल है. फाइनल में जगह बनाने वाले स्टीपलचेज धावक अविनाश साबले (Avinash Sable) और मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर टीम ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 के लिए भी क्वालिफाई किया जबकि जैवलिन थ्रो में अनु रानी आठवें स्थान पर रही.
अनु जैवलिन थ्रो के फाइनल में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं जबकि अविनाश ने तीन दिन में दो बार अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा.बीजिंग में 2015 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में तीन भारतीयों ने जगह बनाई थी जबकि 2017 में लंदन में हुई विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में सिर्फ एक भारतीय पहुंचा था.
गोपी ने गर्मी के बावजूद पूरी की रेसगोपी ने दो घंटे 15 मिनट और 57 सेकेंड का समय लिया और स्पर्धा को पूरा करने वाले 55 धावकों में शीर्ष हाफ में जगह बनाई. इस स्पर्धा का आयोजन लगभग 29 डिग्री सेल्सियस तापमान और लगभग 50 प्रतिशत आर्द्रता में किया गया. मध्यरात्रि से ठीक पहले हुई मैराथन की शुरुआत 73 धावकों ने की थी लेकिन 18 खिलाड़ी इसे पूरा नहीं कर पाए.
चीन में 2017 में दो घंटे 15 मिनट और 48 सेकेंड के समय के साथ एशियाई मैराथन जीतने वाले गोपी ने मार्च में सोल में दो घंटे 13 मिनट और 39 सेकेंड का अपना सत्र का और निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.
गोपी हालांकि ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहे जिसका क्वालिफाइंग स्तर दो घंटे 11 मिनट और 30 सेकेंड था. इथोपिया के लेलिसा देसिसा (दो घंटे 10 मिनट और 40 सेकेंड) और मोसिनेट गेरेम्यू (दो घंटे 10 मिनट और 44 सेकेंड) ने पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया जबकि कीनिया के एमोस किपरुतो ने दो घंटा 10 मिनट और 51 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता.
फाइनल में पहुंची मिक्स्ड रिले टीम
शनिवार को भारत की पुरुष और महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने निराश किया जबकि जैवलिन थ्रो में शिवपाल सिंह भी विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए. जिस्ना मैथ्यू, एमआर पूवम्मा, वीके विस्मया और वेंकटेशन सुभा की भारतीय महिला टीम तीन मिनट 29 . 42 सेकेंड के समय के साथ हीट एक में छठे और पहले दौर की हीट में कुल 11वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने में विफल रही.

टीम ने हालांकि मई में जापान के योकोहामा में आईएएएफ विश्व रिले के दौरान तीन मिनट 31.93 सेकेंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार किया. बाद में अमोज जेकब, मोहम्मद अनस, के सुरेश जीवन और नोह निर्मल टाम की पुरुष टीम भी तीन मिनट 3.09 सेकेंड के समय के साथ दूसरी हीट में सातवें और 16 टीमों में कुल 13वें स्थान पर रहते हुए प्रतियोगिता से बाहर हो गई.
जैवलिन थ्रो में शिवपाल ने किा निराश
इससे पहले शिवपाल सिंह भी क्वालिफिकेशन दौर में कुल 24वें स्थान पर रहते हुए जैवविन के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे. चौबीस साल के शिवपाल ने 75.91 मीटर से शुरुआत की और फिर 78.97 मीटर का प्रयास किया. शिवपाल का तीसरा प्रयास फाउल रहा जिससे वह विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए. उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86.23 मीटर है. क्वालिफाइंग में 84 मीटर की दूरी तय करने वाले या कम से कम 12 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई. गत चैम्पियन जर्मनी के योहानेस वेटर 89.35 मीटर के साथ क्वालिफाइंग में शीर्ष पर रहे.
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भारत की 27 सदस्यीय टीम से किसी मेडल की उम्मीद नहीं थी लेकिन इस विश्व चैंपियनशिप में टीम ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया और मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले, पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज और महिला जैवलिन के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही.
अविनाश साबले को मिला ओलिंपिक का टिकट
लॉन्ग जंप में 2003 में अंजू बाबी जार्ज (Anju Baby George) का ब्रॉन्ज मेडल विश्व चैंपियनशिप में अब तक भारत का एकमात्र मेडल है. फाइनल में जगह बनाने वाले स्टीपलचेज धावक अविनाश साबले (Avinash Sable) और मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर टीम ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 के लिए भी क्वालिफाई किया जबकि जैवलिन थ्रो में अनु रानी आठवें स्थान पर रही.

अविनाश साबले ने स्टीपलचेज में ओलिंपिक कोटा हासिल किया
अनु जैवलिन थ्रो के फाइनल में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं जबकि अविनाश ने तीन दिन में दो बार अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा.बीजिंग में 2015 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में तीन भारतीयों ने जगह बनाई थी जबकि 2017 में लंदन में हुई विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में सिर्फ एक भारतीय पहुंचा था.
गोपी ने गर्मी के बावजूद पूरी की रेस
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चीन में 2017 में दो घंटे 15 मिनट और 48 सेकेंड के समय के साथ एशियाई मैराथन जीतने वाले गोपी ने मार्च में सोल में दो घंटे 13 मिनट और 39 सेकेंड का अपना सत्र का और निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.
गोपी हालांकि ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहे जिसका क्वालिफाइंग स्तर दो घंटे 11 मिनट और 30 सेकेंड था. इथोपिया के लेलिसा देसिसा (दो घंटे 10 मिनट और 40 सेकेंड) और मोसिनेट गेरेम्यू (दो घंटे 10 मिनट और 44 सेकेंड) ने पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया जबकि कीनिया के एमोस किपरुतो ने दो घंटा 10 मिनट और 51 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता.
फाइनल में पहुंची मिक्स्ड रिले टीम
शनिवार को भारत की पुरुष और महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने निराश किया जबकि जैवलिन थ्रो में शिवपाल सिंह भी विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए. जिस्ना मैथ्यू, एमआर पूवम्मा, वीके विस्मया और वेंकटेशन सुभा की भारतीय महिला टीम तीन मिनट 29 . 42 सेकेंड के समय के साथ हीट एक में छठे और पहले दौर की हीट में कुल 11वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने में विफल रही.

फाइनल में भारतीय मिक्स्ड टीम ने 3 मिनट 15.77 सेकंड का समय निकाला.
टीम ने हालांकि मई में जापान के योकोहामा में आईएएएफ विश्व रिले के दौरान तीन मिनट 31.93 सेकेंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार किया. बाद में अमोज जेकब, मोहम्मद अनस, के सुरेश जीवन और नोह निर्मल टाम की पुरुष टीम भी तीन मिनट 3.09 सेकेंड के समय के साथ दूसरी हीट में सातवें और 16 टीमों में कुल 13वें स्थान पर रहते हुए प्रतियोगिता से बाहर हो गई.
जैवलिन थ्रो में शिवपाल ने किा निराश
इससे पहले शिवपाल सिंह भी क्वालिफिकेशन दौर में कुल 24वें स्थान पर रहते हुए जैवविन के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे. चौबीस साल के शिवपाल ने 75.91 मीटर से शुरुआत की और फिर 78.97 मीटर का प्रयास किया. शिवपाल का तीसरा प्रयास फाउल रहा जिससे वह विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए. उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86.23 मीटर है. क्वालिफाइंग में 84 मीटर की दूरी तय करने वाले या कम से कम 12 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई. गत चैम्पियन जर्मनी के योहानेस वेटर 89.35 मीटर के साथ क्वालिफाइंग में शीर्ष पर रहे.
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First published: October 6, 2019, 4:49 PM IST
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