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ओलिंपिक में क्वालीफाई करने के बाद बोले नीरज चोपड़ा, ऑपरेशन के बाद लंबे इंतजार का मिला फल

खिलाड़ियों के नेशनल वेलफेयर फंड के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पिछली बार की तरह इस बार भी उसका बजट 2 करोड़ रखा गया है.

खिलाड़ियों के नेशनल वेलफेयर फंड के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पिछली बार की तरह इस बार भी उसका बजट 2 करोड़ रखा गया है.

नीरज (Neeraj Chopra) ने एसीएनई लीग में 85.00 मीटर के ओलिंपिक मार्क से भी आगे थ्रो फेंका और ओलिंपिक का टिकट हासिल किया.

नई दिल्ली. भारत के लिए ओलिंपिक में पदक की बड़ी उम्मीद माने जा रहे जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने लंबे समय बाद वापसी की और यह साबित किया कि वह मेडल की दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं. साउथ अफ्रीका के एसीएनई लीग (ACNE League) में उन्होंने 87.86 मीटर के शानदार प्रदर्शन के साथ टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया. इस लीग का स्तर बहुत ऊंचा तो नहीं था लेकिन नीरज (Neeraj Chopra) ने अपने प्रदर्शन से साबित किया क्यों वह ओलिंपिक में देश के लिए मेडल लाने के प्रबल दावेदार हैं.

नीरज को मिला ओलिंपिक का टिकट
ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए हर जैवलिन थ्रो खिलाड़ी को 85.00 मीटर का मार्क हासिल करना है, जबकि नीरज (Neeraj Chopra) ने एसीएनई लीग में इससे 2.86 मीटर ज्यादा दूर थ्रो फेंका और ओलिंपिक का टिकट हासिल किया. नीरज ने इस लीग में गोल्ड मेडल जीता वहीं दूसरे स्थान पर भारत के रोहित रहे जिन्होंने 77.61 का थ्रो फेंका. नीरज (Neeraj Chopra) को खुद इस प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी, उन्होंने केवल वॉर्म अप को ध्यान में रखते हुए टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. पांच में से अपने पहले तीन प्रयास में उन्होंने 80 के ऊपर का थ्रो फेंका. इसके बाद उन्होंने चौथे प्रयास में और ज्यादा ताकत लगाने का फैसला किया, जिसका फल होने ओलिंपिक टिकट के रूप में मिला.

नीरज चोपड़ा ने ओलिंपिक क्वालीफिकेशन मार्क 85 मीटर पार कर लिया है


नीरज को नहीं थी इस प्रदर्शन की उम्मीद
22 साल के इस खिलाड़ी ने आखिरी बार साल 2018 में एशियन गेम्स में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने रिकॉर्ड 88.06 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसके बाद वह पहले इंजरी और फिर कोहनी के ऑपरेशन के चलते खेल से दूर रहे थे. ओलिंपिक कोटा हासिल करने के बाद न्यूज18 से खास बातचीत में नीरज ने कहा, 'मुझे लंबे इंतजार का फल मिला है. ऑपरेशन के बाद मैंने वापसी में कोई जल्दबाजी नहीं कि और खुद की फिटनेस पर काम किया. इसी का नतीजा है कि मैं ऐसा प्रदर्शन कर पाया.' वह अपनी चोट के कारण 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाए थे.



ओलिंपिक का आधा सफर भी अभी नहीं हुआ तय
पिछले साल अक्टूबर में रांची (Ranchi) में हुए नेशनल गेम्स में नीरज चोपड़ा  (Neeraj Chopra) की वापसी करने की उम्मीद थी लेकिन एएफआई ने आखिरी समय में उनका नाम टूर्नामेंट से वापस ले लिया था. उनका कहना था कि नीरज को अभी पूरी तरह से फिट होने तक इंतजार करना होगा वह उन्हें लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते. नीरज ने बताया कि अब उनका अगला लक्ष्य अपने खेल में सुधार करना है जिसके लिए वह अहम टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं. नीरज ने कहा, 'ओलिंपिक मेडल का सफर अभी आधा भी नहीं हुआ है. मेरा अगला लक्ष्य है कि मैं ओलिंपिक से पहले डायमंड लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लूं. इससे मेरी तैयारियों का स्तर और ऊंचा होगा.'

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नीरज चोपड़ा कोहनी की चोट से जूझ रहे थे जिसके कारण वह लंबे समय तक खेल से दूर रहे थे


भारत की ओलिंपिक में सबसे बड़ी उम्मीद है नीरज चोपड़ा
नीरज (Neeraj Chopra) पिछले साल आईएएएफ विश्व चैम्पियनशिप (ISSF World Championship), डायमंड लीग और एशियाई चैम्पियनशिप से चोट के कारण बाहर रहे थे. उन्होंने आखिरी बड़े टूर्नामेंट के रूप में जकार्ता (Jakarta) में 2018 एशियन खेलों में भाग लिया था जिसमें 88.06 मीटर के रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. इससे पहले उन्होंने उसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में भी 86.47 के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया था. साल 2018 में वर्ल्ड एथलेटिक्स की डायमंड लीग में वह चौथे स्थान पर रहे थे जो किसी भी भारतीय का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. नीरज (Neeraj Chopra) के करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लंदन ओलिंपिक में गोल्ड और रियो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल प्रदर्शन से भी ज्यादा है. इसी कारण उन्हें ओलिंपिक की सबसे बड़ी उम्मीद माना जाता है.

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Tags: Athletics, Indian sports, Javelin throw, Sports news, Tokyo olympic 2020

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