लंदन. ऐसे में जबकि पूरी दुनिया जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) का सामना कर रही है, इस महामारी से संक्रमित हुए लोगों को राहत देने के लिए फॉर्मूला वन टीम मर्सिडीज (Mercedes F1 team) ने एक खास यंत्र तैयार किया है. मर्सिडीज ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को सांस लेने में मदद के लिए एक यंत्र बनाया है जो उन्हें आईसीयू से बाहर कर सकता है और ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं से कुछ दबाव कम सकता है. दिलचस्प बात है कि इटली (Italy) और चीन (China) में इस यंत्र का सफलतापूर्वक इस्तेमाल भी किया जा चुका है. ब्रिटेन में कोविड-19 के 20,000 केस हैं, जबकि कोरोना वायरस के संक्रमण से 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
इटली और चीन में किया जा चुका है इस्तेमाल
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, फॉर्मूला वन टीम मर्सिडीज (Mercedes F1 team) ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) में इंजीनियरों और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन अस्पताल (यूसीएलएच के चिकित्सकों के साथ मिलकर ऐसा यंत्र तैयार किया है जो आक्सीजन मास्क और पूर्ण वेंटीलेंशन के बीच की कमी को पूरा करता है. इस यंत्र को ‘कंटीन्यूअस पॉजीटिव एयरवे प्रेशर’ (सीपीएपी) का नाम दिया गया है, जिसका इस्तेमाल इस महामारी के दौरान इटली और चीन में मरीजों के फेफड़ों में आक्सीजन भेजने के लिए किया गया था.
इटली में आधे मरीजों ने किया इस्तेमाल
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इटली में जिन मरीजों पर इस यंत्र का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से आधे मरीजों को आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन अस्पताल के क्रिटिकल केयर कंसल्टेंट प्रोफेसर मर्विन सिंगर ने कहा, इस यंत्र से कई जिंदगियां बचाईं जा सकेंगी. इसके इस्तेमाल से केवल वही मरीज आईसीयू का इस्तेमाल कर सकेंगे जिनकी हालत बेहद गंभीर होगी. उम्मीद है कि ये यंत्र ब्रिटेन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में बड़ा अंतर पैदा करेगा.
घर में भी किया जा सकता है इस्तेमाल
यूसीएल के प्रोफेसर डेविड लोमस ने कहा, इस यंत्र से जरूरतमंद लोगों तक आईसीयू की सेवा पहुंचाने के काम को मजबूती मिल सकेगी. इससे कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है. ये दिखाता है कि जब यूनिवर्सिटीज, इंडस्ट्री और अस्पताल देश के लिए साथ मिलकर काम करते हैं, तो क्या हासिल किया जा सकता है. सांस लेने में हो रही तकलीफ को दूर करने के लिए सीपीएपी का इस्तेमाल घर में भी किया जा सकता है.
ऐसे काम करता है ये यंत्र
इस यंत्र की मदद से आक्सीजन और हवा को मुंह और नाक के जरिये एक निरंतर गति से मरीज के अंदर भेजा जाता है. इससे फेफड़ों में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है. यूसीएल ने कहा कि इस यंत्र को ब्रिटेन में इस्तेमाल की सिफारिश की गई है और क्लिनिकल ट्रायल के लिए 100 यंत्र अस्पतालों में भेजे गए हैं.
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Tags: Coronavirus, Cricket news, Formula one cars, Sports news
FIRST PUBLISHED : March 30, 2020, 18:42 IST