नई दिल्ली. ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) के आगाज में अब एक महीने से भी कम वक्त बचा है. जापान की मेजबानी में होने वाले इन खेलों के लिए कुछ देशों के खिलाड़ी पहुंचने भी लगे हैं. इस बार टोक्यो में ओलंपिक खेल (Tokyo Olympics) होंगे. खिलाड़ियों ने इसके लिए कमर कस ली है, हालांकि कुछेक ने नाम भी वापस लिए हैं लेकिन इतने बड़े आयोजन में खेलना हर किसी खिलाड़ी के लिए गौरव की बात होती है. इन खेलों में दुनियाभर से 11 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के शामिल होने की संभावना है.
कोरोना का असर
जहां एक तरफ खिलाड़ी और आयोजक तैयारियों में जुटे हैं, दूसरी तरफ इन खेलों पर घातक कोरोना वायरस (COVID-19) का खतरा भी मंडरा रहा है. जापान में इस महामारी से 7.9 लाख प्रभावित हो चुके हैं. अब तक 14.5 हजार से ज्यादा लोगों की जान भी चली गई है, इसी वजह से दर्शकों को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. विदेशी फैंस तो स्टेडियम में जाकर खेल नहीं देख सकेंगे, सिर्फ घरेलू फैंस को ही मौका मिल सकेगा. इन खेलों का आयोजन पिछले साल होना था लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इन्हें स्थगित करने का फैसला लेना पड़ा. टोक्यो को सितंबर, 2013 में ब्यूनस आयर्स में आईओसी (International Olympic Committee) के 125वें सेशन में मेजबानी के लिए चुना गया था.
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टोक्यो 2020 ही रहेगा नाम
यूं तो इन खेलों का आयोजन 2021 में हो रहा है लेकिन इनका आधिकारिक नाम टोक्यो-2020 ही रहेगा. टोक्यो के गर्वनर यूरिको कोइके ने पिछले साल इसकी घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि भले ही एक साल के लिए खेलों का टाला गया हो, लेकिन इनका नाम टोक्यो-2020 ही रहेगा. जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक से बातचीत के बाद इन खेलों को स्थगित करने की घोषणा की थी. आबे की बाद में कुर्सी भी चली गई और उनका सपना अपने कार्यकाल में टोक्यो खेलों का आयोजन करना था.
रद्द करने की भी मांग
टोक्यो ओलंपिक खेलों को रद्द करने तक की मांग की जाने लगी थी. कोरोना वायरस महामारी के कारण खेलों को रद्द करने के लिए अभियान भी चलाया गया था. करीब एक महीने पहले ही जापान में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते राजधानी टोक्यो और तीन अन्य प्रमुख प्रान्तों में आपातकाल की स्थिति को बढ़ा दिया गया था. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी खेलों के इस महाकुंभ को रद्द करने की बात कही थी. इसके अलावा एक अभियान भी चलाया गया जिसमें जनता की राय मांगी गई. इसमें 70 प्रतिशत लोगों ने खेलों को रद्द करने के पक्ष में वोट किया था. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) इस बात पर अडिग रहा कि खेल जरूर होंगे.
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जापान नहीं कर सकता खेलों को रद्द
खेलों को रद्द करने का अधिकार मेजबान जापान के पास नहीं है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईओसी और मेजबान शहर टोक्यो के बीच एक करार है, इन खेलों को रद्द करने के संबंध में एक लेख है और यह केवल आईओसी को रद्द करने का विकल्प देता है, मेजबान शहर के लिए नहीं. इससे साफ है कि जापान इन खेलों का रद्द करने का अधिकार नहीं रखता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ओलंपिक खेल आईओसी की 'संपत्ति' (Exclusive Property) है और इसी वजह से आईओसी ही है जो करार को तोड़कर खेलों को रद्द कर सकता है.
भारत से उम्मीदें
ओलंपिक खेलों की बात की जाए तो एथलेटिक्स में सबसे अधिक मेडल रहते हैं. टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष को मिलाकर कुल 48 इवेंट होने हैं. ऐसे में कुल 144 मेडल दिए जाने हैं. भारत की बात करें तो अब तक 100 से अधिक खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं. ओलंपिक इतिहास के भारत ने अब तक सिर्फ 28 मेडल जीते हैं, जिसमें 9 स्वर्ण, 7 रजत और 12 कांस्य पदक शामिल हैं. 2008 के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी स्वर्ण पदक नहीं जीत सका है. पिछले ओलंपिक (Rio Olympic) में भारतीय खिलाड़ियों ने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज सहित दो ही पदक जीते थे.undefined
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Tags: Tokyo Olympics
FIRST PUBLISHED : June 25, 2021, 18:16 IST