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ओलंपिक एथलेटिक्स : भारतीय एथलीटों को अब भी पहले पदक का इंतजार

Tokyo Olympics 2020 टोक्‍यो ओलंपिक में रोज 30 हजार लोगों की कोरोना जांच हो रही है (AFP)

Tokyo Olympics 2020 टोक्‍यो ओलंपिक में रोज 30 हजार लोगों की कोरोना जांच हो रही है (AFP)

एथलेटिक्स को ओलंपिक खेलों की आत्मा कहा जाता है और भारत ने भी अब तक इस प्रतियोगिता में 172 एथलीटों को उतारा है, लेकिन उस ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. एथलेटिक्स को ओलंपिक खेलों की आत्मा कहा जाता है और भारत ने भी अब तक इस प्रतियोगिता में 172 एथलीटों को उतारा है, लेकिन उसके नाम पर केवल दो पदक दर्ज हैं और वह भी उसे किसी भारतीय ने नहीं बल्कि ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी ने दिलाए थे. अभी तक कोई भी भारतीय एथलीट ओलंपिक एथलेटिक्स में पोडियम तक नहीं पहुंचा है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की पदक सूची में हालांकि भारत के नाम पर दो रजत पदक दर्ज हैं, जिन्हें पेरिस ओलंपिक 1900 में एंग्लो इंडियन एथलीट नार्मन प्रिचार्ड ने 200 मीटर दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीता था.

    प्रिचार्ड असल में ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले खिलाड़ी थे. विश्व एथलेटिक्स ने हालांकि 2005 में उनके पदकों को ग्रेट ब्रिटेन के खाते में डाल दिया था लेकिन आईओसी अब भी उन्हें भारतीय एथलीट ही मानती है. प्रिचार्ड का जन्म 23 जून 1875 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था. वह 1905 में स्थाई तौर पर ब्रिटेन में बस गए थे, जहां वह अभिनय से जुड़े और बाद में हॉलीवुड की फिल्मों में काम करने के लिए लॉस एंजिल्स चले गये थे. उन्होंने 30 अक्टूबर 1929 को लॉस एंजिल्स में अंतिम सांस ली थी.

    ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले मूल भारतीय फर्राटा धावक पूरमा बनर्जी, लंबी दूरी के धावक पादेपा चौगुले और सदाशिव दातार थे, जिन्होंने एंटवर्प ओलंपिक 2020 में हिस्सा लिया था. नीलिमा घोष और मेरी डिसूजा ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट थी. उन्होंने 1952 हेलंसिकी ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया था. घोष ने 80 मीटर बाधा दौड़ में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था.

    भारत की तरफ से 1900 से 2016 तक एथलेटिक्स में 119 पुरुष और 53 महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया लेकिन इन खेलों में भारतीय एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चौथा स्थान रहा. उड़न सिख मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे. मिल्खा सिंह का कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के कारण हाल में निधन हुआ था. उनकी अपने जीते जी किसी भारतीय एथलीट के ओलंपिक पदक जीतने की तमन्ना पूरी नहीं हो पायी.

    उड़नपरी पी टी उषा ने 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में इसके करीब पहुंच गई थी, लेकिन महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में वह भी चौथा स्थान ही हासिल कर पाई थी. टोक्यो में 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भारत के 12 एथलीटों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं और मिश्रित रिले टीम ने क्वॉलिफाई किया है. इनमें केवल भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा ही पदक के दावेदार माने जा रहे हैं. चोपड़ा ने जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 88.06 मीटर भाला फेंककर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन पिछले एक साल में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है.

    भारतीय मिश्रित रिले टीम विश्व एथेलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में तीसरे स्थान पर रही थी. केटी इरफान ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय एथलीट थे लेकिन पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल में पोडियम पर पहुंचने के लिए उन्हें अतिरिक्त प्रयास करने होंगे.

    भारत की तरफ केटी इरफान, संदीप कुमार और राहुल रोहिल्ला (पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल) अविनाश साबले (पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज), मुरली श्रीशंकर (पुरुषों की लंबी कूद), नीरज चोपड़ा (पुरुष भाला फेंक), शिवपाल सिंह (पुरुष भाला फेंक), तजिंदरपाल सिंह तूर (पुरुष गोला फेंक), कमलप्रीत कौर और सीमा पूनिया (महिला चक्का फेंक) भावना जाट और प्रियंका गोस्वामी (महिलाओं की 20 किमी पैदल चाल) तथा 4×400 मिश्रित रिले टीम टोक्यो ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.

    Tags: Indian Athletes, IOC, Neeraj Chopra, Olympics, Olympics 2020, Seema Punia, Tajinderpal Singh Toor, Tokyo 2020, Tokyo Olympics, Tokyo Olympics 2020

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