नई दिल्ली: स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी ने कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए करीब आठ करोड़ रुपए दान किए हैं. एक लाइन की यह खबर ज्यादा उत्सुकता नहीं जगाती. आखिर हजारों करोड़ के मालिक के लिए आठ करोड़ कौन सी बड़ी रकम है. लेकिन यह सिक्के का रूखा और उदास पहलू है. दूसरा पहलू बेहद संवेदनशील है, जिसे जानने के लिए आपको करीब 21 साल पहले जाना होगा. यह वो वक्त था जब लियोनेल मेसी (Lionel Messi) की जिंदगी की रफ्तार थम गई थी. उम्र बढ़ रही थी, शरीर नहीं. इलाज जरूरी था, पर पैसे न थे. बड़ा फुटबॉलर बनने का सपना आंखों में था, जिस्म साथ नहीं दे रहा था. आखिरकार मदद की आस लिए मेसी और उनके पिता ने देश छोड़ दिया. वे अर्जेंटीना (Argentina) से स्पेन (Spain) आ गए. मदद मिल गई और दुनिया को फुटबॉल का सितारा मिल गया.
इसीलिए जब लियोनेल मेसी कोरोनावायरस की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं, तो इसे पैसे में तौलना गलती होगी. मेसी तो खरा सोना हैं. बतौर इंसान बेहद संवेदनशील, वफादार और बतौर खिलाड़ी बेहद कामयाब. सही मायने में वे ऐसे रोलमॉडल हैं, जिन्हें खेल के दायरे में बांधना बेवकूफी होगी. वे हर देश-समाज के लिए आदर्श हो सकते हैं, जो जमीन से उठकर आसमान की सैर करता है, लेकिन कभी अपना इतिहास नहीं भूलता. आज वे दुनिया के सबसे कामयाब फुटबॉलर हैं. उनके नाम वर्ल्ड कप ना सही, लेकिन छह बैलन डि ओर अवॉर्ड हैं. दुनिया में सबसे अधिक. यह अवॉर्ड साल में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फुटबॉलर को दिया जाता है.
फुटबॉल के मैदान पर तो लियोनेल मेसी के ढेरों रिकॉर्ड हैं, जो दूसरे फुटबॉलरों की ईर्ष्या का कारण हो सकते हैं. लेकिन जब हम रोलमॉडल की बात करते हैं तो यह पूरे व्यक्तित्व की बात होती है. यह उस व्यक्ति के कामयाबी के शिखर तक पहुंचने के रास्ते की कहानी होती है. यहां हम मेसी के उन्हीं किस्सों का जिक्र ज्यादा कर रहे हैं, जो उनके सुपरस्टार बनने के पहले के हैं.
4 साल की उम्र से खेल रहे हैं मेसी
लियोनेल मेसी का जन्म 24 जून, 1987 में अर्जेंटीना के रोसारियो (Rosario,) शहर में हुआ था. रोसारियो वही जगह है, जो क्रांतिकारी चे ग्वेरा के शहर के तौर पर जाना जाता है. मेसी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे. पिता स्टीव फैक्ट्री में मैनेजर थे. माता-पिता चाहते थे कि मेसी फुटबॉलर बनें और सिर्फ चार साल की उम्र में उन्होंने अपने बच्चे को फुटबॉल थमा दिया.
10 साल की उम्र में रुक गई ग्रोथ
लियोनेल मेसी के सपनों को उस समय ग्रहण लगा जब 10 साल की उम्र में उन्हें अजीब बीमारी के बारे में पता चला. अचानक मालूम हुआ कि मेसी ग्रोथ हार्मोन डिफीशिएंसी से पीड़ित हैं. इस बीमारी में शरीर का विकास रुक जाता है.
इलाज में आई पैसे की कमी
इस खतरनाक बीमारी के कारण लियोनल मेसी के सपने दम तोड़ रहे थे. इलाज का खर्च हर महीने करीब डेढ़ हजार डॉलर आता था, जो उनका परिवार वहन नहीं कर पा रहा था. मेसी के तत्कालीन क्लब ने भी कोई मदद नहीं की. सपने टूटते दिख् रहे थे. तभी, स्पेन में रहने वाले मेसी के रिश्तेदारों ने उन्हें बार्सिलोना फुटबॉल क्लब (Barcelona FC) से जुड़ने की सलाह दी, जो करार होने के बाद खिलाड़ी के इलाज का खर्च भी उठाता था.
नेपकिन पेपर पर अनुबंध हुआ
बार्सिलोना (Barcelona) से जुड़ने के लिए ट्रायल देना होता है. मेसी का 1999 में ट्रायल हुआ. बार्सिलोना के अधिकारी उनका खेल देखखुश भी हुए. टीम डायरेक्टर कर्टली उनसे करार को उत्सुक थे. जब वे मेसी से मिले तो उनके पास कागज नहीं था. उन्होंने एक नेपकिन पेपर लिया और उसी पर मेसी से अनुबंध साइन करवा लिया. फिर मेसी की बीमारी का खर्च क्लब ने उठाया.
जब बाथरूम में खुद को कर लिया बंद
अब बात खेल और कुछ दिलचस्प किस्सों की. एक बार मेसी को एक टू्र्नामेंट में हिस्सा लेना था. लेकिन वे गलती कर बैठे. उन्होंने गलती से खुद को बाथरूम में लॉक कर लिया. समय बीतने लगा. जब मेसी को कुछ नहीं सूझा तो वे खिड़की का शीशा तोड़कर मैदान पर पहुंच गए. उस वक्त पहला हाफ हो चुका था और उनकी टीम 0-1 से पीछे थी. टीम पर हार का खतरा था. दूसरे हाफ ने मेसी का जादू देखा और विरोधी टीम के पसीने छूट गए. उनकी टीम 3-1 से जीत गई.
बार्सिलोना का साथ नहीं छोड़ा
लियोनेल मेसी बार्सिलोना की सीनियर टीम के लिए पहली बार 17 साल की उम्र में खेले. आज उनकी उम्र 32 साल है. इन 15 साल में मेसी को दूसरी टीमों ने खुद से जोड़ने के लिए अनगिनत ऑफर दिए. कई बार तो खबरें आईं कि उनका बार्सिलोना से जिने का अनुबंध है, उससे दोगुने का ऑफर है. हाल ही में खबर आई कि वे इतालवी लीग इंटर मिलान से जुड़ सकते हैं, जहां उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी क्रिस्टियानो रोनाल्डो युवेंटस से खेलते हैं. लेकिन हमेशा की तरह मेसी ने इस बार भी मना कर दिया.
प्रोफेशनलिज्म बड़ी या लॉयल्टी
लियोनेल मेसी के समर्थक कई बार यह बहस छेड़ते हैं कि प्रोफेशनलिज्म बड़ी या लॉयल्टी? इस बहस में वे लॉयल्टी (वफादारी) के पक्ष में होते हैं. कहते हैं कि ऐसे खिलाड़ी उंगलियों में गिने जा सकते हैं, जिन्होंने अपने क्लब के लिए करोड़ों, अरबों के ऑफर ठुकराएं हों. मेसी ऐसे ही खिलाड़ी हों. उनका पक्ष कई बार सही लगता है. हम भारतीय आईपीएल से गहराई से जुड़े हैं. इस लीग में आज तक ऐसा कोई उदाहरण देखने को नहीं मिला है, जब किसी खिलाड़ी को दोगुनी या तीन गुनी रकम का ऑफर हो और उसने अपनी टीम के लिए इसे ठुकरा दिया हो.
लव-स्टोरी की ऐसी मिसाल मुश्किल है
लियोनेल मेसी का प्रोफेशनल जीवन भर लॉयल्टी से भरा नहीं है. यह तो उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है. तभी तो सुपरस्टार बनने के बावजूद वे अपने पहले प्यार को नहीं भूले, जो उन्हें 5 साल की उम्र में हुआ था. जब मेसी स्पेन में रहने लगे और सुपर स्टार बन गए तो लोग कई बार उनसे गर्लफ्रेंड के बारे में पूछते. वे सवाल टाल जाते. साल 2009 में दुनिया को पता चला कि लियो और एंतोनिया प्रेम में हैं. 2009 में 'यूएफ़ा चैंपियंस लीग' जीतने के बाद एक टीवी चैनल 'टीवी थ्री' ने मेसी से पूछा कि 'डु यू हैव अ गर्लफ्रेंड'. मेस्सी ने जवाब दिया, 'यस, एंड शी लिव्ज़ इन अर्जेंटीना!' मेसी उस एंतोनिया (Antonella Roccuzzo) के बारे में बता रहे थे, जिसे उन्होंने महज 5 वर्ष की उम्र में अपने दोस्त के घर में देखा था.
जर्सी के भीतर फुटबॉल डालकर दी खुशखबरी
मेसी की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति के बाद एंतोनिया बार्सिलोना आ गईं. वे मेसी के साथ रहने लगीं. दो जून 2012 को इक्वाडोर के विरुद्ध गोल करने के बाद मेसी ने फ़ुटबॉल को जर्सी के भीतर डाल लिया. वे दुनिया को बता रहे थे कि एंतोनिया प्रेग्नेंट हैं. घर आ रही खुशखबरी को दुनिया को बताने का यह मेसी की अपनी स्टाइल थी. आज मेसी तीन बच्चों थियागो, मातेयो और कायरो के पिता हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2020, 20:06 IST