सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) की भतीजी ने जीते 11 गोल्ड मेडल. (Bandhvi Singh Instagram)
भोपाल. देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) पिछले दिनों हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) की भी इस हादसे में मौत हो गई थी. इस खबर से जब पूरा देश गमगीन था, तब उनकी भतीजी और नेशनल शूटर बांधवी सिंह (Bandhvi Singh) लक्ष्य काे हासिल करते हुए ना सिर्फ 11 गोल्ड मेडल जीते. बल्कि यह मेडल अपने फूफा बिपिन रावत और अन्य शहीदों को समर्पित भी किया. बांधवी सिंह मधुलिका रावत के छोटे भाई यशवर्धन सिंह की बेटी हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बांधवी सिंह ने कहा, ‘इस बार शूटिंग चैंपियनशिप में मेरा एकमात्र लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना था. मैं हर गोल्ड उन्हें और उनके साथ शहीद हुए योद्धाओं को समर्पित करना चाहती थी. मैं उन्हें हमेशा एक मेंटॉर और मार्गदर्शक के रूप में याद रखूंगी.’ पिछली चैंपियनशिप में उन्होंने 5 गोल्ड मेडल सहित 8 मेडल जीते थे. लेकिन इस बार बांधवी ने गोल्ड की संख्या दोगुनी कर दी है.
इवेंट के बाद दिल्ली हुईं रवाना
मांधवी सिंह .22 और 50 मीटर कैटेगरी की नेशनल चैंपियन भी बनीं. इवेंट के बाद वे तुरंत दिल्ली के लिए रवाना हुई. शुक्रवार को ही दिल्ली में बिपिन रावत का अंतिम संस्कार किया गया. बांधवी सिंह ने कहा कि बिपिन रावत कम बोलते थे. पर जो भी बोलते थे, वह प्रेरणा देने वाली बातें होती थीं. वे हमेशा कहते थे कि जब भी कोई काम हाथ में लो तो तब तक आराम मत करो, जब तक कि वह उसे पूरा नहीं कर लो. उनके निधन की जानकारी के बाद भी इस कारण ही मैं लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकी.
अक्टूबर में हुई थी अंतिम मुलाकात
बांधवी सिंह ने बताया कि अक्टूबर में बिपिन रावत से उनकी अंतिम मुलाकात हुई थी. पेरू में वर्ल्ड चैंपियनशिप से लौटने के बाद मैं 2 दिनों के लिए नई दिल्ली में उनके घर पर रूकी थी. बांधवी ने बताया कि कि वह मुझे कुछ इवेंट में अपने साथ ले गए. लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह उनके साथ मेरी आखिरी मुलाकात होगी. बांधवी एमपी शूटिंग एकेडमी की सदस्य हैं और वे हिस्ट्री से ग्रेजुएशन कर रही हैं.
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10वीं क्लास में उन्होंने शूटिंग शुरू की थी. 12वीं कक्षा तक लगातार छह साल बांधवी सिंह हॉकी में नेशनल चैंपियन रहीं. बांधवी सिंह ने बताया कि डेली कॉलेज इंदौर में पढ़ाई के दौरान वे शूटिंग की ओर आकर्षित हुईं. बांधवी सिंह के पिता यशवर्धन सिंह ने कहा कि दिवंगत जनरल बिपिन रावत मधुलिका के पैतृक निवास शहडोल में सैनिक स्कूल खोलना चाहते थे. हम शहडोल से ताल्लुक रखते हैं, जो आदिवासी बाहुल्य इलाका है. मैंने 15 दिन पहले जनरल रावत से बात की थी और उन्होंने जनवरी 2022 में शहडोल आने का वादा किया था.
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